गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स – ब्रह्मांड में उपस्थित प्रत्येक पिंड एक दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पिंडों के बीच लगने वाले इस बाल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं तथा इस घटना को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं।

पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाए गए गुरुत्वाकर्षण बल को गुरुत्व बल कहते हैं अर्थात गुरुत्व बल , वह आकर्षण बल है जिससे किसी वस्तु को पृथ्वी अपनी ओर खींचती है।

न्यूटन ने सर्वप्रथम गुरुत्वाकर्षण बल की व्याख्या की थी।

पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति अभिकेंद्र बल के कारण है। अभिकेंद्र बल पृथ्वी के आकर्षण बल के कारण मिल पाता है।

यदि ऐसा कोई बल न हो तो चन्द्रमा एकसमान गति से सरल रेखीय पथ पर चलता रहेगा। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम

विश्व में प्रत्येक पिंड प्रत्येक अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है , इस बल को गुरुत्वाकर्षण बल के नाम से जाना जाता है।

अपने अवलोकन के आधार पर न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के नियम को गणितीय भाषा में निम्न प्रकार प्रस्तुत किया।

F = G m1 m2 / r2

1. यह बल पिंडो के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है तथा

2. उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

3. इस बल की दिशा पिंडों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

यदि दो पिंडों के द्रव्यमान क्रमश: m1 और m2 हों तथा उनके बीच की दूरी r हो , तो इस नियम के अनुसार उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिणाम

F ∝ m1 m2   … ( i )

F ∝ 1 / r2    … ( ii )

समी ( i ) व ( ii ) से , 

F ∝ m1 m2 / r2

F = G m1 m2 / r2

जहाँ G एक नियतांक है , जिसे गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं। G का SI मात्रक N m2 kg-2 है।

हैनरी कैवेंडिस ( 1731 – 1810 ) ने एक सुग्राही तुला का प्रयोग करके G का मान ज्ञात किया।

G का वर्तमान मान्य मान 6.673 ⨉ 10-11 N m2 kg-2 है।

G का मान पिंडों की प्रकृति , उनके द्रव्यमान , उनके मध्य की दूरी , माध्यम , समय , ताप इत्यादि पर निर्भर नहीं करता है तथा ब्रह्मांड के सभी कानों के लिए समान होता है।

गुरुत्वाकर्षण का नियम सार्वत्रिक इस अभिप्राय से है कि यह सभी वस्तुओं पर लागू होता है , चाहे ये वस्तुएँ बड़ी हों या छोटी , चाहे ये खगोलीय हों या पार्थिव।

F , d के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है इस कथन का अर्थ है कि यदि d को 6 गुणा कर दिया जाए , तो F को मान 36 वां भाग रह जाएगा। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक G की परिभाषा

सूत्र F = G m1 m2 / r2 से ,

G = F r2 / m1 m2

बल ( F) का SI मात्रक न्यूटन , दूरी ( r ) का SI मात्रक मीटर और द्रव्यमान ( m ) का मात्रक किलोग्राम है।

अतः G का मात्रक = न्यूटन ⨉ ( मीटर ) 2 / ( किलोग्राम ) 2 = N m2 / kg2

CGS पद्धति में G का मात्रक डाइन – सेमी 2 / ग्राम 2 होता है ।

यदि r = 1 , m1 = m2 = 1

तो , F = G

अतः संख्यात्मक रूप से ” गुरुत्वाकर्षण नियतांक का मन एकांक दूरी पर रखे दो एकांक द्रव्यमान के पिंडों के मध्य लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के बराबर होता है। “

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) , का मान 6.673 ⨉ 10-11 N m2 Kg-2 होता है।

इसका तात्पर्य है कि 1 मीटर की दूरी पर एक – एक किलोग्राम की दो वस्तुओं को रखने पर उनके बीच 6.673 ⨉ 10-11 न्यूटन का बल लगता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व

गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की सफलतापूर्वक व्याख्या करता है जो असंबद्ध मानी जाती थी :

1. हमें पृथ्वी से बांधे रखने वाला बाल ;

2. पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की गति ;

3. सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति ; तथा

4. चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार – भाटा। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

कैप्लर के नियम

प्रथम नियम – प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर एक दीर्घवृत्ताकार कक्षा में घूमता है तथा सूर्य इसके फोकस पर स्थित होता है।

द्वितीय नियम – सूर्य तथा ग्रह को मिलने वाली रेखा समान समय में समान क्षेत्रफल तय करती है।

तृतीय नियम – सूर्य से किसी ग्रह की औसत दूरी ( r ) का घन उस ग्रह के सूर्य के परित: परिक्रमण काल T के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है। अर्थात r3 / T2 = स्थिरांक

ग्रहों की गति की व्याख्या करने के लिए कैप्लर ने कोई सिद्धांत प्रस्तुत नहीं किया।

न्यूटन ने दिखाया , कि ग्रहों की गति का कारण वह गुरुत्वाकर्षण बल है , जो सूर्य उन पर लगता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

कैप्लर के तृतीय नियम से गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन

न्यूटन के कैप्लर के तीसरे नियम का प्रयोग सूर्य के द्वारा ग्रहों पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के परिकलन में किया।

माना की कक्षीय वेग v तथा ग्रह कक्षा के त्रिज्या r है , तब परिक्रमा करते हुए ग्रह पर लगने वाला बाल ,

F = m v2 / r … ( i )

यदि परिक्रमण काल T है ,तब

T = 2 π r / v या v = 2 π r / T …( ii )

यह माना समीकरण ( i ) में रखने पर ,

F = ( m / r ) ( 2 π r / T )2

F = 4 π2 m ( r / T2 )

F = ( 4 π2 m r / T2 ) ⨉ ( r2 / r2 )

F = ( 4 π2 m /r2 ) ⨉ ( r3 / T2 )

F = ( 4 π2 m / r2 ) ⨉ K  [ K= r3 / T2 ]

F ∝ 1 / r2

अतः सूर्य तथा ग्रह के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल , इनके केंद्रों से मिलाने वाली दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

मुक्त पतन

जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में गिरती हैं , तो वस्तुओं की ऐसी गति को मुक्त पतन कहते हैं।

गिरते समय वस्तुओं की गति की दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता।

लेकिन पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है।

वेग में कोई भी परिवर्तन त्वरण को उत्पन्न करता है।

जब भी कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है , त्वरण कार्य करता है।

यह त्वरण पृथ्वी के गुरत्व बल के कारण है। इसलिए इस त्वरण को पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण त्वरण या गुरुत्वीय त्वरण कहते है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

गुरुत्वीय त्वरण

किसी वस्तु पर गुरुत्व बल के कारण उत्पन्न त्वरण , गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है। इसे g से प्रदर्शित करते है।

गुरुत्वीय त्वरण का मात्रक मीटर / सेकंड 2 होता है।

पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर g का मान घटाता है।

पृथ्वी की सतह के अंदर जाने पर g का मान घटता है तथा पृथ्वी के केंद्र पर g का मान शून्य होता है।

गुरुत्वीय त्वरण का मान ध्रुवों पर अधिकतम तथा भूमध्य रेखा पर न्यूनतम होता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

G तथा g में संबंध

यदि पृथ्वी का द्रव्यमान M और R त्रिज्या हो , तो पृथ्वी की सतह पर या उससे कुछ ऊंचाई पर m द्रव्यमान की वस्तु पर न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम के अनुसार पृथ्वी द्वारा लगाए जाने वाला गुरुत्व बल,

F = G M m / R2 …(1)

यहाँ वस्तु की पृथ्वी के केंद्र से दूरी लगभग पृथ्वी की त्रिज्या के बराबर मानी जा सकती है।

यदि गुरुत्वीय त्वरण g हो , तो न्यूटन की गति के द्वितीय नियम से ,

F = द्रव्यमान ( m ) ⨉ त्वरण (g ) ….(2)

समी (1) व (2) से ,

m g = G M m / R2

अतः g = G M / R2

अतः गुरुत्वीय त्वरण g का मान किसी वस्तु के द्रव्यमान ( m ) पर निर्भर नहीं करता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

गुरुत्वीय त्वरण g के मान का परिकलन

गुरुत्वीय त्वरण g के मान का परिकलन करने के लिए , हमें g , G , M तथा R के मान रखने होंगे जैसे ,

पृथ्वी का द्रव्यमान,  M = 6 ⨉ 10 24 किग्रा

पृथ्वी की त्रिज्या ,  R = 6.4 ⨉ 10 6 मी

सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक ,

G = 6.7 ⨉ 10 -11 न्यूटन – मी 2 / किग्रा 2

g = G M / R 2 = 6.7 ⨉ 10 -11 ⨉ 6 ⨉ 10 24 / ( 6.4 ⨉ 10 6) 2 = 9.8 मी / से 2

अतः पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का मान g = 9.8 मी / से 2 है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

पृथ्वी के गुरुत्व के अंतर्गत गति की समीकरण

पृथ्वी की सतह से ऊपर h ऊंचाई से गिरती सभी वस्तुओं की गति में एक नियत त्वरण g उत्पन्न होता है , यही त्वरण गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है।

अतः स्वतंत्रतापूर्वक गिरते पिंड के समीकरण में a के स्थान पर g तथा s के स्थान पर h रखकर प्राप्त होंगे।

v = u + g t

h = u t + 1/2 g t 2

v2 = u2 + 2 g h

यदि वस्तु मुक्त रूप से छोड़ी गई है , तो वस्तु का प्रारंभिक वेग u = 0 रखकर हमें निम्न समीकरण प्राप्त होंगे

v = g t

h = 1/2 g t2

v2 = 2 g h

यदि किसी वस्तु को नीचे से ऊपर की ओर फेंका जाए , तो g = – g होगा , तब समीकरण निम्न होंगे

v = u -g t

h = u t – 1/2 g t2

v2 = u2 – 2 g h

द्रव्यमान तथा भार

द्रव्यमान – किसी वस्तु में पदार्थ का परिमाण उसका द्रव्यमान कहलाता है।

यह एक अदिश राशि है। इसका मन नियत रहता है। इसका SI मात्रक किलोग्राम है।

भार – पृथ्वी जिस बाल से किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर आकर्षित करती है , वह उस वस्तु का भार कहलाता है।

या वस्तु पर पृथ्वी का आकर्षण बल वस्तु का भार कहलाता है।

भर (w ) = वस्तु का द्रव्यमान ⨉ उस स्थान पर गुरुत्वीय त्वरण

w = m g

इसका SI मात्रक न्यूटन होता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

भार एक बल है जो ऊर्ध्वाधर दिशा में नीचे की ओर लगता है , इसलिए इसमें परिणाम तथा दिशा दोनों होते है।

किसी दिए हुए स्थान पर g का मान स्थिर रहता है। इसलिए किसी दिए हुए स्थान पर , वस्तु का भार वस्तु के द्रव्यमान m के समानुपाती होता है।

यही कारण है की किसी दिए हुए स्थान पर हम वस्तु के भार को उसके द्रव्यमान की माप के रूप में उपयोग कर सकते है।

किसी वस्तु का द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर , चाहे पृथ्वी पर या किसी अन्य ग्रह पर , उतना ही रहता है जबकि वस्तु का भार इसके स्थान पर निर्भर करता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार

चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे चंद्रमा उस वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करता है।

चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी की अपेक्षा कम है। इस कारण चन्द्रमा वस्तुओं पर कम आकर्षण बल लगाता है।

माना किसी वस्तु का द्रव्यमान m है तथा चंद्रमा पर इसका भार Wm है , अब माना चंद्रमा का द्रव्यमान Mm तथा इसकी त्रिज्या Rm है।

गुरुत्वाकर्षण के नियम लगाने पर, चंद्रमा पर भरा होगा

Wm = G Mm m / Rm2

Wm = G ⨉ 7.36 ⨉ 10 22 m / ( 1.74 ⨉ 10 6)2

Wm = 2.431 ⨉ 1010 G ⨉ m  …( 1 )

पुनः माना उसी वस्तु का पृथ्वी पर भरा We है , पृथ्वी का द्रव्यमान M है तथा इसकी त्रिज्या R है। इसलिए पृथ्वी पर वस्तु का भार

We = G M m / R2

We = G ⨉ 5.98 ⨉ 1024 m / ( 6.37 ⨉ 106 )2

We = 1.474 ⨉ 1011 G ⨉ m …( 2 )

समीकरण 1 को समीकरण 2 से भाग देने पर ,

Wm / We = 2.431 ⨉ 1010 / 1.474 ⨉ 1011

Wm = 1 / 6 We

अतः वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर वास्तु के भार का 1 / 6 गुना होता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स image

प्रणोद तथा दाब

किसी वस्तु की सतह के लंबवत लगने वाले बाल को प्रणोद कहते हैं।

किसी पृष्ठ पर लगने वाले प्रणोद का मान उस पृष्ठ के क्षेत्रफल पर निर्भर करता है।

प्रणोद का मात्रक बल के समान होता है अर्थात प्रणोद का SI मात्रक न्यूटन है। यह एक सदिश राशि है।

प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले प्रणोद को दाब कहते हैं।

दाब = प्रणोद / क्षेत्रफल

दाब का SI मात्रक न्यूटन मीटर -2 होता है। यह एक अदिश राशि है।

वैज्ञानिक ब्लैस पास्कल के सम्मान में दाब के मात्रक को पास्कल कहते हैं।

1 पास्कल = 1 न्यूटन मीटर -2

एक ही बल कम क्षेत्रफल पर लगने पर अधिक दाब उत्पन्न करता है व अधिक क्षेत्रफल पर लगने पर काम दाब उत्पन्न करता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

तरलो में दाब

द्रव्य तथा गैसों का सम्मिलित रूप तरल कहलाता है।

ठोस अपने भार के कारण किसी सतह पर दाब लगता है।

इसी प्रकार , तरल में भी भार होता है तथा वह भी वे जिस बर्तन में रखे जाते हैं उसके आधार तथा दीवारों पर दाब लगते हैं।

किसी बर्तन में रखें तरल के किसी बिंदु पर लगने वाला दाब सभी दिशाओं में बिना घटे संचरित हो जाता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

उत्प्लावकता

जब किसी वस्तु को किसी द्रव में डुबाया जाता है , तो द्रव द्वारा वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगता है , इस बाल को उत्प्लावन बल या उत्क्षेप कहते हैं तथा द्रव की इस प्रवृत्ति को उत्प्लावकता कहते है।

उत्प्लावन बल के कारण ही द्रव में भारी वस्तु हल्की प्रतीत होती है।

उत्प्लावन बल का परिमाण तरल के घनत्व पर निर्भर करता है।

जब कोई वस्तु द्रव में दुबई जाती है , तो वह हल्की प्रतीत होती है। द्रव में वस्तु के भार में कमी को वस्तु का आभासी भार कहते हैं।

गहराई के साथ द्रव द्वारा दाब का मान बढ़ता जाता है और यह सभी दिशाओं में समान रूप से कार्य करता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

उत्प्लावन बल को प्रभावित करने वाले कारक

उत्प्लावन बल का मान निम्न कारकों पर निर्भर करता है –

तरल का घनत्व – उच्च घनत्व वाला द्रव निम्न घनत्व वाले द्रव की तुलना में अधिक उत्प्लावन बल लगता है।

समुद्र के जल में तैरना , साधारण जल में तैरने की तुलना में सरल होता है क्योंकि समुद्र के जल का घनत्व उच्च होता है।

जल में डूबी हुई वस्तु का आयतन – किसी वस्तु पर कार्यरत उत्प्लावन बल का मन , वस्तु की प्रकृति पर निर्भर नहीं करता है। यह केवल वस्तु के जाल में डूबे हुए आयतन पर निर्भर करता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

जल में वस्तु का तैरना या डूबना

जब किसी वस्तु को जल में डुबाया जाता है , तो निम्न दो बल उस पर कार्य करते हैं –

वस्तु का भार नीचे की ओर कार्य करता है अर्थात यह वस्तु को नीचे खींचने का प्रयत्न करता है।

उत्प्लावन बल ऊपर की ओर कार्य करता है अर्थात यह वस्तु को ऊपर की ओर खींचने का प्रयत्न करता है।

वस्तु का डूबना या तैरना इन दोनों बालों के परिणाम पर निर्भर करता है जोकि विपरीत दिशा में कार्य करते हैं। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

वस्तु के तैरने या डूबने की निम्न तीन स्थितियाँ संभव है –

यदि वस्तु पर कार्यरत उत्प्लावन बल , वस्तु के भार से कम होता है , तो वस्तु द्रव में डूब जाती है।

यदि वस्तु पर कार्यरत उत्प्लावन बल , वस्तु के भार के तुल्य होता है , तो वस्तु द्रव में तैरती है।

यदि वस्तु पर कार्यरत उत्प्लावन बल , वस्तु के भार से अधिक होता है , तो वस्तु द्रव में ऊपर की ओर आकर तैरने लगती है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

घनत्व

किसी पदार्थ के एकांक आयतन के द्रव्यमान को घनत्व कहते हैं।

घनत्व = पदार्थ का द्रव्यमान / पदार्थ का आयतन

घनत्व का SI मात्रक किलोग्राम / मीटर 3 होता है। यह एक सदिश राशि है।

विशिष्ट परिस्थितियों के अंतर्गत पदार्थ का घनत्व नियत रहता है , अतः घनत्व पदार्थ का एक अभिलाक्षणिक गुण है।

इसके द्वारा शुद्धता का मापन किया जाता है। यह भिन्न पदार्थों के लिए भिन्न होता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

आर्किमिडीज का सिद्धांत

आर्किमिडीज का सिद्धांत के अनुसार , जब किसी वस्तु को किसी तरल में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबाया जाता है , तो वह ऊपर की दिशा में एक बल का अनुभव करती है , जो वस्तु द्वारा हटाए गए तरल के भार के बराबर होता है

वस्तु पर कार्यरत उत्प्लावन बल = वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव का भार

इस सिद्धांत के अनुसार , ‘ यदि वस्तु का भार , उसके द्वारा हटाए गए द्रव के बराबर होता है , तो वस्तु द्रव में तैरती है , जिसे प्लवन का नियम कहते हैं। ‘ गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

आर्किमिडीज के सिद्धांत के अनुप्रयोग

आर्किमिडीज के सिद्धांत के अनुप्रयोग निम्न है –

जलयानो तथा पनडुब्बियों के डिजाइन बनाने में।

दुग्ध मापी तथा हाइड्रोमीटर इसी सिद्धांत पर आधारित है।

पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करने में। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

आपेक्षिक घनत्व

किसी पदार्थ का अपेक्षिक घनत्व उस पदार्थ के घनत्व व जल के घनत्व के अनुपात के बराबर होता है।

पदार्थ का अपेक्षित घनत्व = पदार्थ का घनत्व / जल का घनत्व

आपेक्षिक घनत्व दो समान राशियों का अनुपात है , इसलिए इसका कोई मात्रक नहीं होता है। गुरुत्वाकर्षण क्लास 9 नोट्स

MCQ

प्रश्न 1. ब्रह्मांड में उपस्थित प्रत्येक पिंड एक दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पिंडों के बीच लगने वाले इस बाल को कहते हैं –

उत्तर- गुरुत्वाकर्षण बल

प्रश्न 2. पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाए गए गुरुत्वाकर्षण बल को कहते हैं –

उत्तर- गुरुत्व बल

प्रश्न 3. गुरुत्वाकर्षण बल पिंडो के द्रव्यमानों के गुणनफल के होता है –

उत्तर- समानुपाती

प्रश्न 4. गुरुत्वाकर्षण बल पिंडो के बीच की दूरी के वर्ग के होता है –

उत्तर- व्युत्क्रमानुपाती

प्रश्न 5. गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा पिंडों को मिलाने वाली रेखा के होती है –

उत्तर- अनुदिश

प्रश्न 6. गुरुत्वाकर्षण नियतांक का मन एकांक दूरी पर रखे दो एकांक द्रव्यमान के पिंडों के मध्य लगने वाले बल के बराबर होता है –

उत्तर- गुरुत्वाकर्षण

प्रश्न 7. कैप्लर के प्रथम नियम के अनुसार , प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर एक दीर्घवृत्ताकार कक्षा में घूमता है तथा सूर्य स्थित होता है –

उत्तर- इसके फोकस पर

प्रश्न 8. कैप्लर के द्वितीय नियम के अनुसार , सूर्य तथा ग्रह को मिलने वाली रेखा समान समय में समान तय करती है –

उत्तर- क्षेत्रफल

प्रश्न 9. कैप्लर के तृतीय नियम के अनुसार ,सूर्य से किसी ग्रह की औसत दूरी ( r ) का घन उस ग्रह के सूर्य के परित: परिक्रमण काल T के वर्ग के होता है –

उत्तर- अनुक्रमानुपाती

प्रश्न 10. जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर केवल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव में गिरती हैं , तो वस्तुओं की ऐसी गति को कहते हैं –

उत्तर- मुक्त पतन

प्रश्न 11. किसी वस्तु पर गुरुत्व बल के कारण उत्पन्न त्वरण , कहलाता है –

उत्तर- गुरुत्वीय त्वरण ( g )

प्रश्न 12. गुरुत्वीय त्वरण का मात्रक होता है –

उत्तर- मीटर / सेकंड 2

प्रश्न 13. पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर g का मान –

उत्तर- घटाता है

प्रश्न 14. पृथ्वी की सतह के अंदर जाने पर g का मान –

उत्तर- घटता है

प्रश्न 15. पृथ्वी के केंद्र पर g का मान होता है –

उत्तर- शून्य

प्रश्न 16. गुरुत्वीय त्वरण का मान ध्रुवों पर होता है –

उत्तर- अधिकतम

प्रश्न 17. गुरुत्वाकर्षण नियतांक ( G ) का मान ब्रह्मांड में सभी स्थानों पर होता है –

उत्तर- नियत

प्रश्न 18. किसी वस्तु में पदार्थ का परिमाण उसका कहलाता है –

उत्तर- द्रव्यमान

प्रश्न 19. द्रव्यमान एक राशि है –

उत्तर- अदिश

प्रश्न 20. द्रव्यमान का SI मात्रक है –

उत्तर- किलोग्राम

प्रश्न 21. पृथ्वी जिस बाल से किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर आकर्षित करती है , वह उस वस्तु का कहलाता है –

उत्तर- भार

प्रश्न 22. भार का SI मात्रक होता है –

उत्तर- न्यूटन

प्रश्न 23. वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर वास्तु के भार का होता है –

उत्तर- 1 / 6 गुना

प्रश्न 24. किसी वस्तु की सतह के लंबवत लगने वाले बाल को कहते हैं –

उत्तर- प्रणोद

प्रश्न 25. किसी पृष्ठ पर लगने वाले प्रणोद का मान निर्भर करता है –

उत्तर- उस पृष्ठ के क्षेत्रफल पर

प्रश्न 26. प्रणोद का SI मात्रक होता है –

उत्तर- न्यूटन

प्रश्न 27. प्रणोद एक राशि है –

उत्तर- सदिश

प्रश्न 28. प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले प्रणोद को कहते हैं –

उत्तर- दाब

प्रश्न 29. दाब का SI मात्रक होता है –

उत्तर- न्यूटन मीटर -2

प्रश्न 30. वैज्ञानिक ब्लैस पास्कल के सम्मान में दाब के मात्रक को कहते हैं –

उत्तर- पास्कल

प्रश्न 31. जब किसी वस्तु को किसी द्रव में डुबाया जाता है , तो द्रव द्वारा वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगता है , इस बाल को कहते हैं –

उत्तर- उत्प्लावन बल या उत्क्षेप

प्रश्न 32. उत्प्लावन बल का परिमाण निर्भर करता है –

उत्तर- तरल के घनत्व पर

प्रश्न 33. द्रव में वस्तु के भार में कमी को वस्तु का कहते हैं –

उत्तर- आभासी भार

प्रश्न 34. किसी पदार्थ के एकांक आयतन के द्रव्यमान को कहते हैं –

उत्तर- घनत्व

प्रश्न 35. घनत्व का SI मात्रक होता है –

उत्तर- किलोग्राम / मीटर 3

प्रश्न 36. घनत्व एक राशि है –

उत्तर- सदिश

प्रश्न 37. घनत्व पदार्थ का एक गुण है –

उत्तर- अभिलाक्षणिक

प्रश्न 38. यदि वस्तु का भार , उसके द्वारा हटाए गए द्रव के बराबर होता है , तो वस्तु द्रव में तैरती है , जिसे कहते हैं –

उत्तर- प्लवन का नियम