विधुत धारा के रासायनिक प्रभाव कक्षा 8 नोट्स

विधुत धारा के रासायनिक प्रभाव कक्षा 8 नोट्स

विधुत धारा के रासायनिक प्रभाव कक्षा 8 नोट्स :- किसी चालक द्रव में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। इसे विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव कहते है।

जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को प्रवाहित होने देते हैं , वे विद्युत के सुचालक कहलाते है।

जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते , वे वद्युत के हीन चालक कहलाते है। 

वास्तव में विशेष परिस्थितियों में अधिकांश पदार्थ विधुत धारा का चालन कर सकते है।

यही कारण है कि पदार्थो को चालकों तथा विधुतरोधियों के रूप में वर्गीकृत करने कि अपेक्षा , अच्छे चालकों तथा हीन चालकों के रूप में वर्गीकृत करने को अधिक मान्यता दी जाती है।

विधुत चालन करने वाले अधिकंश द्रव अम्लों, क्षारको तथा लवणों के विलयन होते है। 

किसी चालक वियलन से विधुत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती है।

इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रोडो पर गैस के बुलबुले बन सकते है।

इलेक्ट्रोडो पर धातु के निक्षेप देखे जा सकते है।

विलयनों के रंग में परिवर्तन हो सकते है। विधुत धारा के रासायनिक प्रभाव कक्षा 8 नोट्स

यह रासायनिक अभिक्रिया उपयोग किए जाने वाले विलयन तथा इलेक्ट्रोडो पर निर्भर करती है।

ये विधुत धारा के कुछ रासायनिक प्रभाव है।

सन 1800 में एक ब्रिटिश रसायनज्ञ , विलियम निकलसन ( 1753 – 1815 ) ने यह दर्शाया कि यदि इलेक्ट्रोड जल में डूबे हों तथा उनके द्वारा विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन के बुलबुले उत्पन्न होते है।

ऑक्सीजन के बुलबुले बैटरी के धन टर्मिनल से जुड़े इलेक्ट्रोड पर तथा हाइड्रोजन के बुलबुले दूसरे इलेक्ट्रोड पर बनते हैं।

जब कॉपर सल्फेट विलयन में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फेट , कॉपर तथा सल्फेट में वियोजित हो जाता है।

स्वतंत्र कॉपर बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रोड की ओर आकर्षित होता है तथा उस पर निक्षेपित हो जाता है।

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लेकिन वियलन से कॉपर के क्षय की पूर्ति दूसरे इलेक्ट्रोड जो ताँबे की प्लेट से बना है ( इस प्लेट से समान मात्रा का कॉपर विलयन में घुल जाता है ) से हो जाती है।

इस प्रकार विलयन से जो कॉपर कम हुआ, वह विलयन में पुन: स्थापित हो जाता है और यह प्रक्रिया चलती रहती है।

इसका अर्थ हुआ कि इस विधुतलेपन प्रक्रिया में एक इलेक्ट्रोड से कॉपर दूसरे इलेक्ट्रोड को स्थानांतरित होता जाता है। विधुत धारा के रासायनिक प्रभाव कक्षा 8 नोट्स

विधुत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विधुतलेपन कहते है।

यह विधुत धारा के रासायनिक प्रभाव का एक सर्वाधिक सामान्य उपयोग है।

विधुतलेपन अत्यंत उपयोगी प्रक्रम है।

उद्योगों में धातु की वस्तुओं पर किसी दूसरी धातु की पतली परत विलेपित करने के लिए इसका व्यापक रूप में उपयोग किया जाता हैं। विधुत धारा के रासायनिक प्रभाव कक्षा 8 नोट्स

विलेपित किए जाने वाली धातु की परत में कुछ ऐसे वांछित गुण होते हैं जो उस वस्तु के धातु में नहीं होते जिस पर निक्षेपण किया जाता है।

कार के कुछ भागो, स्नान गृह की टोटी , गैस बर्नर , साइकिल का हैंडिल , पहियों के रिम आदि पर क्रोमियम का लेपन किया जाता है।

पुलों तथा स्वचालित वाहनों को प्रबल बनाने के लिए लोहे का उपयोग किया जाता है।

तथापि , लोहे में संक्षारित होने तथा जंग लगने की प्रवृति होती है।

अतः इसे संक्षारण तथ जंग लगने से बचाने के लिए लोहे पर जिंक की परत निक्षेपित कर दी जाती है। विधुत धारा के रासायनिक प्रभाव कक्षा 8 नोट्स

MCQ

प्रश्न 1. किसी चालक द्रव में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। इसे विद्युत धारा का कहते है –

उत्तर- रासायनिक प्रभाव

प्रश्न 2. जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को प्रवाहित होने देते हैं , वे कहलाते है –

उत्तर- विद्युत के सुचालक

प्रश्न 3. जो पदार्थ अपने से होकर विद्युत धारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देते , वे कहलाते है –

उत्तर- वद्युत के हीन चालक

प्रश्न 4. विधुत चालन करने वाले अधिकंश द्रव विलयन होते है –

उत्तर- अम्लों, क्षारको तथा लवणों के

प्रश्न 5. किसी चालक वियलन से विधुत धारा प्रवाहित होने पर होती है –

उत्तर- रासायनिक अभिक्रियाएँ

प्रश्न 6. जब कॉपर सल्फेट विलयन में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो कॉपर सल्फेट वियोजित हो जाता है –

उत्तर- कॉपर तथा सल्फेट में

प्रश्न 7. विधुत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को कहते है –

उत्तर- विधुतलेपन