क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है :- हमारे आसपास के सभी पदार्थ शुद्ध नहीं है |
दैनिक जीवन में शुद्ध शब्द का अर्थ रसायन विज्ञान के शुद्ध शब्द के अर्थ की अपेक्षा भिन्न है |
एक साधारण व्यक्ति के लिए शुद्ध पदार्थ का अर्थ होता है कि उस पदार्थ में कोई मिलावट नहीं है |
जब एक वैज्ञानिक किसी पदार्थ को शुद्ध कहता है ,तो इसका तात्पर्य है कि उस पदार्थ में मौजूद सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के हैं |
हमारे आस-पास के पदार्थ दो प्रकार के होते हैं :- शुद्ध पदार्थ और मिश्रण | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
शुद्ध पदार्थ
रसायन विज्ञान में शुद्ध पदार्थ वह होता है, जो केवल एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना हो | ये कण परमाणु या अणु हो सकते हैं।
तो दूसरी ओर हम कह सकते हैं कि :- एक शुद्ध पदार्थ वह होता है, जो केवल एक ही प्रकार के परमाणुओं या अणुओं से बना होता है।
उदाहरण के लिए:- कॉपर, सल्फर, पानी, सोना, सल्फ्यूरिक एसिड आदि।
सभी तत्व और यौगिक शुद्ध पदार्थ हैं क्योंकि उनमें केवल एक ही प्रकार के कण होते हैं। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
एक शुद्ध पदार्थ अपने पूरे द्रव्यमान में सजातीय होता है।
एक शुद्ध पदार्थ को किसी भी भौतिक प्रक्रिया द्वारा अन्य प्रकार के पदार्थ में अलग नहीं किया जा सकता है।
एक शुद्ध पदार्थ की एक निश्चित संरचना होती है।
एक शुद्ध पदार्थ का एक निश्चित गलनांक और क्वथनांक होता है।
शुद्ध पदार्थ दो प्रकार के होते हैं जोकि निम्नलिखित हैं :- 1.तत्व 2. यौगिक | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
तत्व
तत्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता |
उदाहरण के लिए:- हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, कॉपर आदि |
रॉबर्ट बॉयल पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सन 1661 में सर्वप्रथम तत्व शब्द का प्रयोग किया |
फ्रांस के रसायनज्ञ एंटोनी लॉरेंट लवाइजिए ( सन 1743 – सन 1794) ने सबसे पहले तत्व की परिभाषा को प्रयोग द्वारा प्रतिपादित किया | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
तत्वों के गुण
एक तत्व को दो ( या अधिक ) सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता क्योंकि यह केवल एक प्रकार के परमाणुओं से बना होता है।
हम यह भी कह सकते हैं कि :- तत्व एक ऐसा पदार्थ है जो केवल एक ही प्रकार के परमाणुओं से बना होता है।
एक तत्व के सभी परमाणु समान होते हैं। विभिन्न तत्वों के परमाणु आकार और संरचना में भिन्न होते हैं। तत्व ठोस, तरल या गैस हो सकते हैं।
तत्वों को उनके भौतिक तथा रासायनिक गुणों की समानता तथा असमानता के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है :- धातु ,अधातु तथा उपधातु | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
धातु
वे तत्व जो आघातवर्धय तथा तन्य होते हैं, ऊष्मा तथा विद्युत के सुचालक होते हैं और जो इलेक्ट्रॉन त्याग कर धनायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं, धातु कहलाते हैं |
उदाहरण के लिए:- कॉपर, आयरन, सोडियम, पोटैशियम आदि |
धातुओं के गुण
ये चमकीली होती हैं | ये चांदी जैसी सफेद या सोने की तरह पीले रंग की होती है|
ये ताप तथा विद्युत की सुचालक होती है |
ये तन्य होती है ( और इनको तार के रूप में खींचा जा सकता है ) |
ये आघातवर्धय होती है इनको पीटकर महीन चादरों मैं ढाला जा सकता है |
ये प्रतिध्वनिपूर्ण होती हैं | सामान्यता ये कमरे के ताप पर ठोस होती है, परंतु मरकरी (Hg) कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में होती है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
अधातु
वे तत्व जो आघातवर्धय तथा तन्य नहीं होते,न ही ऊष्मा तथा विद्युत के सुचालक होते हैं और जो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋणायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं, अधातु कहलाते हैं |
उदाहरण के लिए:- सल्फर, कार्बन, नियॉन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन आदि |
अधातुओं के गुण
ये भंगुर होती हैं। ये न आघातवर्धय और न ही तन्य होती हैं।
ये ऊष्मा और बिजली की कुचालक होती हैं ( हीरे को छोड़कर जो ऊष्मा का अच्छा संवाहक है, और ग्रेफाइट जो बिजली का अच्छा संवाहक है ) |
ये चमकदार नहीं होती हैं और उन्हें पॉलिश नहीं किया जा सकता है ( आयोडीन को छोड़कर जो एक चमकदार अधातु है )।
ये ध्वनिक नहीं होती हैं। ये विभिन्न रंगों की होती है |
ये ठोस, द्रव तथा गैस तीनों अवस्थाओं में पाई जाती है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
उपधातु
वे तत्व जिनमें धातु एवं अधातु दोनों के रासायनिक गुणधर्म उपस्थित होते हैं, उपधातु कहलाते हैं |
उपधातुओं को कभी-कभी अर्ध-धातु भी कहा जाता है। उदाहरण :- सिलिकॉन, बोरॉन और जर्मेनियम।
यौगिक
यौगिक वह पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों के स्थिर अनुपात में रासायनिक रूप में संयोजन से निर्मित होता है |
उदाहरण :- जल एक यौगिक है क्योंकि इसमें इसके अवयवी तत्वों अर्थात हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के भार के अनुसार अनुपात सदैव 1:8 होता है |
यौगिकों को आगे तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:- अम्ल, क्षार और लवण । क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
यौगिकों के गुण
यौगिक, तत्वों के निश्चित अनुपात में संयोग के फलस्वरूप बनते हैं |
यौगिक के बनने में आमतौर पर ऊर्जा ( गर्मी, प्रकाश, आदि के रूप में ) अवशोषित या उत्सर्जित होती है |
एक यौगिक को उसके घटकों में भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है ( इसे केवल रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा इसके घटकों में अलग किया जा सकता है )।
एक यौगिक के गुण उसके घटकों से पूरी तरह भिन्न होते हैं। यौगिक का एक निश्चित गलनांक एवं क्वथनांक होता है। यौगिक समांगी होते हैं | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
मिश्रण
वे पदार्थ जो दो या दो से अधिक पदार्थों के किसी भी अनुपात में मिला देने पर बनते हैं, मिश्रण कहलाते हैं|
उदाहरण :- चीनी और नमक का मिश्रण, नमक तथा पानी का मिश्रण, आदि |
मिश्रण की विशेषताएं
मिश्रण बनने के पराक्रम में कोई रासायनिक परिवर्तन नहीं होता है अर्थात ऊर्जा का आदान-प्रदान नहीं होता |
मिश्रण में इसके अवयवों के गुणधर्म विद्यमान रहते हैं |
मिश्रण के गलनांक व क्वथनांक निश्चित नहीं होते हैं |
एक मिश्रण में दो या दो से अधिक शुद्ध पदार्थ मिश्रित होते हैं। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
सभी मिश्रण अशुद्ध पदार्थ हैं क्योंकि उनमें एक से अधिक प्रकार के कण होते हैं।
मिश्रण आमतौर पर विषमांगी होते हैं यद्यपि कुछ मिश्रण समांगी भी हो सकते हैं |
मिश्रण के अवयवों को भौतिक विधियों द्वारा पृथक किया जा सकता है |
मिश्रण दो प्रकार के होते हैं:- समांगी मिश्रण तथा विषमांगी मिश्रण | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
समांगी मिश्रण
वह मिश्रण जिसके प्रत्येक भाग का संघटन तथा गुणधर्म समान हो, समांगी मिश्रण कहलाता है |
उदाहरण :- नमक या चीनी तथा पानी का मिश्रण एक समांगी मिश्रण है |
इसके विभिन्न अवयवों की सीमाओं को पृथक रूप से नहीं देखा जा सकता |
सभी समांगी मिश्रण विलयन कहलाते हैं। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
विषमांगी मिश्रण
वह मिश्रण जिसके विभिन्न भागों का संघटन एक-दूसरे से भिन्न होता है, विषमांगी मिश्रण कहलाता है |
उदाहरण :- चीनी तथा नमक का मिश्रण एक विषमांगी मिश्रण है |
एक विषमांगी मिश्रण में विभिन्न घटकों के बीच पृथक्करण की दृश्य सीमाएँ होती हैं।
इसकी संरचना एक समान नहीं होती है | सभी निलंबन और कोलाइड विषमांगी मिश्रण हैं। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
विलयन
दो या दो से अधिक पदार्थों द्वारा बने समांगी मिश्रण को विलयन कहते हैं | उदाहरण :- शरबत, नींबू-पानी, आदि |
किसी भी विलयन के सामान्यतः दो अवयव होते हैं :- विलायक और विलेय |
विलायक
विलयन का वह अवयव जो अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होता है, विलायक कहलाता है |
या
जिस द्रव में विलेय घुला होता है उसे विलायक कहते हैं। उदाहरण के लिए:- नमक के घोल में पानी विलायक है।
जल एक सार्वत्रिक विलायक है | जल से बने विलयन जलीय विलयन (aqueous solution) कहलाते हैं |
जल के अतिरिक्त किसी अन्य विलायक में बना विलयन अजलीय विलयन (non-aqueous solution) कहलाता है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
विलेय
विलयन में विलायक के अतिरिक्त उपस्थित एक या एक से अधिक अवयव, जो अपेक्षाकृत कम मात्रा में होते हैं, विलेय कहलाते हैं |
उदाहरण :- नींबू और जल का विलयन | जल – विलायक , नींबू – विलेय
NOTE :- आयोडीन तथा ऐल्कोहॉल का विलयन टिंक्चर आयोडीन के नाम से जाना जाता है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
विलयन के गुण
विलयन एक समांगी मिश्रण होता है | विलयन के कण व्यास में 1nm से भी छोटे होते हैं | इसलिए वे आंख से नहीं देखे जा सकते हैं |
अपने छोटे आकार के कारण विलयन के कारण गुजर रही प्रकाश की किरण को फैलाते नहीं है | इसीलिए विलयन में प्रकाश का मार्ग दिखाई नहीं देता |
विलयन के कारण स्थाई होते हैं, अतः विलयन में से विलेय के कणों को सामान्य प्रक्रिया द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
विलेय तथा विलायक की भौतिक प्रवस्था के आधार पर 9 प्रकार के विलयन बनाए जा सकते हैं :-
1. ठोस का ठोस में मिश्रण | उदाहरण – पीतल अर्थात जस्ते तथा कॉपर की मिश्रण धातु |
2. ठोस का द्रव में विलयन | उदाहरण – नमक का जल में विलयन |
3. ठोस का गैस में विलयन | उदाहरण – धुआं, यह कार्बन का वायु में विलयन है |
4. द्रव का ठोस में विलयन | उदाहरण – जेली |
5. द्रव का द्रव में विलयन | उदाहरण – मदिरा, यह एथिल ऐल्कोहॉल का जल में विलयन है |
6. द्रव का गैस में विलयन | उदाहरण – वायु में जलवाष्प |
7. गैस का ठोस में विलयन | उदाहरण – हाइड्रोजन गैस तथा पैलेडियम धातु का समांगी मिश्रण |
8. गैस का द्रव में विलयन | उदाहरण – सोडा-जल |
9. गैस का गैस में विलयन | उदाहरण – वायु | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
सांद्रण के आधार पर विलयन निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं:-
तनु विलयन
वह विलयन जिसमें विलायक की मात्रा विलेय की तुलना में बहुत अधिक होती है, तनु विलयन कहलाता है |
सांद्र विलयन
वह विलयन, जिसमें विलायक की मात्रा विलेय की तुलना में कम या लगभग समान होती है, सांद्र विलयन कहलाता है |
संतृप्त विलयन
वह विलयन, जिसमें स्थिर ताप पर और अधिक विलेय नहीं घोला जा सके, संतृप्त विलयन कहलाता है |
असंतृप्त विलयन
यदि किसी विलयन में विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्तता से कम है, तो उसे असंतृप्त विलयन कहा जाता है |
अतिसंतृप्त विलयन
यदि किसी विलयन में विलेय पदार्थ की सांद्रता संतृप्त स्तर से कम हो तो उसे अतिसंतृप्त विलयन कहते हैं |
घुलनशीलता
किसी निश्चित ताप पर संतृप्त विलयन में घुलित विलेय की मात्रा उसकी घुलनशीलता कहलाती है |
विलयन की सांद्रता
विलायक की मात्रा ( द्रव्यमान अथवा आयतन) में घुले हुए विलेय पदार्थ की मात्रा को अथवा विलेय पदार्थ की मात्रा को जो विलयन के किसी दी गई मात्रा अथवा आयतन में उपस्थित हो, उसे विलयन की सांद्रता कहते हैं |
विलयन की सांद्रता = विलेय की मात्रा/ विलयन की मात्रा
या
विलयन की सांद्रता = विलेय की मात्रा/ विलायक की मात्रा क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
किसी विलयन की सान्द्रता को विभिन्न तरीकों से व्यक्त किया जा सकता है |
विलयन की सांद्रता को व्यक्त करने का सबसे सामान्य तरीका प्रतिशत विधि है।
किसी विलयन की सांद्रता को व्यक्त करने की प्रतिशत विधि, विलयन में मौजूद ‘ विलेय के प्रतिशत ‘ को दर्शाती है।
विलेय का प्रतिशत ‘द्रव्यमान’ या ‘आयतन’ द्वारा हो सकता है। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
यदि विलयन, किसी द्रव में घुले हुए ‘ठोस विलेय’ का है, तो हम विलयन की सांद्रता की गणना के लिए इस विधि का उपयोग करेंगे :-
विलयन की सान्द्रता =(विलेय का द्रव्यमान / विलयन का द्रव्यमान) × 100
यदि विलयन, किसी द्रव विलायक में घुले हुए ‘तरल विलेय’ का है, तो हम विलयन की सांद्रता की गणना के लिए इस विधि का उपयोग करेंगे :-
विलयन की सांद्रता = (विलेय का आयतन / विलयन का आयतन) × 100 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
NOTE
घुलनशीलता तापमान पर निर्भर करती है, इसलिए किसी पदार्थ की घुलनशीलता को व्यक्त करते समय, हमें तापमान भी निर्दिष्ट करना होगा।
द्रव में ठोस की घुलनशीलता आमतौर पर तापमान बढ़ाने पर बढ़ जाती है; और तापमान कम होने पर घट जाती है।
द्रव में ठोस की विलेयता दाब में परिवर्तन से अप्रभावित रहती है।
तरल पदार्थों में गैसों की घुलनशीलता आमतौर पर तापमान बढ़ाने पर कम हो जाती है; और तापमान कम होने पर वृद्धि |
दाब बढ़ाने पर द्रवों में गैसों की विलेयता बढ़ जाती है; और दाब कम करने पर घटती है। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
निलंबन विलयन
निलंबन एक विषमांगी मिश्रण है जिसमें ठोस के छोटे-छोटे कण बिना घुले पूरे द्रव में फैल जाते हैं।
उदाहरण:- नदी का गंदा जल, चाक-पानी का मिश्रण, आदि।
निलंबन के गुण
निलंबन एक विषमांगी मिश्रण है। निलंबन के कणों को आसानी से देखा जा सकता है।
ये निलंबित कण प्रकाश की किरण को फैला देते हैं, जिससे उसका मार्ग दृष्टिगोचर हो जाता है |
जब इसे शांत छोड़ देते हैं तब ये कण नीचे की ओर बैठ जाते हैं अर्थात निलंबन अस्थाई होता है |
छानन विधि द्वारा इन कणों को मिश्रण से पृथक किया जा सकता है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
कोलाइड विलयन
वह विलयन जिसमें विलेय कणों का आकार वास्तविक विलयन के कणों से बड़ा और निलंबन में मौजूद कणों से छोटा होता है, उसे कोलाइड विलयन कहते हैं |
जैसे :- दूध, स्याही, रक्त आदि।
कोलॉइड के गुण
यह एक विषमांगी मिश्रण है | कोलाइड के कणों का आकार इतना छोटा होता है कि यह पृथक रूप से आंखों से नहीं देखे जा सकते हैं |
ये इतने बड़े होते हैं कि प्रकाश की किरण को फैलाते हैं तथा उसके मार्ग को दृश्य बनाते हैं |
जब इनको शांत छोड़ दिया जाता है तब ये करण तल पर बैठते हैं अर्थात यह स्थाई होते हैं |
ये छानन विधि द्वारा मिश्रण से पृथक नहीं किए जा सकते | किंतु एक विशेष विधि अपकेंद्रीकरण तकनीक द्वारा पृथक किए जा सकते हैं | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
NOTE
कोलाइडल विलयन परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम से बनता है |
विलय पदार्थ की तरह का घटक या परिक्षिप्त कण जो कि कोलाइडल रूप में रहता है उसे परिक्षिप्त प्रावस्था कहते हैं |
वह घटक जिसमें परिक्षिप्त प्रावस्था निलंबित रहता है ,उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं |
कोलाइडल को परिक्षेपण माध्यम ( ठोस, द्रव या गैस ) की अवस्था और परिक्षिप्त प्रावस्था के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है |
मिश्रण का पृथक्करण
मिश्रण को अलग करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि उसके घटकों की प्रकृति पर निर्भर करती है |
विभिन्न भौतिक प्रक्रियाओं का उपयोग करके विभिन्न मिश्रणों को अलग किया जाता है।
कुछ मामलों में, मिश्रण को अलग करने के लिए एक से अधिक प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
निस्पंदन द्वारा पृथक्करण
फिल्टर पेपर का उपयोग करके तरल से अघुलनशील ठोस को हटाने की प्रक्रिया को निस्पंदन के रूप में जाना जाता है।
निस्पंदन का उपयोग अघुलनशील को तरल से अलग करने के लिए किया जाता है।
निस्पंदन उस ठोस पदार्थ को नहीं हटा सकता है जो एक तरल में घुल जाता है।
फिल्टर पेपर पर जो ठोस पदार्थ पीछे रह जाता है उसे अवशेष कहते हैं।
वह द्रव जो फिल्टर पेपर से होकर गुजरता है, निस्यंद कहलाता है। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
अपकेंद्रीकरण द्वारा पृथक्करण
अपकेंद्रीकरण, किसी पदार्थ के निलंबित कणों को एक द्रव से अलग करने की एक विधि है ,जिसमें मिश्रण को एक अपकेंद्रित्र में उच्च गति से घुमाया जाता है।
दूध से क्रीम को अलग करने के लिए डेयरियों में अपकेंद्रीकरण की प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।
गीले कपड़ों से पानी निकालने और उन्हें सुखाने के लिए वाशिंग मशीन में अपकेंद्रीकरण की प्रक्रिया का भी उपयोग किया जाता है। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
वाष्पीकरण द्वारा पृथक्करण
किसी द्रव का वाष्प (या गैस) में परिवर्तन वाष्पीकरण कहलाता है।
वाष्पीकरण का उपयोग पानी ( या किसी अन्य तरल ) में घुले ठोस पदार्थ को अलग करने के लिए किया जाता है।
मिश्रण को अलग करने के लिए वाष्पीकरण की प्रक्रिया का उपयोग इस तथ्य पर आधारित है कि तरल आसानी से वाष्पीकृत हो जाते हैं जबकि ठोस आसानी से वाष्पीकृत नहीं होते हैं।
पानी में घुले सामान्य नमक को वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा अलग किया जा सकता है।
समुद्र के पानी से सामान्य नमक प्राप्त करने के लिए वाष्पीकरण की प्रक्रिया का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
वाष्पन का उपयोग तरल मिश्रण ( या घोल ) से घुले हुए ठोस पदार्थों को निकालने के लिए किया जाता है, लेकिन इस विधि से तरल को स्वयं पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सकता है। तरल वाष्पित हो जाता है और हवा में खो जाता है। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
क्रोमैटोग्राफी द्वारा पृथक्करण
क्रोमैटोग्राफी दो (या अधिक) घुलित ठोस पदार्थों को अलग करने की एक तकनीक है जो बहुत कम मात्रा में एक घोल में मौजूद होते हैं।
यह पृथक्करण ( कागज क्रोमैटोग्राफी ) इस तथ्य पर आधारित है कि यद्यपि दो ( या अधिक ) पदार्थ एक ही विलायक ( जैसे, पानी ) में घुलनशील होते हैं, लेकिन उनकी घुलनशीलता भिन्न हो सकती है।
काली स्याही कई रंगीन पदार्थों ( या रंगों ) का मिश्रण है जिसे पेपर क्रोमैटोग्राफी द्वारा अलग किया जा सकता है। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
उर्ध्वपातन विधि द्वारा पृथक्करण
कुछ ठोसों में गर्म करने पर उर्ध्वपातन की प्रवृत्ति पाई जाती है अर्थात यह गर्म करने पर बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए सीधे ही ठोसे से गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं |
वह मिश्रण, जिनमें उर्ध्वपातित हो सकने वाले अवयव हो, को उर्ध्वपातित ने होने योग्य अशुद्धियों से पृथक करने के लिए उर्ध्वपातन की प्रक्रिया का प्रयोग करते हैं |
उदाहरण अमोनियम क्लोराइड तथा साधारण नमक के मिश्रण को उर्ध्वपातन द्वारा पृथक किया जा सकता है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
चुंबक द्वारा पृथक्करण
लोहा चुंबक द्वारा आकर्षित होता है। लोहे के इस गुण का उपयोग इसे मिश्रण से अलग करने के लिए किया जाता है।
यदि मिश्रण में एक घटक के रूप में लोहा होता है, तो इसे चुंबक का उपयोग करके अलग किया जा सकता है।
वह चुम्बक जो विद्युत धारा के साथ कार्य करता है, विद्युत चुम्बक कहलाता है। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
प्रथक्कारी द्वारा पृथक्करण
इस विधि का प्रयोग दो अघुलनशील द्रवों के मिश्रण को पृथक करने में प्रयुक्त करते हैं |
यह विधि इस सिद्धांत पर आधारित है कि दो अघुलनशील द्रवों को उनके घनत्व के आधार पर परतो के रूप में पृथक किया जा सकता है |
पृथक्करण तकनीकों का प्रयोग तेल तथा जल के मिश्रण के पृथक्करण में होता है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
आसवन विधि द्वारा पृथक्करण
आसवन विधि में द्रव का वाष्प में एवं वाष्प को पुन: संघनन द्वारा द्रव में रूपांतरण किया जाता है |
इस विधि का उपयोग वैसे मिश्रण को पृथक करने में किया जाता है, जो विघटित हुए बिना उबलते हैं तथा जिनके घटकों के क्वथनांक के मध्य 25K से अधिक का अंतराल होता है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
प्रभाजी आसवन विधि
दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों जिनके क्वथनांक का अंतर 25K से कम होता है, के मिश्रण को पृथक करने के लिए प्रभाजी आसवन विधि का प्रयोग किया जाता है |
उदाहरण :- वायु से विभिन्न गैसों का पृथक्करण तथा पेट्रोलियम उत्पादों से उनके विभिन्न घटकों का पृथक्करण आदि |
इसका उपकरण साधारण आसवन विधि के समान ही होता है| केवल आसवन फ्लास्क और संघनक के बीच एक प्रभाजी स्तंभ का प्रयोग किया जाता है |
साधारण प्रभाजी स्तंभ एक नली होती है, जोकि शीशे के गुटको से भरी होती है| ये गुटके वाष्प को ठंडा और संघनित होने के लिए सतह प्रदान करते हैं तथा पुनरावृति रुप से संघनित करते हैं | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
भौतिक परिवर्तन
वे परिवर्तन जिनमें कोई नया पदार्थ नहीं बनता है, भौतिक परिवर्तन कहलाते हैं। पदार्थ के केवल भौतिक गुण परिवर्तित होते हैं |
परिवर्तन के साथ सामान्यता ऊर्जा परिवर्तन नहीं होते हैं | भौतिक परिवर्तनों के कुछ सामान्य उदाहरण हैं: बर्फ का पिघलना, पानी का जमना आदि। क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
रासायनिक परिवर्तन
वे परिवर्तन जिनमें नए पदार्थ का निर्माण होता है, रासायनिक परिवर्तन कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए:- कागज का जलना, मैग्नीशियम के तार का जलना, दूध से दही बनना और भोजन पकाना
रासायनिक परिवर्तन एक स्थायी परिवर्तन है। रासायनिक परिवर्तन आमतौर पर अपरिवर्तनीय होता है।
इन परिवर्तनों के दौरान सामान्यता ऊर्जा परिवर्तन होते हैं | रासायनिक परिवर्तन पदार्थ के रासायनिक गुणधर्मो में परिवर्तन लाता है | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है
MCQ
प्रश्न 1. एक शुद्ध पदार्थ वह होता है, जो केवल बना होता है –
उत्तर- एक ही प्रकार के परमाणुओं या अणुओं से
प्रश्न 2. सभी तत्व और यौगिक शुद्ध पदार्थ हैं क्योंकि उनमें होते हैं –
उत्तर- केवल एक ही प्रकार के कण
प्रश्न 3. एक शुद्ध पदार्थ अपने पूरे द्रव्यमान में होता है –
उत्तर- सजातीय
प्रश्न 4. एक शुद्ध पदार्थ को किसी भी भौतिक प्रक्रिया द्वारा अलग नहीं किया जा सकता है –
उत्तर- अन्य प्रकार के पदार्थ में
प्रश्न 5. एक शुद्ध पदार्थ की होती है –
उत्तर- एक निश्चित संरचना
प्रश्न 6. एक शुद्ध पदार्थ का गलनांक और क्वथनांक होता है –
उत्तर- निश्चित
प्रश्न 7. तत्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा विभाजित नहीं किया जा सकता –
उत्तर- अन्य सरल पदार्थों में
प्रश्न 8. वह वैज्ञानिक जिसने सर्वप्रथम तत्व शब्द का प्रयोग किया –
उत्तर- रॉबर्ट बॉयल
प्रश्न 9. सबसे पहले तत्व की परिभाषा को प्रयोग द्वारा प्रतिपादित किया –
उत्तर- एंटोनी लॉरेंट लवाइजिए ने
प्रश्न 10. एक तत्व के सभी परमाणु होते हैं –
उत्तर- समान
प्रश्न 11. विभिन्न तत्वों के परमाणु होते हैं –
उत्तर- आकार और संरचना में भिन्न
प्रश्न 12. तत्वों को उनके भौतिक तथा रासायनिक गुणों की समानता तथा असमानता के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है –
उत्तर- धातु ,अधातु तथा उपधातु में
प्रश्न 13. वे तत्व जो आघातवर्धय तथा तन्य होते हैं, ऊष्मा तथा विद्युत के सुचालक होते हैं और जो इलेक्ट्रॉन त्याग कर धनायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- धातु
प्रश्न 14. धातु जो कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में होती है –
उत्तर- मरकरी (Hg)
प्रश्न 15. वे तत्व जो आघातवर्धय तथा तन्य नहीं होते,न ही ऊष्मा तथा विद्युत के सुचालक होते हैं और जो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋणायन बनाने की प्रवृत्ति रखते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- अधातु
प्रश्न 16. एक चमकदार अधातु है –
उत्तर- आयोडीन
प्रश्न 17. अधातु जो ऊष्मा का अच्छा संवाहक है –
उत्तर- हीरा
प्रश्न 18. अधातु जो बिजली का अच्छा संवाहक है –
उत्तर- ग्रेफाइट
प्रश्न 19. वे तत्व जिनमें धातु एवं अधातु दोनों के रासायनिक गुणधर्म उपस्थित होते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- उपधातु
प्रश्न 20. उपधातुओं को कभी-कभी कहा जाता है –
उत्तर- अर्ध-धातु भी
प्रश्न 21. वह पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों के स्थिर अनुपात में रासायनिक रूप में संयोजन से निर्मित होता है –
उत्तर- यौगिक
प्रश्न 22. यौगिकों को विभाजित किया जा सकता है:-
उत्तर- अम्ल, क्षार और लवण में
प्रश्न 23. यौगिक के बनने में आमतौर पर ऊर्जा होती है –
उत्तर- अवशोषित या उत्सर्जित
प्रश्न 24. एक यौगिक को उसके घटकों में अलग नहीं किया जा सकता है –
उत्तर- भौतिक प्रक्रियाओं द्वारा
प्रश्न 25. एक यौगिक के गुण उसके घटकों से होते हैं –
उत्तर- पूरी तरह भिन्न
प्रश्न 26. वे पदार्थ जो दो या दो से अधिक पदार्थों के किसी भी अनुपात में मिला देने पर बनते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- मिश्रण
प्रश्न 27. मिश्रण में इसके अवयवों के गुणधर्म रहते हैं –
उत्तर- विद्यमान
प्रश्न 28. मिश्रण के गलनांक व क्वथनांक नहीं होते हैं –
उत्तर- निश्चित
प्रश्न 29. मिश्रण के अवयवों को पृथक किया जा सकता है –
उत्तर- भौतिक विधियों द्वारा
प्रश्न 30. वह मिश्रण जिसके प्रत्येक भाग का संघटन तथा गुणधर्म समान हो, कहलाता है –
उत्तर- समांगी मिश्रण
प्रश्न 31. सभी समांगी मिश्रण कहलाते हैं –
उत्तर- विलयन
प्रश्न 32. वह मिश्रण जिसके विभिन्न भागों का संघटन एक-दूसरे से भिन्न होता है, कहलाता है –
उत्तर- विषमांगी मिश्रण
प्रश्न 33. एक विषमांगी मिश्रण में विभिन्न घटकों के बीच पृथक्करण की होती हैं –
उत्तर- दृश्य सीमाएँ
प्रश्न 34. सभी निलंबन और कोलाइड हैं –
उत्तर- विषमांगी मिश्रण
प्रश्न 35. दो या दो से अधिक पदार्थों द्वारा बने समांगी मिश्रण को कहते हैं –
उत्तर- विलयन
प्रश्न 36. विलयन का वह अवयव जो अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होता है, कहलाता है –
उत्तर- विलायक
प्रश्न 37. जल एक विलायक है –
उत्तर- सार्वत्रिक
प्रश्न 38. विलयन में विलायक के अतिरिक्त उपस्थित एक या एक से अधिक अवयव, जो अपेक्षाकृत कम मात्रा में होते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- विलेय
प्रश्न 39. आयोडीन तथा ऐल्कोहॉल का विलयन नाम से जाना जाता है –
उत्तर- टिंक्चर आयोडीन के
प्रश्न 40. विलयन एक मिश्रण होता है –
उत्तर- समांगी
प्रश्न 41. विलयन में से विलेय के कणों को सामान्य प्रक्रिया द्वारा नहीं किया जा सकता –
उत्तर- पृथक
प्रश्न 42. वह विलयन जिसमें विलायक की मात्रा विलेय की तुलना में बहुत अधिक होती है, कहलाता है –
उत्तर- तनु विलयन
प्रश्न 43. वह विलयन, जिसमें विलायक की मात्रा विलेय की तुलना में कम या लगभग समान होती है, कहलाता है –
उत्तर- सांद्र विलयन
प्रश्न 44. वह विलयन, जिसमें स्थिर ताप पर और अधिक विलेय नहीं घोला जा सके, कहलाता है –
उत्तर- संतृप्त विलयन
प्रश्न 45. यदि किसी विलयन में विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्तता से कम है, तो उसे कहा जाता है –
उत्तर- असंतृप्त विलयन
प्रश्न 46. यदि किसी विलयन में विलेय पदार्थ की सांद्रता संतृप्त स्तर से कम हो तो उसे कहते हैं –
उत्तर- अतिसंतृप्त विलयन
प्रश्न 47. किसी निश्चित ताप पर संतृप्त विलयन में घुलित विलेय की मात्रा उसकी कहलाती है –
उत्तर- घुलनशीलता
प्रश्न 48. विलयन की सांद्रता को व्यक्त करने का सबसे सामान्य तरीका है –
उत्तर- प्रतिशत विधि
प्रश्न 49. घुलनशीलता निर्भर करती है –
उत्तर- तापमान पर
प्रश्न 50. द्रव में ठोस की घुलनशीलता आमतौर पर बढ़ जाती है –
उत्तर- तापमान बढ़ाने पर
प्रश्न 51. द्रव में ठोस की विलेयता अप्रभावित रहती है –
उत्तर- दाब में परिवर्तन से
प्रश्न 52. तरल पदार्थों में गैसों की घुलनशीलता आमतौर पर तापमान बढ़ाने पर हो जाती है –
उत्तर- कम
प्रश्न 53. दाब बढ़ाने पर द्रवों में गैसों की विलेयता –
उत्तर- बढ़ जाती है
प्रश्न 54. वह विलयन जिसमें विलेय कणों का आकार वास्तविक विलयन के कणों से बड़ा और निलंबन में मौजूद कणों से छोटा होता है, उसे कहते हैं –
उत्तर- कोलाइड विलयन
प्रश्न 55. मिश्रण को अलग करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि निर्भर करती है –
उत्तर- उसके घटकों की प्रकृति पर
प्रश्न 56. फिल्टर पेपर का उपयोग करके तरल से अघुलनशील ठोस को हटाने की प्रक्रिया को जाना जाता है –
उत्तर- निस्पंदन के रूप में
प्रश्न 57. निस्पंदन का उपयोग तरल से अलग करने के लिए किया जाता है –
उत्तर- अघुलनशील को
प्रश्न 58. वह द्रव जो फिल्टर पेपर से होकर गुजरता है, कहलाता है –
उत्तर- निस्यंद
प्रश्न 59. दूध से क्रीम को अलग करने के लिए डेयरियों में उपयोग किया जाता है –
उत्तर- अपकेंद्रीकरण की प्रक्रिया का
प्रश्न 60. गीले कपड़ों से पानी निकालने और उन्हें सुखाने के लिए वाशिंग मशीन में भी उपयोग किया जाता है –
उत्तर- अपकेंद्रीकरण की प्रक्रिया का
प्रश्न 61. किसी द्रव का वाष्प (या गैस) में परिवर्तन कहलाता है –
उत्तर- वाष्पीकरण
प्रश्न 62. काली स्याही कई रंगीन पदार्थों ( या रंगों ) का मिश्रण है जिसे अलग किया जा सकता है –
उत्तर- पेपर क्रोमैटोग्राफी द्वारा
प्रश्न 63. वे परिवर्तन जिनमें कोई नया पदार्थ नहीं बनता है, कहलाते हैं –
उत्तर- भौतिक परिवर्तन
प्रश्न 64. वे परिवर्तन जिनमें नए पदार्थ का निर्माण होता है, कहलाते हैं –
उत्तर- रासायनिक परिवर्तन
प्रश्न 65. रासायनिक परिवर्तन आमतौर पर होता है –
उत्तर- अपरिवर्तनीय