जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स :- श्वसन सभी जीवो के जीवित रहने के लिए अनिवार्य है। यह जीव द्वारा लिए गए भोजन से ऊर्जा को निर्मुक्त करता है।

कोशिका जीव की सबसे छोटी संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई होती है।

जीव की प्रत्येक कोशिका पोषण ,परिवहन ,उत्सर्जन और जनन जैसे कुछ कार्यो को संपादित करने में कुछ न कुछ भूमिका निभाती है।

इन कार्यो को करने के लिए कोशिका को ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा हमे हमारे द्वारा लिए गए भोजन से प्राप्त होती है।

भोजन में संचित ऊर्जा श्वसन के समय निर्मुक्त होती है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

श्वसन के प्रक्रम में हम जिस वायु को साँस द्वारा अंदर लेते है ,उसमे उपस्थित ऑक्सीजन शरीर के सभी भागो में और अंतत: प्रत्येक कोशिका में ले जायी जाती है।

कोशिकाओं में यह ऑक्सीजन भोजन के विखंडन में सहायता करती है।

कोशिका में भोजन ( ग्लूकोस ) के विखंडन के प्रक्रम में ऊर्जा मुक्त होती है। इसे कोशिकीय श्वसन कहते है।

दूसरे शब्दो में हम यह भी कह सकते है कि ग्लूकोस का विखंडन जीव की कोशिकाओं में होता है , जिसे कोशिकीय श्वसन कहते है।

सभी जीवो की कोशिकाओं में कोशिकीय श्वसन होता है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

यदि भोजन ( ग्लूकोस ) ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा विखंडित होता है ,तो यह वायवीय श्वसन कहलाता है।

यदि विखंडन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है , तो श्वसन अवायवीय श्वसन कहलाता है।

यीस्ट जैसे अनेक जीव , वायु की अनुपस्थिति में जीवित रह सकते है।

ऐसे जीव अवायवीय श्वसन के द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते है। इन्हें अवायवीय जीव कहते है। यीस्ट एक – कोशिक जीव है।

यीस्ट अवायवीय रूप से श्वसन करते है। अतः इनका उपयोग शराब ( वाइन ) और बियर बनाने के लिए किया जाता है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

वायु की उपस्थिति में भोजन ( ग्लूकोस ), कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडित होता है।

ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोस , ऐल्कोहॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में विखंडित होता है।

हमारी पेशी – कोशिकाएँ भी अवायवीय श्वसन कर सकती है , लेकिन ये ऐसा थोड़े समय तक ही कर सकती है।

व्यायाम करते समय हमारे शरीर की कुछ पेशियाँ अवायवीय रूप से श्वसन कर सकती है।

अत्यधिक व्यायाम करते समय हमारे शरीर को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है लेकिन इतनी ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हमारे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति सीमित होती है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

ऐसी स्थितियो में पेशी कोशिकाएँ अवायवीय श्वसन द्वारा ऊर्जा की अतिरिक्त माँग को पूरा करती है।

इस प्रक्रम में ग्लूकोस के आंशिक विखंडन से लैक्टिक अम्ल और कार्बन डाइऑक्साइड बनते है।

लैक्टिक अम्ल का संचयन पेशियों में ऐंठन उत्पन्न करता है।

गर्म जल से स्नान अथवा शरीर की मालिश करने से रक्त का संचरण बढ़ जाता है।

इसके परिणामस्वरूप पेशी कोशिकाओं को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाने से लैक्टिक अम्ल का कार्बन डाइऑक्साइड और जल में पूर्ण विखंडन हो जाता है।

श्वसन या साँस लेने का अर्थ है ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को अंदर खींचना या ग्रहण करना और कार्बन डाइऑक्साइड से समृद्ध वायु को बाहर निकालना।

ऑक्सीजन से समृद्ध वायु को शरीर के अंदर लेना अंत:श्वसन और कार्बन डाइऑक्साइड से समृद्ध वायु को बाहर निकालना उच्छवसन कहलाता है।

यह एक सतत् प्रक्रम है , जो प्रत्येक जीव के जीवन में हर समय अर्थात जीवनपर्यंत होता रहता है।

कोई व्यक्ति एक मिनट में जितनी बार श्वसन करता है , वह उसकी श्वसन दर कहलाती है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

अंत:श्वसन और उच्छवसन दोनों साथ – साथ होते रहते है। एक श्वास अथवा साँस का अर्थ , एक अंत:श्वसन और एक उच्छवसन।

जब किसी व्यक्ति को अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है , तो वह तेजी से श्वसन करने लगता /लगती है।

इसके परिणामस्वरूप हमारी कोशिकाओं को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। यह भोजन के विखंडन की दर को बढ़ा देती है ,जिससे अधिक ऊर्जा निर्मुक्त होती है।

कोई वयस्क व्यक्ति विश्राम की अवस्था में एक मिनट में औसतन 15-18 बार साँस अंदर लेता और बाहर निकालता है।

अधिक व्यायाम करने में श्वसन दर 25 बार प्रति मिनट तक बढ़ सकती है। शारीरिक सक्रियता के बढ़ने पर श्वसन दर बढ़ जाती हैं। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

जब हम वायु को अंत:श्वसन द्वारा अंदर लेते है , तो यह हमारे नथुनों से नासा – गुहा में चली जाती है।

नासा – गुहा से वायु , श्वास नली से होकर हमारे फेफड़ों ( फुप्फुस ) में जाती है।

फेफड़े वक्ष – गुहा में स्थित होते है। वक्ष – गुहा पार्श्व में पसलियों से घिरी रहती है।

एक बड़ी पेशीय परत , जो डायफ्राम ( मध्यपट ) कहलाती है , वक्ष – गुहा को आधार प्रदान करती है।

श्वसन में डायाफ्राम और पसलियों से बने पिंजर की गति सम्मिलित होती है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

अंत:श्वसन के समय पसलियाँ ऊपर और बाहर की और गति करती है और डायाफ्राम नीचे की ओर गति करता है।

यह गति हमारी वक्ष – गुहा के आयतन को बढ़ा देती है और वायु फेफड़ों में आ जाती है। फेफड़े वायु से भर जाते है।

उच्छवसन के समय पसलियाँ नीचे और अंदर की और आ जाती है , जबकि डायाफ्राम ऊपर की ओर अपनी पूर्व स्थिति में आ जाता है।

इससे वक्ष – गुहा का आयतन कम हो जाता है। इस कारण वायु फेफड़ों से बाहर धकेल दी जाती है।

अंत:श्वसन या निःश्वसन के समय हमारे फेफड़े विस्तारित होते हैं और उच्छवसन के साथ ये अपनी मूल अवस्था में आ जाते हैं। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

अंत:श्वसन और उच्छवसित वायु में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का प्रतिशत :- अंत:श्वसित वायु – 21% ऑक्सीजन ,0.04% कार्बन डाइऑक्साइड, उच्छवसित वायु – 16.4% ऑक्सीजन , 4.4% कार्बन डाइऑक्साइड

हाथी, शेर , गाय, बकरी, मेंढ़क, छिपकली, सर्प और पक्षियों आदि जन्तुओ की वक्ष – गुहाओं में मनुष्यों की भाँति फेफड़े होते है।

कॉकरोच के शरीर के पार्श्व भाग में छोटे – छोटे छिद्र होते है। अन्य कीटों के शरीर में भी इस प्रकार के छिद्र होते है। ये छिद्र श्वास रंध्र कहलाते है।

कीटों में गैस के विनिमय के लिए वायु नलियों का जाल बिछा होता है , जो स्वासप्रणाल या वातक कहलाते है।

ऑक्सीजन समृद्ध वायु श्वास रंध्रों से श्वास नालों में जाकर शरीर के ऊतकों में विसरित होती है और शरीर की प्रत्येक कोशिका में पहुँचती है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

इसी प्रकार कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड स्वासनालों में आती है और श्वास रंध्रों से बाहर निकल जाती है।

श्वासनाल अथवा स्वासप्रणाल केवल कीटों में ही पाए जाते है। जंतुओं के अन्य समूहों में ऐसी व्यवस्था नहीं पाई जाती है।

केंचुए में गैसों का विनिमय उसकी आद्र त्वचा के माध्यम से होता हैं। मछलियों में यह क्लोम से और कीटों में स्वासप्रणाल से होता हैं।

श्वसन के लिए मछलियों में क्लोम या गिल पाए जाते है। क्लोम त्वचा से बाहर की ओर निकले होते है।

क्लोम में रक्त वाहिनियों की संख्या अधिक होती है , जो गैस – विनिमय में सहायता करती है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

पादप वायु से ऑक्सीजन अंदर ले लेते है और कार्बन डाइऑक्साइड को निर्मुक्त करते है।

इनकी कोशिकाओं में भी ऑक्सीजन का उपयोग अन्य जीवों की भाँति ही ग्लूकोस के कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विखंडन करने के लिए किया जाता है।

पादप में प्रत्येक अंग वायु से स्वतंत्र रूप से ऑक्सीजन ग्रहण करके कार्बन डाइऑक्साइड को निर्मुक्त कर सकता है।

पादप की पत्तियों में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के विनिमय के लिए सूक्ष्म छिद्र होते है , जो रंध्र कहलाते है। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

पादप की अन्य सभी कोशिकाओं की भाँति ही मूल कोशिकाओं को भी ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।

मूल मृदा कणों के बीच के खाली स्थानों ( वायु अवकाशों ) में उपस्थित वायु से ऑक्सीजन ले लेते है।

पादपों में मूल , मृदा में उपस्थित वायु को ग्रहण करती हैं। पत्तियों में नन्हें छिद्र होते हैं , जिन्हें रंध्र कहते हैं , जिनसे गैसों का विनिमय होता हैं। पादप कोशिकाओं में ग्लूकोस का विखंडन अन्य जीवों की तरह ही होता हैं।

हमारे लिए ऑक्सीजन अनिवार्य हैं , लेकिन जो जीव इसका उपयोग नहीं करते हैं ,उनके लिए ऑक्सीजन विषाक्त होती हैं।

मानव एवं अन्य जीवों के लिए भी लंबे समय तक शुद्ध ऑक्सीजन में श्वसन करना हानिकारक हो सकता हैं। जीवों में श्वसन कक्षा 7 नोट्स

MCQ

प्रश्न 1. श्वसन जीव द्वारा लिए गए भोजन से निर्मुक्त करता है –

उत्तर- ऊर्जा को

प्रश्न 2. कोशिका जीव की सबसे छोटी इकाई होती है –

उत्तर- संरचनात्मक और क्रियात्मक

प्रश्न 3. कोशिका में भोजन ( ग्लूकोस ) के विखंडन के प्रक्रम में ऊर्जा मुक्त होती है। इसे कहते है –

उत्तर- कोशिकीय श्वसन

प्रश्न 4. यदि भोजन ( ग्लूकोस ) ऑक्सीजन के उपयोग द्वारा विखंडित होता है ,तो यह कहलाता है –

उत्तर- वायवीय श्वसन

प्रश्न 5. यदि भोजन ( ग्लूकोस ) का विखंडन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है , तो श्वसन कहलाता है –

उत्तर- अवायवीय श्वसन

प्रश्न 6. जो जीव अवायवीय श्वसन के द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते है। उन्हें कहते है –

उत्तर- अवायवीय जीव

प्रश्न 7. यीस्ट अवायवीय रूप से श्वसन करते है। अतः इनका उपयोग बनाने के लिए किया जाता है –

उत्तर- शराब ( वाइन ) और बियर

प्रश्न 8. वायु की उपस्थिति में भोजन ( ग्लूकोस ) विखंडित होता है –

उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड और जल में

प्रश्न 9. ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोस विखंडित होता है –

उत्तर- ऐल्कोहॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में

प्रश्न 10. हमारी पेशी – कोशिकाएँ भी अवायवीय श्वसन कर सकती है , लेकिन ये ऐसा कर सकती है –

उत्तर- थोड़े समय तक ही

प्रश्न 11. लैक्टिक अम्ल का संचयन पेशियों में उत्पन्न करता है –

उत्तर- ऐंठन

प्रश्न 12. गर्म जल से स्नान अथवा शरीर की मालिश करने से बढ़ जाता है –

उत्तर- रक्त का संचरण

प्रश्न 13. कोई व्यक्ति एक मिनट में जितनी बार श्वसन करता है , वह उसकी कहलाती है –

उत्तर- श्वसन दर

प्रश्न 14. अधिक व्यायाम करने में श्वसन दर बढ़ सकती है –

उत्तर- 25 बार प्रति मिनट तक

प्रश्न 15. फेफड़े स्थित होते है –

उत्तर- वक्ष – गुहा में

प्रश्न 16. एक बड़ी पेशीय परत , जो वक्ष – गुहा को आधार प्रदान करती है वो कहलाती है –

उत्तर- डायफ्राम ( मध्यपट )

प्रश्न 17. कीटों में गैस के विनिमय के लिए वायु नलियों का जाल बिछा होता है , जो कहलाते है –

उत्तर- स्वासप्रणाल या वातक

प्रश्न 18. श्वासनाल अथवा स्वासप्रणाल केवल पाए जाते है –

उत्तर- कीटों में

प्रश्न 19. केंचुए में गैसों का विनिमय होता हैं –

उत्तर- उसकी आद्र त्वचा के माध्यम से

प्रश्न 20. श्वसन के लिए मछलियों में पाए जाते है –

उत्तर- क्लोम या गिल

प्रश्न 21. पादप की पत्तियों में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के विनिमय के लिए सूक्ष्म छिद्र होते है , जो कहलाते है –

उत्तर- रंध्र

प्रश्न 22. हमारे लिए ऑक्सीजन अनिवार्य हैं , लेकिन जो जीव इसका उपयोग नहीं करते हैं ,उनके लिए ऑक्सीजन होती हैं –

उत्तर- विषाक्त

प्रश्न 23. मानव एवं अन्य जीवों के लिए भी लंबे समय तक शुद्ध ऑक्सीजन में श्वसन करना हो सकता हैं –

उत्तर- हानिकारक