कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स : – कुछ वस्तुओं को अन्य वस्तुओं से रगड़कर आवेशित किया जा सकता है।

आवेश दो प्रकार के होते हैं – धनावेश तथा ऋणावेश

सजातीय आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित तथा विजातीय आवेश एक दूसरे को आकर्षित करते है।

रगड़ द्वारा उत्त्पन्न विधुत आवेशों को स्थिर आवेश कहते है। 

जब आवेश गति करते हैं तो विधुत धारा बनती है।

कोई वस्तु आवेशित है या नहीं , इसकी पहचान के लिए विधुतदर्शी का उपयोग किया जाता है।

किसी आवेशित वस्तु के आवेश को पृथ्वी में स्थनांतरित करने को भूसम्पर्कण कहते है।

रेशम से रगड़ने पर काँच की छड़ द्वारा अर्जित आवेश को धनावेश कहते है। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

बादलों में आवेश के एकत्रित होने से तड़ित पैदा होती है।

बादलों तथा पृथ्वी अथवा विभिन्न बादलों के बीच विधुत विसर्जन के कारण तड़ित उत्पन्न होती है।

तड़ित चालक भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचा सकता है।

सन 1752 में अमेरिकी वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने यह दर्शाया कि तड़ित तथा आपके वस्त्रों में उत्पन्न चिंगारी वास्तव में एक ही परिघटना है। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

गरज वाले तुफानो के बनते समय वायु की धाराएँ ऊपर की ओर जाती है जबकि जल की बूँदे नीचे की ओर जाती है।

इन प्रबल गतियों के कारण आवेशों का पृथकन होता है।

एक प्रक्रिया द्वारा, जिसे हम अभी पूर्णत: नहीं समझा सके है, बादलों के ऊपरी किनारे के निकट धनावेश एकत्र हो जाते है तथा ऋणावेश बादलों के निचले किनारे पर संचित हो जाते है।

धरती के निकट भी धनावेश का संचय होता है। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

जब संचित आवेशों का परिणाम अत्यधिक हो जाता है तो वायु जो विधुत की हीन चालक है, आवेशों के परवाह को नहीं रोक पाती।

ऋणावेश तथा धनात्मक आवेश मिलते है और प्रकाश की चमकीली धारियाँ तथा ध्वनि उत्पन होती है। इसे हम तड़ित के रूप में देखते है। इस प्रक्रिया को विधुत विसर्जन कहते है।

विधुत विसर्जन की प्रक्रिया दो अथवा अधिक बादलों के बीच, अथवा बादलों तथा पृथ्वी के बीच हो सकती है।

तड़ित आघात जीवन तथा सम्पत्ति को नष्ट कर सकता है। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

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तड़ित एवं झंझा ( गरज वाले तूफान ) के समय कोई भी खुला स्थान सुरक्षित नहीं होता।

आप वन में है तो तड़ित आघात से बचने के लिए छोटे वृक्ष के नीचे शरण लीजिए।

यदि आप किसी ऐसे खुले क्षेत्र में है, जहाँ कोई शरण स्थल नहीं है तो सभी वृक्षों से काफी दुरी पर खड़े रहे।

जमीन पर न लेटे, बल्कि जमीन पर सिमटकर नीचे बैठ।

अपने हाथों को घुटनों पर तथा सिर को हाथों के बीच रखे।

इस सिथित में आप आघात के लिए लघुतम लक्ष्य बन जाएगे। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

तड़ित चालक एक ऐसी युक्ति है जिसका उपयोग भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचाने के लिए किया जाता है।

पृथ्वी के अचानक काँपने अथवा थरथराने को भूकंप कहते हैं।

भूपर्पटी के भीतर गहराई में विक्षोभ के कारण भूकंप आते हैं।

भूस्पन्द पृथ्वी की सतह पर तरंगें उत्पन्न करते है। इन तरंगों को भूकंपी तरंगें कहते है। इन तरंगों को भूकंप लेखी नामक उपकरण द्वारा रिकार्ड किया जाता है। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

पृथ्वी की यह परत ( भूपर्पटी ) एक खंड में नहीं है। यह टुकड़ो में विभाजित है। प्रत्येक टुकड़े को प्लेट कहते है।

ये प्लेट निरंतर गति करती रहती है।

जब ये एक-दूसरे से रगड़ खाती है अथवा टक्कर के कारण एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे चली जाती है , तो इसके कारण भूपर्पटी में विक्षोभ उत्पन्न होता है।

यही विक्षोभ पृथ्वी की सतह पर भूकंप के रूप में दिखाई देता है। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

पृथ्वी पर भूस्पन्द ज्वालामुखी के फटने अथवा किसी उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने अथवा किसी भूमिगत नाभिकीय विस्फोट के कारण भी उत्पन्न हो सकते है।

परन्तु अधिकांश भूकंप पृथ्वी की प्लेटो की गतियों के कारण आते है।

भूकंप प्लेटो को गतियों के कारण उत्पन्न होते है अतः जहाँ प्लेटो की सीमाएँ दुर्बल क्षेत्र होती है वहाँ भूकंप की संभावना अधिक होती है।

इन दुर्बल क्षेत्रो को भूकंपी क्षेत्र अथवा भ्रंश क्षेत्र भी कहते है। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

भारत के अति भूकंप आशंकित क्षेत्र कश्मीर, पश्चिमी तथा केंद्रीय हिमालय,समस्त उत्तर-पूर्व , कच्छ का रन , राजस्थान तथा सिंध-गंगा के मैदान है।

दक्षिण भारत के कुछ भाग भी खतरे के क्षेत्र में आते है।

8 अक्टूबर 2005 को भारत में उत्तरी कश्मीर के उरी तथा तंगधार शहरों में एक बड़ा भूकंप आया था। इससे पहले गुजरात के भुज जिले में 26 जनवरी 2001 को बड़ा भूकंप आया था।

भूकम्पों से बाढ़, भूस्खलन तथा सुनामी आ सकते है। 26 दिसंबर 2004 को हिन्द महासागर में एक विशाल सुनामी आया था। महासागर के चारों ओर के तटवर्ती क्षेत्रों में अपार हानि हुई थी। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

भूकम्प आने की भविष्यवाणी संभव नहीं है।

पृथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकंप आने की प्रवृत्ति होती है। इन क्षेत्रों को भ्रंश क्षेत्र कहते है।

किसी भूकंप की विनाशी ऊर्जा की माप रिक्टर पैमाने पर की जाती है।

रिक्टर पैमाने पर 7 से अधिक माप वाले भूकंप जीवन तथा सम्पत्ति की अपार क्षति कर सकते हैं। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

विज्ञान में अन्य बहुत से पैमाने की भाति ( डेसिबेल एक अन्य उदाहरण है ) रिक्टर पैमाना रेखिक नहीं है।

इसका अर्थ यह है कि इस पैमाने पर 6 परिणाम के भूंकप की क्षतिनाशी ऊर्जा 4 परिणाम के भूकंप की विनाशी ऊर्जा से डेढ़ गुनी अधिक नहीं है।

वास्तव में परिणाम में 2 की वृद्धि का अर्थ 1000 गुनी अधिक विनाशी ऊर्जा है।

इसीलिए , 6 परिणाम के किसी भूकंप की विनाशी ऊर्जा 4 परिणाम के भूकंप की तुलना में 1000 गुनी अधिक होती है।

हमे भूकम्पों से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियाँ बरतनी चाहिए। कुछ प्राक्रतिक परिघटनाएँ कक्षा 8 नोट्स

MCQ

प्रश्न 1. कुछ वस्तुओं को अन्य वस्तुओं से रगड़कर किया जा सकता है –

उत्तर- आवेशित

प्रश्न 2. आवेश दो प्रकार के होते हैं –

उत्तर- धनावेश तथा ऋणावेश

प्रश्न 3. सजातीय आवेश एक दूसरे को करते है –

उत्तर- प्रतिकर्षित

प्रश्न 4. विजातीय आवेश एक दूसरे को करते है –

उत्तर- आकर्षित

प्रश्न 5. रगड़ द्वारा उत्त्पन्न विधुत आवेशों को कहते है –

उत्तर- स्थिर आवेश

प्रश्न 6. जब आवेश गति करते हैं तो बनती है –

उत्तर- विधुत धारा

प्रश्न 7. कोई वस्तु आवेशित है या नहीं , इसकी पहचान के लिए उपयोग किया जाता है –

उत्तर- विधुतदर्शी का

प्रश्न 8. किसी आवेशित वस्तु के आवेश को पृथ्वी में स्थनांतरित करने को कहते है –

उत्तर- भूसम्पर्कण

प्रश्न 9. रेशम से रगड़ने पर काँच की छड़ द्वारा अर्जित आवेश को कहते है –

उत्तर- धनावेश

प्रश्न 10. बादलों तथा पृथ्वी अथवा विभिन्न बादलों के बीच विधुत विसर्जन के कारण उत्पन्न होती है –

उत्तर- तड़ित

प्रश्न 11. भवनों को तड़ित के प्रभाव से बचा सकता है –

उत्तर- तड़ित चालक द्वारा

प्रश्न 12. भूपर्पटी के भीतर गहराई में विक्षोभ के कारण आते हैं –

उत्तर- भूकंप

प्रश्न 13. भूस्पन्द पृथ्वी की सतह पर तरंगें उत्पन्न करते है। इन तरंगों को कहते है –

उत्तर- भूकंपी तरंगें

प्रश्न 14. पृथ्वी की प्लेटों की सीमाओं पर भूकंप आने की प्रवृत्ति होती है। इन क्षेत्रों को कहते है –

उत्तर- भ्रंश क्षेत्र

प्रश्न 15. किसी भूकंप की विनाशी ऊर्जा की माप की जाती है –

उत्तर- रिक्टर पैमाने पर