राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य

राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य

राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य :- प्रारम्भ में राजा संभवतः जन यानी लोगों द्वारा चुने जाते थे।

परन्तु करीब 3000 साल पहले राजा बनने की इस प्रक्रिया में कुछ परिवर्तन दिखाई दिए।

कुछ लोग बड़े – बड़े यज्ञों को आयोजित कर राजा के रूप में प्रतिष्ठित हो गए।

अश्वमेध यज्ञ एक ऐसा ही आयोजन था।

महायज्ञों को करने वाले राजा अब जन के राजा न होकर जनपदों के राजा माने जाने लगे। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

जनपद का शाब्दिक अर्थ जन के बसने की जगह होता है।

कुछ महत्वपूर्ण जनपद – 1. काशी, 2. कोशल, 3. अंग, 4. मगध, 5. वज्जि, 6. मल्ल, 7. चेदि, 8. वत्स, 9. कुरु, 10. पांचाल (पञ्चाल), 11. मत्स्य (या मछ), 12. शूरसेन, 13. अश्मक, 14. अवन्ति, 15. गांधार तथा 16. कंबोज

पुरातत्त्वविदों ने इन जनपदों की कई बस्तियों की खुदाई की है।

दिल्ली में पुराना किला , उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हस्तिनापुर और एटा के पास अतरंजीखेड़ा इनमे प्रमुख हैं।

खुदाई से पता चला है कि लोग झोपड़ियों में रहते थे और मवेशियों तथा अन्य जानवरों को पालते थे। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

वे चावल , गेहूँ ,धान, जौ , दालें, गन्ना, तिल तथा सरसों जैसी फसले उगते थे।

लोग मिट्टी के बर्तन भी बनाते थे। इनमें कुछ धूसर और कुछ लाल रंग के होते थे।

इन पुरास्थलों में कुछ विशेष प्रकार के बर्तन मिले है , जिन्हें ‘ चित्रित – धूसर पात्र ‘ के रूप में जाना जाता है।

इन बर्तनों पर चित्रकारी कि गई थी। ये आमतौर पर सरल रेखाओं तथा ज्यामितीय आकृतियों के रूप में हैं।

करीब 2500 साल पहले , कुछ जनपद अधिक महत्वपूर्ण हो गए। इन्हें महाजनपद कहा जाने लगा। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

अधिकतर महाजनपदों की एक राजधानी होती थी।

कई राजधानियों में किलेबंदी (आक्रमण से बचाव तथा अपनी समृद्धि और शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए ) की गई थी।

अब राजा सेना रखने लगे थे।

सिपाहियों को नियमित वेतन देकर पूरे साल रखा जाता था।

कुछ भुगतान संभवतः आहत सिक्कों के रूप में होता था। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

अब राजा लोगो से नियमित रूप से कर वसूलने लगे।

फसलों पर लगाए गए कर सबसे महत्वपूर्ण थे क्योंकि अधिकांश लोग कृषक ही थे।

प्रायः उपज का 1 / 6 वा हिस्सा कर के रूप में निर्धारित किया जाता था जिसे भाग कहा जाता था।

कारीगरों के ऊपर भी कर लगाए गए जो प्रायः श्रम के रूप में चुकाए जाते थे।

जैसे कि एक बुनकर , लोहार या सुनार को राजा के लिए महीने में एक दिन काम करना पड़ता था। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

पशुपालकों को जानवरों या उनके उत्पाद के रूप में कर देना पड़ता था।

व्यापारियों को सामान खरीदने – बेचने पर भी कर देना पड़ता था।

आखेटकों तथा संग्राहकों को जंगल से प्राप्त वस्तुएँ देनी होती थीं।

इस युग में कृषि के क्षेत्र में दो बड़े परिवर्तन आए जिससे पैदावार ज्यादा होने लगी।

1. हल के फाल अब लोहे के बनने लगे।

2. धान के पौधों का रोपण।

मगध

लगभग दो सौ सालों के भीतर मगध सबसे महत्वपूर्ण जनपद बन गया।

गंगा और सोन जैसी नदियाँ मगध से होकर बहती थीं।

ये – ( क ) यातायात , ( ख ) जल – वितरण और ( ग ) जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण थीं।

मगध का एक हिस्सा जंगलों से भरा था। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

इन जंगलों से उन्हें घर , गाड़ियाँ तथा रथ बनाने के लिए लकड़ी , हाथी तथा लौह अयस्क की खदाने प्राप्त हुई।

मगध में दो बहुत ही शक्तिशाली शासक बिम्बिसार तथा अजातसत्तु ( अजातशत्रु ) हुए।

महापद्मनंद एक और महत्वपूर्ण शासक थे। उन्होंने अपने नियंत्रण का क्षेत्र इस उपमहाद्वीप के उत्तर – पश्चिमी भाग तक फैला लिया था।

बिहार में राजगृह ( आधुनिक राजगीर ) कई सालों तक मगध की राजधानी बनी रही।

बाद में पाटलिपुत्र ( आज का पटना ) को राजधानी बनाया गया। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

इमारतें चित्र तथा किताबें

वज्जि

मगध के नजदीक ही वज्जि राज्य था , जिसकी राजधानी वैशाली ( बिहार ) थी।

यहाँ एक अलग किस्म की शासन – व्यवस्था थी जिसे गण या संघ कहते थे।

गण शब्द का प्रयोग कई सदस्यों वाले समूह के लिए किया जाता है। संघ अर्थात संगठन या सभा।

गण या संघ में कई शासक होते थे।

कभी – कभी लोग एक साथ शासन करते थे , जिसमें से प्रत्येक व्यक्ति राजा कहलाता था। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

सभाओं में बैठकर ये बातचीत, बहस और वाद – विवाद के जरिए तय करते थे कि क्या करना है और किस तरह करना है।

स्त्रियाँ, दास तथा कम्माकर इन सभाओं में हिस्सा नहीं ले सकते थे।

बुद्ध तथा महावीर दोनों ही गण या संघ से संबंधित थे।

बौद्ध साहित्य ( दीघ निकाय ) में संघ के जीवन का बहुत ही सजीव वर्णन मिलता है।

कई शक्तिशाली राजा इन संघों को जीतना चाहते थे। इसके बावजूद उनका राज्य अब से लगभग 1500 साल पहले तक चलता रहा।

उसके बाद गुप्त शासकों ने गण और संघ पर विजय प्राप्त कर उन्हें अपने राज्य में शामिल कर लिया। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

वर्ण

ऋग्वेद के बाद कई ग्रंथ रचे गए। ऋग्वेद के बाद रचे होने के कारण ये उत्तर – वैदिक ग्रंथ कहे जाते हैं।

इनके अंतर्गत सामवेद,यजुर्वेद , अथर्ववेद तथा अन्य ग्रंथ शामिल हैं।

पुरोहितों द्वारा रचित इन ग्रंथो में विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान और उनके संपादन की विधियाँ बताई गई हैं।

इनमें सामाजिक नियमों के बारे में भी बताया गया हैं।

पुरोहितों ने लोगों को चार वर्गों में विभाजित किया , जिन्हें वर्ण कहते हैं। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

पहला वर्ण ब्राह्मणों का था। उनका काम वेदों का अध्ययन – अध्यापन और यज्ञ करना था।

दूसरा स्थान शासकों का था ,जिन्हें क्षत्रिय कहा जाता था। उनका काम युद्ध करना और लोगों की रक्षा करना था।

तीसरे स्थान पर विश या वैश्य थे। इनमें कृषक , पशुपालक और व्यापारी आते थे।

क्षत्रिय और वैश्य दोनों को ही यज्ञ करने का अधिकार था।

वर्णों में अंतिम स्थान शूद्रों का था। इनका काम अन्य तीनो वर्णो की सेवा करना था। इन्हे कोई अनुष्ठान करने का अधिकार नहीं था। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

प्राय: औरतों को भी शूद्रों के समान माना गया।

महिलाओं तथा शूद्रों को वेदों के अध्ययन का अधिकार नहीं था।

पुरोहितो के अनुसार सभी वर्णों का निर्धारण जन्म के आधार पर होता था।

बाद में कुछ लोगो को अछूत माना गया।

अछूत वर्गों में कुछ शिल्पकार ,शिकारी ,शवों को दफनाने या जलाने वाले तथा भोजन – संग्राहक शामिल थे। इन लोगों से संपर्क अपवित्र माना जाता था।

इस उपमहाद्वीप के पूर्वोत्तर क्षेत्र जैसे कई इलाकों में सामाजिक – आर्थिक असमानता बहुत कम थी। यहाँ पुरोहितों का प्रभाव भी बहुत सीमित था। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

अन्यत्र

लगभग 2500 साल पहले एथेंस के लोगों ने एक शासन – व्यवस्था की स्थापना की , जिसे प्रजातंत्र या गणतंत्र कहते है।

यह व्यवस्था लगभग 200 सालों तक चली।

इसमें 30 साल से ऊपर के उन सभी पुरुषों को पूर्ण नागरिकता प्राप्त थी , जो दास नहीं थे।

वहाँ एक सभा थी जो महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेने के लिए साल भर में कम से काम 40 बार बुलाई जाती थी।

इस सभा में सभी नागरिक भाग ले सकते थे। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

शासन के कई पदों पर नियुक्तियाँ लॉटरियों द्वारा की जाती थीं।

सभी नागरिकों को सेना और नौसेना में अपनी सेवाएँ देनी होती थी।

औरतों को नागरिक का दर्जा नहीं मिलता था।

व्यापारियों तथा शिल्पकारों के रूप में एथेंस में रहने और काम करने वाले बहुत से विदेशियों को भी नागरिक अधिकार नहीं मिले थे।

एथेंस में खदानों , खेतों , घरों और कार्यशालाओं में काम कर रहे दासों को भी नागरिक अधिकार नहीं मिले थे। राज्य राजा और एक प्राचीन गणराज्य

कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ

नए शासक ( लगभग 3000 साल पहले )

महाजनपद ( लगभग 3000 साल पहले )

सिकंदर का आक्रमण , दीघ निकाय का लेखन ( लगभग 2300 साल पहले )

गण या संघ राज्यों का अंत ( लगभग 1500 साल पहले )

MCQ

प्रश्न 1. प्रारम्भ में राजा संभवतः चुने जाते थे –

उत्तर- जन यानी लोगों द्वारा

प्रश्न 2. महायज्ञों को करने वाले राजा अब जन के राजा न होकर राजा माने जाने लगे –

उत्तर- जनपदों के

प्रश्न 3. जनपद का शाब्दिक अर्थ होता है –

उत्तर- जन के बसने की जगह

प्रश्न 4. जनपदों की कई बस्तियों के पुरास्थलों में कुछ विशेष प्रकार के बर्तन मिले है , जिन्हें जाना जाता है –

उत्तर- ‘ चित्रित – धूसर पात्र ‘ के रूप में

प्रश्न 5. इस युग में कृषि के क्षेत्र में दो बड़े परिवर्तन आए जिससे पैदावार ज्यादा होने लगी , ये थे –

उत्तर- 1. हल के फाल अब लोहे के बनने लगे, 2. धान के पौधों का रोपण।

प्रश्न 6. कृषको से प्रायः उपज का 1 / 6 वा हिस्सा कर के रूप में निर्धारित किया जाता था जिसे कहा जाता था –

उत्तर- भाग

प्रश्न 7. मगध में दो बहुत ही शक्तिशाली शासक हुए –

उत्तर- बिम्बिसार तथा अजातसत्तु ( अजातशत्रु )

प्रश्न 8. मगध की प्रारम्भिक राजधानी –

उत्तर- राजगृह ( आधुनिक राजगीर )

प्रश्न 9. राजगृह को बदलकर मगध की नई राजधानी बनाया गया –

उत्तर- पाटलिपुत्र ( आज का पटना )

प्रश्न 10. मगध के नजदीक ही वज्जि राज्य था , जिसकी राजधानी थी –

उत्तर- वैशाली ( बिहार )

प्रश्न 11. वज्जि में एक अलग किस्म की शासन – व्यवस्था थी जिसे कहते थे –

उत्तर- गण या संघ

प्रश्न 12. गण शब्द का प्रयोग किया जाता है –

उत्तर- कई सदस्यों वाले समूह के लिए

प्रश्न 13. गण या संघ में होते थे –

उत्तर- कई शासक

प्रश्न 14. बुद्ध तथा महावीर दोनों ही संबंधित थे –

उत्तर- गण या संघ से

प्रश्न 15. संघ के जीवन का बहुत ही सजीव वर्णन मिलता है –

उत्तर- बौद्ध साहित्य ( दीघ निकाय ) में

प्रश्न 16. गण और संघ पर विजय प्राप्त कर उन्हें अपने राज्य में शामिल कर लिया –

उत्तर- गुप्त शासकों ने

प्रश्न 17. पुरोहितों ने लोगों को चार वर्गों में विभाजित किया , जिन्हें कहते हैं –

उत्तर- वर्ण

प्रश्न 18. वेदों के अध्ययन का अधिकार नहीं था –

उत्तर- महिलाओं तथा शूद्रों को

प्रश्न 19. लगभग 2500 साल पहले एथेंस के लोगों ने एक शासन – व्यवस्था की स्थापना की , जिसे कहते है –

उत्तर- प्रजातंत्र या गणतंत्र