अशोक

अशोक : एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया

मौर्य वंश में तीन महत्वपूर्ण राजा हुए – चन्द्रगुप्त , उसका बेटा बिन्दुसार और बिन्दुसार का पुत्र अशोक।

अशोक जिस साम्राज्य पर शासन करते थे उसकी स्थापना उनके दादा चन्द्रगुप्त मौर्य ने लगभग 2300 साल पहले की थी।

चाणक्य या कौटिल्य नाम के एक बुद्धिमान व्यक्ति ने चंद्रगुप्त की सहायता की थी।

चाणक्य के कई विचार हमें अर्थशास्त्र नाम की किताब में मिलते हैं।

साम्राज्य में बहुत – से नगर थे। इनमे साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र ,उज्जैन और तक्षशिला जैसे नगर प्रमुख थे।

तक्षशिला उत्तर – पश्चिम और मध्य एशिया के लिए आने – जाने का मार्ग था।

दूसरी तरफ उज्जैन उत्तरी भारत से दक्षिणी भारत जाने वाले रस्ते में पड़ता था।

साम्राज्य का प्रशासन

चूँकि मौर्य साम्राज्य बहुत बड़ा था , इसलिए अलग – अलग हिस्सों पर अलग – अलग ढंग से शासन किया जाता था।

पाटलिपुत्र और उसके आस – पास के इलाकों पर सम्राट का सीधा नियंत्रण था।

संदेशवाहक एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे और राजा के जासूस अधिकारीयों के कार्य – कलाप पर नजर रखते थे।

सबके ऊपर सम्राट था जो राज – परिवार एवं वरिष्ठ मंत्रियों की सहायता से सब पर नियंत्रण रखता था।

मौर्य साम्राज्य के भीतर कई छोटे क्षेत्र या प्रान्त थे। इन पर तक्षशिला या उज्जैन जैसी प्रांतीय राजधानियों से शासन किया जाता था।

कुछ हद तक पाटलिपुत्र से इन क्षेत्रों पर नियंत्रण रखा जाता था और अक्सर राजकुमारों को वहाँ का राज्यपाल ( गवर्नर ) बना कर भेजा जाता था।

लेकिन ऐसा लगता है कि इन जगहों पर स्थानीय परंपराओं और नियमों को ही माना जाता था।

प्रादेशिक केन्द्रो के बीच विस्तृत क्षेत्र थे।

इनके इलाकों में मौर्य शासक सिर्फ मार्गों और नदियों पर नियंत्रण रखने की कोशिश करते थे जो कि आवागमन के लिए महत्वपूर्ण थे।

जंगल वाले इलाको के लोग काफी हद तक स्वतंत्र थे।

उनसे यह उम्मीद की जाती थी कि वे मौर्य पदाधिकारियों को हाथी, लकड़ी , मधु और मोम जैसी चीजे लाकर दें।

अशोक

अशोक मौर्य वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक थे।

वह ऐसे पहले शासक थे जिन्होंने अभिलेखों द्वारा जनता तक अपने संदेश पहुँचाने की कोशिश की।

अशोक के ज्यादातर अभिलेख प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में हैं।

आधुनिक भारत की ज्यादातर लिपियाँ पिछले सैकड़ों वर्षों में ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न हुई।

इमारतें चित्र तथा किताबें

अशोक ने कलिंग को जितने के लिए एक युद्ध लड़ा। कलिंग तटवर्ती उड़ीसा का प्राचीन नाम है।

लेकिन युद्धजनित हिंसा और खून – खराबा देखकर उन्हें युद्ध से वितृष्णा हो गई। उन्होंने निर्णय लिया कि वे भविष्य में कभी युद्ध नहीं करेंगे।

अशोक के धम्म में किसी देवता की पूजा अथवा किसी कर्मकांड की आवश्यकता नहीं थी।

‘ धम्म ‘ संस्कृत शब्द ‘ धर्म ‘ का प्राकृत रूप है।

उन्हें लगता था कि जैसे पिता अपने बच्चों को अच्छे व्यवहार की शिक्षा देते हैं वैसे ही यह उनका कर्तव्य था कि अपनी प्रजा को निर्देश दें।

अशोक, बुद्ध के उपदेशों से भी प्रेरित हुआ था।

अशोक ने धम्म – महामात्त नाम के अधिकारियों की नियुक्ति की जो जगह – जगह जाकर धम्म की शिक्षा देते थे।

इसके अतिरिक्त अशोक ने अपने संदेश कई स्थानों पर शिलाओं और स्तंभों पर खुदवा दिए।

अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वे राजा के संदेश को उन लोगों को पढ़कर सुनाएँ जो खुद पढ़ नहीं सकते थे।

अशोक ने धम्म के विचारों को प्रसारित करने के लिए सीरिया , मिस्र , ग्रीस तथा श्री लंका में भी दूत भेजे।

अशोक ने सड़के बनवाई , कुँए खुदवाए ,विश्राम – गृह बनवाए और मनुष्यों और जानवरों की चिकित्सा की भी व्यवस्था की।

अन्यत्र

मौर्य साम्राज्य के उभरने से थोड़ा पहले लगभग 2400 वर्ष पहले, चीन में सम्राटों ने चीन की दीवार का निर्माण शुरू किया।

इसे बनाने का उद्देश्य उत्तरी सीमा की पशुपालक लोगों से रक्षा करना था।

यह दीवार लगभग 6400 किलोमीटर लंबी है।

इसकी ऊपरी सतह सड़क जैसी चौड़ी हैं।

हर 100 – 200 मीटर की दूरी पर इस पर निगरानी के लिए बुर्ज बने हुए है।

मेगस्थनीज , चन्द्रगुप्त के दरबार में पश्चिम – एशिया के यूनानी राजा सेल्यूकस निकेटर का राजदूत था।

लगभग 2200 वर्ष पहले मौर्य साम्राज्य का पतन हो गया।

इसके स्थान पर , (साथ ही अन्य जगहों पर भी ) कई नए राज्यों का उदय हुआ।

पश्चिमोत्तर में तथा उत्तर – भारत के कुछ भागों में करीब एक सौ सालों तक हिन्द – यवन राजाओं का शासन रहा।

इसके बाद पश्चिमोत्तर, उत्तर तथा पश्चिमी भारत पर शक नामक मध्य – एशियाई लोगों का शासन स्थापित हुआ।

इनमे से कुछ राज्य लगभग 500 वर्षों तक टिके रहे जब तक कि शक शासकों को गुप्त शासकों से पराजय नहीं मिल गई।

शकों के बाद कुषाणों ( लगभग 2000 वर्ष पहले ) का शासन स्थापित हुआ।

उत्तर तथा मध्यभारत के कुछ इलाकों में मौर्य सेनानायक पुष्यमित्र शुंग ने एक राज्य की स्थापना की।

शुंगों के बाद कण्व तथा कुछ और वंशों का शासन तब तक चला जब तक लगभग 1700 वर्ष पहले गुप्त साम्राज्य की स्थापना हुई।

पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों पर शकों का शासन होने के कारण उनका पश्चिमी भारत तथा मध्य भारत पर शासन कर रहे सातवाहन शासकों के साथ कई युद्ध हुए।

लगभग 2100 साल पहले स्थापित सातवाहन राज्य लगभग 400 सालों तक टिका रहा।

लगभग 1700 वर्ष पहले मध्य तथा पश्चिमी भारत में वाकाटक वंश का शासन स्थापित हुआ।

दक्षिण भारत में , 2200 से 1800 साल पूर्व के बीच चोलों, चेरों तथा पाण्ड्यों ने शासन किया।

लगभग 1500 साल पहले , पल्ल्वों और चालुक्यों के दो बड़े राज्यों की स्थापना हुई।

कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ

मौर्य साम्राज्य की शुरुआत ( 2300 साल से पहले )

MCQ

प्रश्न 1. मौर्य साम्राज्य की स्थापना किसने की ?

उत्तर- चन्द्रगुप्त मौर्य

प्रश्न 2. चाणक्य के विचार हमें किस किताब में मिलते हैं ?

उत्तर- अर्थशास्त्र

प्रश्न 3. पहले शासक जिन्होंने अभिलेखों द्वारा जनता तक अपने संदेश पहुँचाने की कोशिश की –

उत्तर- अशोक

प्रश्न 4. अशोक के ज्यादातर अभिलेख हैं –

उत्तर- प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में

प्रश्न 5. कलिंग प्राचीन नाम है –

उत्तर- तटवर्ती उड़ीसा का

प्रश्न 6. ‘ धम्म ‘ शब्द प्राकृत रूप है –

उत्तर- संस्कृत शब्द ‘ धर्म ‘ का

प्रश्न 7. अशोक ने नियुक्ति की जो जगह – जगह जाकर धम्म की शिक्षा देते थे –

उत्तर- धम्म – महामात्त नाम के अधिकारियों की

प्रश्न 8. मेगस्थनीज , चन्द्रगुप्त के दरबार में किस यूनानी राजा का राजदूत था ?

उत्तर- सेल्यूकस निकेटर