संविधान का निर्माण

संविधान का निर्माण

संविधान का निर्माण :- 1934 में पहली बार एम. एन. रॉय ने संविधान सभा के गठन का विचार रखा।

1935 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार आधिकारिक तौर पर भारत के संविधान को बनाने के लिए एक संविधान सभा की मांग की।

1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से पंडित जवाहरलाल नेहरू ने घोषणा की कि स्वतंत्र भारत के संविधान का निर्माण बिना किसी बहरी हस्तक्षेप के वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनी गई संविधान सभा द्वारा किया जाएगा।

सन 1940 के ‘ अगस्त प्रस्ताव ‘ के नाम से जानी जाने वाली इस मांग को अंततः ब्रिटिश सरकार ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया। संविधान का निर्माण

सन 1942 में ब्रिटिश सरकार के कैबिनेट मंत्री सर स्टैफोर्ड क्रिप्स , एक स्वतंत्र संविधान के निर्माण के लिए ब्रिटिश सरकार के एक प्रारूप प्रस्ताव ( जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अपनाया जाना था ) के साथ भारत आए।

क्रिप्स प्रस्ताव को मुस्लिम लीग ने खारिज कर दिया क्योंकि वह चाहती थी कि भारत को दो स्वायत्त हिस्सों में बांट दिया जाए, जिनकी अपनी – अपनी संविधान सभाएं हों।

अंत में ब्रिटिश सरकार द्वारा एक कैबिनेट मिशन को भारत भेजा गया। जिसने दो संविधान सभा की मांग को ठुकरा दिया लेकिन उसने ऐसी संविधान सभा के निर्माण की योजना सामने रखी, जिसने मुस्लिम लीग को बहुत हद तक संतुष्ट कर दिया। संविधान का निर्माण

भारतीय संविधान सभा का गठन तीन सदस्यीय कैबिनेट मिशन ( लार्ड पथिक लारेंस ,सर स्टैंफर्ड क्रिप्स और A.V अलेक्जेंडर ) जो 24 मार्च 1946 को भारत पहुंचा की अनुशंसा पर किया गया।

कैबिनेट मिशन ने अपनी योजना को 16 मई , 1946 को प्रकाशित किया।

इसके अनुसार संविधान सभा की कुल संख्या 389 होनी थी। इनमें से 296 सीटें ब्रिटिश भारत और 93 सीटें देशी रियासतों को आवंटित की जानी थी।

ब्रिटिश भारत को आवंटित की गई 296 सीटों में 292 सदस्यों का चयन 11 गवर्नरों के प्रांतो और 4 का चयन मुख्य आयुक्तों के प्रांतो से किया जाना था।

हर प्रान्त व देसी रियासतों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटें आवंटित की जानी थीं। मोटे तौर पर कहा जाए तो प्रत्येक 10 लाख लोगों पर 1 सीट आवंटित की जानी थी। संविधान का निर्माण

प्रांतो का प्रतिनिधित्व मुख्यत: तीन प्रमुख समुदायों की जनसंख्या के आधार पर विभाजित किया गया था , ये समुदाय थे –
मुस्लिम – 79
सिक्ख – 4
सामान्य – 213

प्रत्येक समुदाय के प्रतिनिधियों का चुनाव प्रांतीय असेंबली में उस समुदाय के सदस्यों द्वारा किया जाना था और एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से समानुपातिक प्रतिनिधित्व तरीके से मतदान किया जाना था।

देशी रियासतों के प्रतिनिधियों का चयन रियासतों के प्रमुखों द्वारा किया जाना था।

अतः यह स्पष्ट था कि संविधान सभा आंशिक रूप से चुनी हुई और आंशिक रूप से नामांकित निकाय थी।

इसके आलावा सदस्यों का चयन अप्रत्यक्ष रूप से प्रांतीय व्यवस्थापिका के सदस्यों द्वारा किया जाना था, जिनका चुनाव एक सिमित मताधिकार ( भारत सरकार अधिनियम , 1935 के द्वारा कर, संपत्ति , एवं शिक्षा के आधार पर दिया गया ) के आधार पर किया जाना था। संविधान का निर्माण

मिशन योजना के अनुसार जुलाई , 1946 ई. में संविधान सभा का चुनाव हुआ। कुल 389 सदस्यों में से प्रांतो के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुआ।

इसमें कांग्रेस को 208 , मुस्लिम लीग को 73 तथा छोटे समूह व स्वतंत्र सदस्यों को 15 सीटे मिली।

यद्यपि संविधान सभा का चुनाव भारत के वयस्क मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीं हुआ तथापि इसमें प्रत्येक समुदाय के प्रतिनिधियों को जगह मिली।

सभा के प्रतिनिधियों का निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर न होने के कारण इसे एक संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न संस्था नहीं माना जा सकता। संविधान का निर्माण

संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर 1946 ई. को नई दिल्ली स्थित कौंसिल चैंबर के पुस्तकालय भवन में हुई।

मुस्लिम लीग ने बैठक का बहिष्कार किया और अलग पाकिस्तान की मांग पर बल दिया।

बैठक में 211 सदस्यों ने हिस्सा लिया। फ्रांस की तरह इस सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया।

11 दिसंबर 1946 को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष तथा H.C मुखर्जी को उपाध्यक्ष चुना गया। सर B.N. राय को सभा का संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया।

संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसंबर 1946 को जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किये गये उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारम्भ हुई।

इस प्रस्ताव ( उद्देश्य प्रस्ताव ) को 22 जनवरी 1946 को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। ( समितियाँ गठित )

इस प्रस्ताव के परिवर्तित रूप से संविधान की प्रस्तावना बनी। संविधान का निर्माण

3 जून 1947 के विभाजन योजना के बाद संविधान सभा का पूर्नगठन किया गया और उसकी संख्या 324 नियत की गयी।

देश विभाजन के पश्चात 31 अक्टूबर 1947 को संविधान सभा की बैठक बुलाई गयी जिसमे कुल 299 सदस्य थे।

इन 299 सदस्यों में से 229 सदस्य विभिन्न प्रान्त से एवं 70 सदस्य देशी रियासतों के थे।

सभा के सांविधानिक सलाहकार B.N. राव द्वारा तैयार संविधान के प्रारूप पर विचार के लिए 29 अगस्त 1947 को डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर ( जिनका निर्वाचन पं. बंगाल से सभा में हुआ था ) की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन किया गया।

प्रारूप समिति के सदस्य 

डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर ( अध्यक्ष )

गोपाल स्वामी आयंगर

कृष्ण स्वामी अय्यर

K.M. मुंशी

सैय्यद मुहम्मद सदुल्ला

N. माधव राव (B.L. मित्र के स्थान पर )

D.P. खेतान ( 1948 में इनकी मृत्यु के बाद T.T. कृष्ण माचारी )

प्रारूप समिति में कांग्रेस के एकमात्र सदस्य K.M. मुंशी ( कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ) थे।

प्रारूप समिति में अपने योगदान के कारण ही डॉ. अंबेडकर को ‘ संविधान का पिता ‘ कहा जाता है। संविधान का निर्माण

विभिन्न समितियों के प्रस्तावों पर विचार करने के बाद प्रारूप समिति ने भारत के संविधान के पहले प्रारूप को 21 फरवरी 1948 में प्रकाशित किया गया।

भारत के लोगों को इस प्रारूप पर चर्चा करने और संशोधनों का प्रस्ताव देने के लिए 8 महीने का समय दिया गया।

लोगों की शिकायतों , आलोचनाओं और सुझावों के परिप्रेक्ष्य में प्रारूप समिति ने दूसरा प्रारूप को तैयार कर अक्टूबर 1948 में प्रकाशित किया गया।

प्रारूप समिति ने अपना प्रारूप तैयार करने में 6 महीने से भी कम का समय लिया। इस दौरान उसकी कुल 141 बैठक हुई।

डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर ने सभा में 4 नवंबर 1948 ( प्रथम वचन ) को संविधान का अंतिम प्रारूप पेश किया।

इस बार संविधान पहली बार पढ़ा गया। सभा में इस पर 5 दिन ( 9 नवंबर 1949 तक ) आम चर्चा हुई। संविधान का निर्माण

संविधान का दूसरा वचन 15 नवंबर 1949 को प्रारम्भ हुआ और 17 अक्टूबर 1949 को समाप्त हुआ।

दूसरे वचन में संविधान पर खंडवार विचार किया गया।

संविधान का तीसरा वचन 14 नवंबर 1949 को शुरू हुआ। डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर ने ‘ द कंस्टीट्यूशन ऐज सैटल्ड बाई द असेंबली बी पास्ड ‘ प्रस्ताव पेश किया। संविधान सभा ने 29 नवंबर , 1949 को प्रस्ताव को पास कर संविधान को पारित घोषित कर दिया।

सभा में कुल 299 सदस्यों में से उस दिन केवल 284 सदस्य उपस्थित थे, जिन्होंने संविधान पर हस्ताक्षर कियें। संविधान का निर्माण

संविधान के कुल अनुच्छेदों में से 15 अर्थात 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 372, 380, 388, 391, 392, तथा 393 अनुच्छेदों को 26 नवंबर 1949 ई. को ही परवर्तित कर दिये गये।

अंगीकृत संविधान में 395 अनुच्छेद , 22 भाग एवं 8 अनुसूचियाँ थी।

संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष 11 माह तथा 18 दिन लगे तथा संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई। इस कार्य में लगभग 64 लाख रूपये खर्च हुए।

संविधान निर्माण हेतु संविधान सभा की 11 बैठके हुई और 12वी बैठक ( 24 जनवरी 1950 ) में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को प्रथम राष्ट्रपति के रूप में चुना गया और राष्ट्रीय गान व राष्ट्रीय गीत को अपनाया गया।

संविधान का शेष भाग 26 जनवरी 1950 को लागू करने का मुख्य कारण था कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 26 जनवरी 1930 से 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवश के रूप में मना रही थी।

संविधान कि शुरुआत के साथ ही भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 और भारत शासन अधिनियम 1935 को समाप्त कर दिया गया। हालाँकि एबोलिशन ऑफ प्रिवी काउंसिल ज्यूरिडिक्शन एक्ट 1949 लागू रहा। संविधान का निर्माण

विशेष

हैदराबाद एक ऐसी देशी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मलित नहीं हुए थे।

महात्मा गाँधी और मोहम्मद अली जिन्ना के अपवाद को छोड़ दे तो सभा में उस समय भारत की सभी बड़ी हस्तियां शामिल थी।

जय प्रकाश नारायण एवं तेज बहादुर सप्रू ने स्वास्थ्य कारणों के आधार पर संविधान सभा की सदस्यता को अस्वीकार कर दिया।

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के तहत संविधान सभा एक विधायिका भी बन गई थी। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो सभा को दो अलग – अलग काम सौंपे गए। इनमें से एक था – स्वतंत्र भारत के लिए संविधान बनाना और दूसरा था , देश के लिए आम कानून लागू करना। इन दोनों कार्यों को अलग – अलग दिन करना था। इस प्रकार अलग – अलग दिन करना था। इस प्रकार संविधान सभा स्वतंत्र भारत की पहली संसद बनी। संविधान का निर्माण

जब भी सभा की बैठक संविधान सभा के रूप में होती ,इसकी अध्यक्षता डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद करते और जब बैठक बतौर विधायिका ( डोमिनियन विधानमंडल ) होती तब इसकी अध्यक्षता G.V. मावलंकर करते थे।

डोमिनियन विधानमंडल के रूप में संविधान सभा की पहली बैठक 17 नवंबर 1947 को हुई थी इसका अध्यक्ष G.V. मावलंकर को निर्वाचित किया गया।

इसके बाद सभा ने ( संविधान निर्माण के बाद ) 26 जनवरी 1950 से 1951-52 में हुए चुनावों के बाद बनने वाली नई संसद के निर्माण तक भारत की अंतरिम संसद के रूप में काम किया।

17 अप्रैल, 1952 को अंतरिम संसद का अस्तित्व समाप्त हो गया। पहली निर्वाचित संसद दोनों सदनों के साथ मई 1952 में अस्तित्व में आई।

संविधान सभा ने 1949 में राष्ट्रमंडल में भारत की सदस्यता का सत्यापन किया।

सभा ने 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया।

लगभग 53,000 व्यक्तियों ने दर्शको के रूप में संविधान निर्मात्री सभा की कार्यवाही देखी। संविधान का निर्माण

बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल : वारेन हेस्टिंग ( 1774 )

भारत का प्रथम गवर्नर जनरल : लॉर्ड विलियम बेंटिक ( 1833 )

भारत का प्रथम वायसराय : लॉर्ड कैनिंग ( 1858 )

ब्रिटिश भारत का अंतिम वायसराय या स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल या भारत का अंतिम अंग्रेज गवर्नर जनरल : लॉर्ड माउंटबेटन

स्वतंत्र भारत का अंतिम गवर्नर जनरल या प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल : सी. राजगोपालाचारी संविधान का निर्माण

संविधान सभा द्वारा हाथी को प्रतीक ( मुहर ) के रूप में अपनाया गया था।

एच. वी. आर. अय्यंगर को संविधान सभा का सचिव नियुक्त किया गया था।

एल. एन. मुखर्जी को संविधान सभा का मुख्य प्रारूपकार ( चीफ ड्राफ्टमैन ) नियुक्त किया गया था।

प्रेम बिहारी नारायण रायजादा भारतीय संविधान के प्रमुख सुलेखक थे। मूल संविधान का प्रवाहमय ( इटैलिक ) शैली में उनके द्वारा हस्तलिखित किया गया था।

मूल संस्करण का सौन्दर्यीकरण और सजावट शांति निकेतन के कलाकारों ने किया जिनमें नंदलाल बोस और बिउहर राममनोहर सिन्हा शामिल थे।

मूल प्रस्तावना को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा हस्तलिखित एवं बिउहर राममनोहर सिन्हा द्वारा ज्यामितीय , सौन्दर्यीकृत एवं अलंकृत किया गया था।

मूल संविधान के हिंदी संस्करण का सुलेखन वसंत कृष्णा वैध द्वारा किया गया जिसे नंदलाल बोस ने सुंदर ढंग से अलंकृत एवं ज्यामितीय किया गया। संविधान का निर्माण

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संविधान सभा की समितियां

संविधान सभा ने संविधान के निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यो को करने के लिए कई समितियों का गठन किया। इनमें से 8 बड़ी समितियां थी तथा अन्य छोटी।

बड़ी समितियां और उनके अध्यक्ष 

संघ शक्ति समिति – जवाहरलाल नेहरू

संघीय संविधान समिति – जवाहरलाल नेहरू

राज्यों के लिये समिति ( राज्यों से समझौता करने वाली ) – जवाहरलाल नेहरू

प्रांतीय संविधान समिति – सरदार पटेल

मौलिक अधिकारों एवं अल्पसंख्यको संबंधी परामर्श समिति – सरदार पटेल

इस समिति को दो उप – समितियां थी : –

मौलिक अधिकार उप – समिति – J.B. कृपलानी

अल्पसंख्यक उप – समिति – H.C. मुखर्जी

प्रारूप समिति – डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर

प्रक्रिया नियम समिति – डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद

संचालन समिति – डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद

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छोटी समितियां और उनके अध्यक्ष

झंडा समिति ( स्थापी ) – J.B. कृपलानी

झंडा समिति ( अस्थायी ) – डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद

प्रारूप संविधान का परीक्षण करने वाली समिति – अल्लादी कृष्ण स्वामी अय्यर

संविधान सभा के कार्यो संबंधी समिति – J.V. मावलंकर संविधान का निर्माण

स्वतंत्र भारत का प्रथम मंत्रिमंडल

( 15 अगस्त 1947 के बाद )

लॉर्ड माउंटबेटन : अध्यक्ष व गवर्नर जनरल

पंडित जवाहर लाल नेहरू : प्रधानमंत्री , विदेश , राष्ट्रमंडल संबंध

सरदार वल्लभ भाई पटेल : उपप्रधानमंत्री , गृह , सूचना व प्रसारण , देशी रियासत मामले

डॉ. राजेंद्र प्रसाद : खाद एवं कृषि

डॉ. अबुल कलाम आजाद : शिक्षा

डॉ. जॉन मथाई : रेलवे एवं परिवहन

सरदार बलदेव सिंह : रक्षा

जगजीवन राम : श्रम

सी. एच. भाभा : वाणिज्य

रफी अहमद किदवई : संचार

राजकुमारी अमृत कौर : स्वास्थ्य

डॉ. बी. आर. अंबेडकर : विधि

डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी : उद्योग एवं आपूर्ति

एन. बी. गाडगिल : खदान कार्य एवं ऊर्जा

आर. के. षणमुगम शेट्टी : वित्त

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MCQ

प्रश्न 1. भारतीय संविधान सभा का गठन किस की अनुशंसा पर किया गया ?

उत्तर – कैबिनेट मिशन

प्रश्न 2. कैबिनेट मिशन ने अपनी योजना को प्रकाशित किया –

उत्तर – 16 मई , 1946 को

प्रश्न 3. देशी रियासतों के प्रतिनिधियों का चयन किया जाना था –

उत्तर – रियासतों के प्रमुखों द्वारा

प्रश्न 4. संविधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या थी –

उत्तर – 15

प्रश्न 5. संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित कौंसिल चैंबर के पुस्तकालय भवन में हुई –

उत्तर – 9 दिसंबर 1946 ई. को

प्रश्न 6. संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया –

उत्तर – डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा को

प्रश्न 7. संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया –

उत्तर – डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को

प्रश्न 8. संविधान सभा का उपाध्यक्ष चुना गया –

उत्तर – H.C मुखर्जी को

प्रश्न 9. संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया –

उत्तर – सर B.N. राय को

प्रश्न 10. जवाहर लाल नेहरू द्वारा पेश किये गये उद्देश्य प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया –

उत्तर – 22 जनवरी 1946 को

प्रश्न 11. प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे ?

उत्तर – डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर

प्रश्न 12. प्रारूप समिति में कांग्रेस के एकमात्र सदस्य थे –

उत्तर – K.M. मुंशी ( कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी )

प्रश्न 13. प्रारूप समिति में अपने योगदान के कारण ही डॉ. अंबेडकर को कहा जाता है –

उत्तर – ‘ संविधान का पिता ‘

प्रश्न 14. डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर ने सभा में 4 नवंबर 1948 ( प्रथम वचन ) को पेश किया –

उत्तर – संविधान का अंतिम प्रारूप

प्रश्न 15. भारत के संविधान के निर्माण में संविधान सभा को कितना समय लगा ?

उत्तर – 2 वर्ष 11 माह 18 दिन

प्रश्न 16. भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया –

उत्तर – 26 नवंबर , 1949 को

प्रश्न 17. संविधान के कुल अनुच्छेदों में से कितने अनुच्छेदों को 26 नवंबर 1949 ई. को ही परवर्तित कर दिये गये ?

उत्तर – 15

प्रश्न 18. स्वास्थ्य कारणों के आधार पर संविधान सभा की सदस्यता को अस्वीकार कर दिया –

उत्तर – जय प्रकाश नारायण एवं तेज बहादुर सप्रू ने

प्रश्न 19. भारतीय संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया –

उत्तर – 22 जुलाई 1947 को

प्रश्न 20. बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था ?

उत्तर – वारेन हेस्टिंग

प्रश्न 21. भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था ?

उत्तर – लॉर्ड विलियम बेंटिक

प्रश्न 22. भारत का प्रथम वायसराय कौन था ?

उत्तर – लॉर्ड कैनिंग

प्रश्न 23. ब्रिटिश भारत का अंतिम वायसराय या स्वतंत्र भारत का प्रथम गवर्नर जनरल या भारत का अंतिम अंग्रेज गवर्नर जनरल कौन था ?

उत्तर – लॉर्ड माउंटबेटन

प्रश्न 24. स्वतंत्र भारत का अंतिम गवर्नर जनरल या प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल कौन था ?

उत्तर – सी. राजगोपालाचारी

प्रश्न 25. 1934 में पहली बार संविधान सभा के गठन का विचार रखा –

उत्तर – एम. एन. रॉय ने

प्रश्न 26. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार आधिकारिक तौर पर भारत के संविधान को बनाने के लिए एक संविधान सभा की मांग की –

उत्तर – 1935 में

प्रश्न 27. कैबिनेट मिशन योजना के अंतर्गत संविधान निर्मात्री परिषद में प्रत्येक प्रांत को आवंटित सदस्य संख्या निर्धारित करने के लिए एक प्रतिनिधि कितनी जनसंख्या के अनुपात में था ?

उत्तर – 10 लाख व्यक्ति

प्रश्न 28. 1946 में निर्मित अंतरिम सरकार में कार्यपालिका परिषद के उपसभापति थे –

उत्तर – जवाहरलाल नेहरू

प्रश्न 29. संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव कैसे हुआ था ?

उत्तर – प्रांतीय सभाओं द्वारा

प्रश्न 30. संविधान सभा की प्रथम बैठक की अध्यक्षता किसने की थी ?

उत्तर – डॉ सच्चिदानंद सिन्हा

प्रश्न 31. भारत की ‘ संविधान निर्मात्री सभा ‘ के अध्यक्ष कौन थे ?

उत्तर – डॉ राजेंद्र प्रसाद

प्रश्न 32. स्वतंत्र भारत की संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे ?

उत्तर – डॉ राजेंद्र प्रसाद

प्रश्न 33. जवाहरलाल नेहरू ने भारत की संविधान सभा की किस बैठक में उद्देश्य प्रस्ताव रखा था ?

उत्तर – पांचवी

प्रश्न 34. संविधान सभा के सम्मुख संविधान की प्रस्तावना का प्रस्ताव किसने रखा ?

उत्तर – जवाहरलाल नेहरू

प्रश्न 35. भारतीय संविधान को बनाने हेतु भारतीय संविधान सभा के कुल कितने अधिवेशन हुए थे ?

उत्तर – 12

प्रश्न 36. भारत की संविधान सभा की अंतिम बैठक की सही स्थिति को बताएं –

उत्तर – 24 जनवरी, 1950

प्रश्न 37. भारतीय संविधान दिवस मनाया जाता है ?

उत्तर – 26 नवंबर

प्रश्न 38. भारतीय संविधान को अपनाया गया था –

उत्तर – संविधानिक सभा द्वारा

प्रश्न 39. संविधान सभा की प्रांतीय संविधान समिति का अध्यक्ष कौन था ?

उत्तर – सरदार पटेल

प्रश्न 40. संविधान सभा द्वारा स्थापित मौलिक अधिकारों और अल्पसंख्यकों हेतु सलाहकार समिति के अध्यक्ष कौन थे ?

उत्तर – सरदार पटेल

प्रश्न 41. संविधान निर्मात्री परिषद की ‘ झंडा समिति ‘ के अध्यक्ष कौन थे ?

उत्तर – डॉ राजेंद्र प्रसाद

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