पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स :- सभी जीव अपनी किस्म को बनाए रखने के लिए जनन या गुणन करते हैं।

माता – पिता से संतति का जन्म जनन कहलाता हैं।

अधिकांश पादपों में मूल , तना और पत्तियाँ होती हैं। ये पादप के कायिक अंग कहलाते हैं।

वृद्धि की निश्चित अवधि के बाद , अधिकांश पादपों में पुष्प निकलते हैं।

पुष्प पादप में जनन का कार्य करता है। वास्तव में , पुष्प पादप के जनन अंग होते हैं। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

किसी पुष्प में केवल नर जनन अंग अथवा मादा जनन अंग या फिर दोनों ही जनन अंग हो सकते हैं।

पादप अनेक विधियों द्वारा अपनी संतति उत्पन्न करते हैं।

पादप में जनन दो प्रकार से होता हैं – अलैंगिक और लैंगिक।

अलैंगिक जनन में पादप बिना बीजों के ही नए पादप को उत्पन्न कर सकते हैं , जबकि लैंगिक जनन में नए पादप बीजों से प्राप्त होते हैं।

अलैंगिक जनन में नए पादप बीजों अथवा बीजाणुओं के उपयोग के बिना ही उगाए जाते हैं। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

अलैंगिक जनन की कुछ विधियाँ खंडन , मुकुलन , बीजाणु निर्माण और कायिक प्रवर्धन हैं।

कायिक प्रवर्धन एक प्रकार का अलैंगिक जनन हैं , जिसमें पादप के मूल , तने , पत्ती,अथवा कली ( मुकुल ) जैसी किसी कायिक अंग द्वारा नया पादप प्राप्त किया जाता हैं।

चूँकि जनन पादप के कायिक भागों से होता हैं ,अतः इसे कायिक प्रवर्धन कहते हैं।

पर्वसंधि तने या शाखा का वह भाग हैं , जहाँ से पत्ती निकलती हैं।

पुष्पकलिकाओं के अतिरिक्त ,पत्तियों के कक्ष ( पत्ती के पर्वसंधि से जुड़ाव का बिंदु ) में भी कलिकाएँ ( मुकुल ) होती हैं। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

ये कलिकाएँ प्ररोहों ( अंकुरों ) के रूप में विकसित होती हैं और कायिक कलिकाएँ कहलाती हैं।

कायिक कलिकाएँ भी नए पादप को जन्म दे सकती हैं।

ब्रायोफिल्म ( पत्थरचट्टा ) में पत्ती के किनारे के गर्त में कलिकाएँ होती हैं।

यदि इस पादप की पत्ती आद्र मृदा पर गिर जाए , तो प्रत्येक कलिका ( मुकुल ) नए पादप को जन्म दे सकती हैं।

कुछ पादपों की जड़ें ( मूल ) भी नए पादपों को जन्म दे सकती हैं। उदाहरण के लिए , शकरकंद और डालिया। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

कैक्टस जैसे पादप के वे भाग , जो मुख्य पादप से अलग हो जाते हैं ,नए पादप को जन्म देते हैं।

प्रत्येक अलग हुआ भाग नए पादप के रूप में वृद्धि कर सकता हैं।

कायिक प्रवर्धन द्वारा पादप कम समय में उगाए जा सकते हैं।

बीजों से उगाए जाने वाले पादप की अपेक्षा कायिक प्रवर्धन द्वारा उत्पन्न पादपों में पुष्प और फल कम अवधि में ही आ जाते हैं।

नए पादप जनक पादप की यथार्थ प्रतिलिपि होते हैं , क्योंकि वे एक ही जनक द्वारा उत्पन्न होते हैं। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

यीस्ट मुकुलन विधि द्वारा गुणन करते हैं। यीस्ट एक एकल कोशिका जीव हैं।

यीस्ट कोशिका से बाहर निकलने वाले छोटे बल्ब जैसे प्रवर्ध मुकुल या कली कहलाता हैं।

मुकुल क्रमश : वृद्धि करता हैं और जनक कोशिका से विलग होकर नई यीस्ट कोशिका बनता हैं।

नई यीस्ट कोशिका विकसित होकर परिपक्त हो जाती हैं और फिर नई यीस्ट कोशिकाएँ बनाती हैं।

कभी – कभी नवीन मुकुल से नए मुकुल विकसित हो जाते है जिससे एक मुकुल शृंखला बन जाती हैं। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

यदि यह प्रक्रम चलता रहे , तो कुछ ही समय में बहुत अधिक संख्या में यीस्ट कोशिकाएँ बन जाती हैं।

शैवाल खंडन द्वारा गुणन करते हैं। बीजाणु अलैंगिक जनन ही करते हैं।

प्रत्येक बीजाणु उच्च ताप और निम्न आर्द्रता जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों को झेलने के लिए एक कठोर सुरक्षात्मक आवरण से ढका रहता हैं , इसलिए ये लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।

अनुकूल परिस्थितियों में बीजाणु अंकुरित हो जाते हैं और नए जीव में विकसित हो जाते हैं।

मॉस और फर्न जैसे पादप में भी जनन बीजाणुओं द्वारा होता हैं। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स image

पुष्प पादप के जनन अंग होते है। पुंकेसर नर जनन अंग और स्त्रीकेसर मादा जनन होता है।

ऐसे पुष्प , जिनमे या तो केवल पुंकेसर अथवा केवल स्त्रीकेसर उपस्थित होते है , एकलिंगी पुष्प कहलाते है।

जिन पुष्पों में पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों ही होते है , वे द्विलिंगी पुष्प कहलाते है।

मक्का ,पपीता और ककड़ी या खीरे के पौधे में एकलिंगी पुष्प होते है। सरसों, गुलाब और पिटुनिया के पौधों में द्विलिंगी पुष्प होते है।

नर और मादा एकलिंगी पुष्प दोनों एक ही पादप पर उपस्थित हो सकते है अथवा भिन्न पादपों पर पाए जा सकते है। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

परागकोश में परागकण होते है , जो नर युग्मकों को बनाते है। स्त्रीकेसर में वर्तिकाग्र , वर्तिका और अंडाशय होते है।

अंडाशय में एक या अधिक बीजांड होते है। मादा युग्मक अथवा अंड का निर्माण बीजांड में होता है।

लैंगिक जनन में नर और मादा युग्मकों के युग्मन से युग्मनज बनता है। नर युग्मक परागकणों के अंदर और मादा युग्मक बीजांड में पाए जाते है।

परागकणों में दृढ़ सुरक्षात्मक आवरण होता है , जो उन्हें सूखने से बचता है।

किसी पुष्प के परागकोश से उसी पुष्प अथवा किसी अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र तक परागकणों के स्थानांतरण का प्रक्रम परागण कहलाता है। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

परागण दो प्रकार का होता है स्व – परागण और पर – परागण।

स्व – परागण में ,परागकण परागकोश से उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर स्थानांतरित होते है।

पर – परागण में , परागकण एक पुष्प के परागकोश से उसी प्रकार के दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र पर स्थानांतरित होते है।

परागण पवन , जल और कीटों के द्वारा हो सकता है। नर तथा मादा युग्मकों के युग्मन ( संयोग ) द्वारा बनी कोशिका युग्मनज कहलाती है।

युग्मनज बनाने के लिए नर और मादा युग्मकों के युग्मन का प्रक्रम निषेचन कहलाता है। युग्मनज भ्रूण में विकसित होता है। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

निषेचन के पश्चात अंडाशय ,फल में विकसित हो जाता है , जबकि पुष्प के अन्य भाग मुरझाकर गिर जाते है।

बीजांड से बीज विकसित होते है। बीज में एक भ्रूण होता है , जो सुरक्षात्मक बीजावरण के अंदर रहता है।

फल एक परिपक्त अंडाशय है , जबकि बीजांड बीज में विकसित होता है। बीज में विकसशील भ्रूण होता है।

प्रकृति में एक ही प्रकार के पादप विभिन्न स्थानों पर उगे हुए पाए जाते है। ऐसा बीजों के विभिन्न स्थानों पर प्रकीर्णन के कारण होता है।

बीजों का प्रकीर्णन पवन , जल अथवा जंतुओं के द्वारा होता है। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

बीज प्रकीर्णन

(१) एक ही स्थान पर पादप की अधिक संख्या की वृद्धि को रोकने ,

(२) सूर्य के प्रकाश , जल और खनिजों के लिए स्पर्धा को कम करने और

(३) नए आवासों के अधिग्रहण में सहायक होता है।

जो बीज जल द्वारा प्रकीर्णित होते है , ऐसे बीजों अथवा फल के आवरण स्पंजी अथवा तंतुमय होते है ,ताकि वे जल में प्लवन करते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकें। उदाहरण के लिए , नारियल।

जो बीज जंतुओं द्वारा प्रकीर्णित होते है, विशेषरूप से कंटकी ( काँटेदार ) बीज , इनकी हुक जैसी संरचना होती है , जिससे बीज जंतुओं के शरीर से चिपक जाते है और दूरस्थ स्थानों तक ले जाये जाते है। उदाहरण के लिए ,यूरेना एवं जैन्थियम। पादप में जनन कक्षा 7 नोट्स

MCQ

प्रश्न 1. सभी जीव अपनी किस्म को बनाए रखने के लिए करते हैं –

उत्तर- जनन या गुणन

प्रश्न 2. अधिकांश पादपों में मूल , तना और पत्तियाँ होती हैं। ये पादप के कहलाते हैं –

उत्तर- कायिक अंग

प्रश्न 3. पुष्प पादप के होते हैं –

उत्तर- जनन अंग

प्रश्न 4. पादप में जनन दो प्रकार से होता हैं –

उत्तर- अलैंगिक और लैंगिक

प्रश्न 5. अलैंगिक जनन में पादप नए पादप को उत्पन्न कर सकते हैं –

उत्तर- बिना बीजों के ही

प्रश्न 6. लैंगिक जनन में नए पादप प्राप्त होते हैं –

उत्तर- बीजों से

प्रश्न 7. अलैंगिक जनन की कुछ विधियाँ हैं –

उत्तर- खंडन , मुकुलन , बीजाणु निर्माण और कायिक प्रवर्धन

प्रश्न 8. पर्वसंधि तने या शाखा का वह भाग हैं , जहाँ से निकलती हैं –

उत्तर- पत्ती

प्रश्न 9. कायिक कलिकाएँ भी जन्म दे सकती हैं –

उत्तर- नए पादप को

प्रश्न 10. कायिक प्रवर्धन द्वारा पादप उगाए जा सकते हैं –

उत्तर- कम समय में

प्रश्न 11. यीस्ट गुणन करते हैं –

उत्तर- मुकुलन विधि द्वारा

प्रश्न 12. यीस्ट कोशिका से बाहर निकलने वाले छोटे बल्ब जैसे प्रवर्ध कहलाता हैं –

उत्तर- मुकुल या कली

प्रश्न 13. शैवाल गुणन करते हैं –

उत्तर- खंडन द्वारा

प्रश्न 14. मॉस और फर्न जैसे पादप में जनन होता हैं –

उत्तर- बीजाणुओं द्वारा

प्रश्न 15. पुष्प का नर जनन अंग है –

उत्तर- पुंकेसर

प्रश्न 16. पुष्प का मादा जनन अंग होता है –

उत्तर- स्त्रीकेसर

प्रश्न 17. ऐसे पुष्प , जिनमे या तो केवल पुंकेसर अथवा केवल स्त्रीकेसर उपस्थित होते है , कहलाते है –

उत्तर- एकलिंगी पुष्प

प्रश्न 18. जिन पुष्पों में पुंकेसर और स्त्रीकेसर दोनों ही होते है , वे कहलाते है –

उत्तर- द्विलिंगी पुष्प

प्रश्न 19. मक्का ,पपीता और ककड़ी या खीरे के पौधे में होते है –

उत्तर- एकलिंगी पुष्प

प्रश्न 20. सरसों, गुलाब और पिटुनिया के पौधों में होते है –

उत्तर- द्विलिंगी पुष्प

प्रश्न 21. परागकोश में होते है , जो नर युग्मकों को बनाते है –

उत्तर- परागकण

प्रश्न 22. वर्तिकाग्र , वर्तिका और अंडाशय होते है –

उत्तर- स्त्रीकेसर में

प्रश्न 23. अंडाशय में एक या अधिक होते है –

उत्तर- बीजांड

प्रश्न 24. मादा युग्मक अथवा अंड का निर्माण होता है –

उत्तर- बीजांड में

प्रश्न 25. लैंगिक जनन में नर और मादा युग्मकों के युग्मन से बनता है –

उत्तर- युग्मनज

प्रश्न 26. किसी पुष्प के परागकोश से उसी पुष्प अथवा किसी अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र तक परागकणों के स्थानांतरण का प्रक्रम कहलाता है –

उत्तर- परागण

प्रश्न 27. परागण दो प्रकार का होता है स्व –

उत्तर- परागण और पर – परागण

प्रश्न 28. परागकण परागकोश से उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर स्थानांतरित होते है –

उत्तर- स्व – परागण में

प्रश्न 29. परागकण एक पुष्प के परागकोश से उसी प्रकार के दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र पर स्थानांतरित होते है –

उत्तर- पर – परागण में

प्रश्न 30. युग्मनज बनाने के लिए नर और मादा युग्मकों के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है –

उत्तर- निषेचन

प्रश्न 31. युग्मनज विकसित होता है –

उत्तर- भ्रूण में

प्रश्न 32. बीजांड से विकसित होते है –

उत्तर- बीज

प्रश्न 33. फल एक परिपक्त है –

उत्तर- अंडाशय