परमाणु एवं अणु
परमाणु एवं अणु :- भारतीय दार्शनिक महर्षि कनाड उन पहले व्यक्तियों में से एक थे, जिन्होंने प्रस्ताव दिया था कि पदार्थ बहुत छोटे कणों से बनता है जिन्हें ‘परमाणु’ कहते हैं |
जॉन डाल्टन ने इन कणों को परमाणु के नाम से पुकारा।
परमाणु शब्द का अर्थ है अविभाज्य – ऐसा कुछ जिसे आगे विभाजित नहीं किया जा सकता है।
एक अन्य भारतीय दार्शनिक पकुधा कात्यायाम ने एक कदम आगे बढ़ कर प्रस्ताव दिया कि पदार्थ के कण सामान्यत: संयुक्त रूप में पाए जाते हैं और कणों के विभिन्न संयोजन हमें विभिन्न प्रकार के पदार्थ देते हैं। परमाणु एवं अणु
परमाणु के इस संयुक्त रूप को अब अणु कहा जाता है।
सभी पदार्थ छोटे-छोटे कणों से बने होते हैं जिन्हें परमाणु और अणु कहते हैं।
विभिन्न प्रकार के परमाणुओं और अणुओं में अलग-अलग गुण होते हैं |
पदार्थ के गुण परमाणुओं और अणुओं के गुणों पर निर्भर करते हैं जिनसे यह बनता है। परमाणु एवं अणु
रासायनिक संयोजन के नियम
पदार्थों का निर्माण विभिन्न परमाणुओं या अणुओं के मध्य रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप होता है |
ये अभिक्रियाएं कुछ नियमों पर आधारित होती हैं ,जो रासायनिक संयोजन के नियम कहलाते हैं |
अतः वे नियम जिनके आधार पर विभिन्न तत्व अथवा यौगिक परस्पर संयोग करके नए यौगिको का निर्माण करते हैं, रासायनिक संयोजन के नियम कहलाते हैं |
ये नियम निम्नलिखित है :-
1. द्रव्यमान संरक्षण का नियम
2. स्थिर अनुपात का नियम
3. गुणित अनुपात का नियम
द्रव्यमान संरक्षण का नियम
द्रव्यमान के संरक्षण का नियम 1774 में लैवोजियर द्वारा दिया गया था।
इस नियम के अनुसार किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न सर्जन किया जा सकता है न ही विनाश |
वे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में आपस में संयोग ( या अभिक्रिया ) करते हैं, अभिकारक कहलाते हैं।
रासायनिक प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप बनने वाले ( या उत्पादित ) नए पदार्थ उत्पाद कहलाते हैं।
द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का अर्थ है कि रासायनिक अभिक्रिया मैं पदार्थों का कुल द्रव्यमान अपरिवर्तित रहता है अर्थात अभिक्रिया में प्रयुक्त पदार्थों (अर्थात अभीकारको) का कुल द्रव्यमान = अभिक्रिया के पश्चात निर्मित पदार्थों (अर्थात उत्पादों ) का कुल द्रव्यमान |
रासायनिक अभिक्रिया के दौरान द्रव्यमान में कोई परिवर्तन नहीं होता है। परमाणु एवं अणु
स्थिर अनुपात का नियम
फ्रांसीसी वैज्ञानिक प्राउस्ट ने स्थिर अनुपात के नियम का प्रतिपादन किया |
इस नियम के अनुसार प्रत्येक रासायनिक यौगिक में चाहे वह किसी भी विधि से बनाया या प्राप्त किया गया हो तत्वों के द्रव्यमान एक निश्चित अनुपात में संयुक्त रहते हैं |
किसी भी यौगिक में तत्व सदैव एक निश्चित द्रव्यमानो के अनुपात में विद्यमान होते है |
जल, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का एक यौगिक है | इसे नदी, कुएं, समुंद्र, वर्षा आदि प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त किया जा सकता है, परंतु जल के प्राप्त प्रत्येक नमूने में हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का अनुपात ( भार अनुसार) सदैव 1:8 होता है |
स्थिर अनुपात के नियम को निश्चित अनुपात का नियम या स्थिर संयोजन का नियम भी कहा जाता है। परमाणु एवं अणु
गुणित अनुपात का नियम
इस नियम का प्रतिपादन जॉन डाल्टन ने सन 1803 ई0 में किया था |
इस नियम के अनुसार ” यदि दो तत्व मिलकर एक से अधिक यौगिक बना सकते हैं, तो एक तत्व का द्रव्यमान जो दूसरे तत्व के निश्चित द्रव्यमान के साथ संयोग करता है, छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में होता है “।
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार सभी द्रव्य चाहे तत्व, यौगिक या मिश्रण हो, सूक्ष्म कणों से बने होते हैं जिन्हें परमाणु कहते हैं |
डाल्टन के सिद्धांत की विवेचना निम्न प्रकार से कर सकते हैं:-
1. सभी द्रव्य परमाणुओं से निर्मित होते हैं |
2. परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सर्जित होते हैं न ही उनका विनाश होता है |
3. दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म समान होते हैं |
4. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं |
5. भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक निर्मित करते हैं |
6. किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं | परमाणु एवं अणु
NOTE
डाल्टन का यह सिद्धांत रासायनिक संयोजन के नियमों पर आधारित था |
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत ने द्रव्यमान के संरक्षण के नियम एवं निश्चित अनुपात के नियम की युक्तिसंगत व्याख्या की |
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत परमाणुओं के संदर्भ में पदार्थ के व्यवहार ( या पदार्थ के गुणों ) का वर्णन करने वाला पहला आधुनिक प्रयास था।
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के दोष
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत की एक बड़ी कमी यह है कि परमाणुओं को अविभाज्य माना जाता था ( जिसे विभाजित नहीं किया जा सकता )। अब हम जानते हैं कि विशेष परिस्थितियों में, परमाणुओं को और भी छोटे कणों में विभाजित किया जा सकता है जिन्हें इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन कहा जाता है।
डाल्टन का परमाणु सिद्धांत कहता है कि किसी तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान समान होता है। हालाँकि, अब यह ज्ञात है कि एक ही तत्व के परमाणुओं का द्रव्यमान थोड़ा भिन्न हो सकता है। ( समस्थानिक )
डाल्टन के परमाणु सिद्धांत ने कहा कि विभिन्न तत्वों के परमाणुओं का द्रव्यमान अलग-अलग होता है। हालाँकि, अब यह ज्ञात है कि विभिन्न तत्वों के परमाणुओं का भी समान द्रव्यमान हो सकता है। ( समभारिक )
यह उन बलों की प्रकृति की व्याख्या करने में विफल रहा जो एक अणु में परमाणुओं को एक साथ बांधते हैं।
डाल्टन का सिद्धांत रासायनिक संयोजन के नियम की व्याख्या कर सकता है। हालाँकि, यह गैसीय आयतन के नियम की व्याख्या नहीं कर सका। परमाणु एवं अणु
परमाणु
परमाणु किसी तत्व का वह सूक्ष्मतम कण है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले सकता है।
अधिकांश तत्वों के परमाणु बहुत प्रतिक्रियाशील होते हैं और वे स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकते |
जितने तत्व हैं उतने ही परमाणु भी हैं।
परमाणु आकार में बहुत छोटे होते हैं। परमाणु एवं अणु
किसी परमाणु का आकार उसकी त्रिज्या से प्रदर्शित होता है जिसे परमाणु त्रिज्या कहते हैं।
परमाणु त्रिज्या को नैनोमीटर में मापा जाता है।
हाइड्रोजन परमाणु सबसे छोटा परमाणु है।
हाइड्रोजन परमाणु की परमाणु त्रिज्या 0.037 nm है। परमाणु एवं अणु
तत्वों के प्रतीक
किसी तत्व के नाम के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले चिन्ह को ही उस तत्व का संकेत अथवा प्रतीक कहते हैं |
तत्वों के प्रतीकों का अर्थ है तत्वों के परमाणुओं के प्रतीक ( क्योंकि तत्व परमाणुओं से बने होते हैं )।
डाल्टन पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने तत्वों को संक्षिप्त रूप में दर्शाने के लिए प्रतीकों का प्रयोग किया।
एक तत्व के लिए डाल्टन का प्रतीक उस तत्व के साथ-साथ उस तत्व के एक परमाणु का भी प्रतिनिधित्व करता है।
तत्वों के लिए डाल्टन के प्रतीकों को खींचना कठिन था और उनका उपयोग करना असुविधाजनक था।
बर्जेलियम ने तत्वों के ऐसे प्रतीकों का सुझाव दिया जो उन तत्वों के नामों के एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित होता था |
प्रारंभ में तत्वों के नामों की व्युत्पत्ति उन स्थानों के नामों से की गई जहां वे सर्वप्रथम पाए गए थे |
उदाहरण स्वरूप कॉपर (Copper)का नाम साइप्रस (Cyprus)से लिया हुआ | परमाणु एवं अणु
कुछ तत्वों के नामों को विशिष्ट रंगो से लिया गया |
उदाहरण स्वरूप स्वर्ण (gold) का नाम अंग्रेजी के उस शब्द से लिया गया जिसका अर्थ होता है पीला |
आजकल इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड अप्लाइड केमेस्ट्री( IUPAC)तत्वों के नामों की स्वीकृति प्रदान करती है |
अधिकतर तत्वों के प्रतीक उन तत्वों के अंग्रेजी नामों के एक या दो अक्षरों से बने होते हैं |
किसी प्रतीक के पहले अक्षर को सदैव बड़े अक्षर में तथा दूसरे अक्षर को छोटे अक्षर में लिखा जाता है |
उदाहरण :- हाइड्रोजन (H), एलुमिनियम (Al) इत्यादि | परमाणु एवं अणु
कुछ तत्वों के प्रतीक उनके अंग्रेजी नामों के प्रथम अक्षर तथा बाद में आने वाले किसी एक अक्षर को संयुक्त करके बनाते हैं |
उदाहरण :- क्लोरीन (Cl) , जिंक (Zn) इत्यादि |
अन्य तत्वों के प्रतीकों को लैटिन, जर्मन या ग्रीक भाषाओं में उनके नामों से बनाया गया है |
उदाहरण लोह (Iron) का प्रतीक Fe है, जो उसके लैटिन नाम फेरम से लिया गया है |
प्रत्येक तत्व का एक नाम एवं एक अद्वितीय रासायनिक प्रतीक होता है | परमाणु एवं अणु
एक तत्व के प्रतीक का महत्व
प्रतीक, तत्व के नाम का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रतीक, तत्व के एक परमाणु का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रतीक, तत्व के परमाणु के एक मोल का भी प्रतिनिधित्व करता है। यानी प्रतीक, तत्व के 6.022 × 1023 परमाणुओं का भी प्रतिनिधित्व करता है।
प्रतीक, तत्व के एक निश्चित द्रव्यमान ( ग्राम में व्यक्त परमाणु द्रव्यमान के बराबर ) का प्रतिनिधित्व करता है। परमाणु एवं अणु
परमाणु द्रव्यमान
किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के कुल द्रव्यमान को उस परमाणु का परमाणु द्रव्यमान कहा जाता है |
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान इंगित करता है कि तत्व का एक परमाणु कार्बन-12 परमाणु के 1/12 से कितनी बार भारी है।
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान उसके परमाणु का आपेक्षिक द्रव्यमान होता है, जबकि कार्बन-12 परमाणु के द्रव्यमान को 12 इकाई माना जाता है। परमाणु एवं अणु
कार्बन-12 परमाणु, कार्बन का वह परमाणु है जिसके नाभिक में 6 प्रोटॉन और 6 न्यूट्रॉन होते हैं जिससे इसकी द्रव्यमान संख्या 12 होती है
परमाणु द्रव्यमान इकाई = 1/12 कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान
या
1u = 1/12 कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान
परमाणु द्रव्यमान इकाई को पहले ‘amu’ के रूप में संक्षेप में लिखा जाता था लेकिन आज परमाणु द्रव्यमान इकाई को ‘u’ अक्षर से दर्शाया जाता है।
अन्य सभी तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का निर्धारण उनके परमाणु के द्रव्यमान की कार्बन-12 परमाणु के द्रव्यमान से तुलना करके किया जाता है। परमाणु एवं अणु
उदाहरण के लिए :- मैग्नीशियम का परमाणु द्रव्यमान 24 u है जो दर्शाता है कि मैग्नीशियम का एक परमाणु कार्बन-12 परमाणु के 1/12 से 24 गुना भारी है।
प्रयोगों से पता चला है कि एक कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान होता है= 1.994 ×10-23 ग्राम।
तो, परमाणु द्रव्यमान इकाई का वास्तविक द्रव्यमान 1.6605 × 10-24 ग्राम है।
1 u = 1.6605 × 10-24 ग्राम ( कार्बन-12 परमाणु द्रव्यमान को 12 से विभाजित करना )। परमाणु एवं अणु
परमाणु किस प्रकार अस्तित्व में रहते हैं
केवल कुछ तत्वों ( उत्कृष्ट गैस ) के परमाणु रासायनिक रूप से अक्रियाशील होते हैं और वे स्वतंत्र अवस्था में ( एकल परमाणु के रूप में ) रह सकते हैं |
अधिकांश तत्वों के परमाणु रासायनिक रूप से बहुत प्रतिक्रियाशील होते हैं और वे स्वतंत्र अवस्था में ( एकल परमाणु के रूप में ) नहीं रह सकते |
परमाणु आमतौर पर दो तरह से रह सकते हैं: –
1. अणुओं के रूप में, तथा
2. आयनों के रूप में।
जब परमाणु अणु या आयन बनाते हैं, तो वे स्थिर हो जाते हैं ( क्योंकि ऐसा करने से वे उत्कृष्ट गैसों की स्थिर इलेक्ट्रॉन व्यवस्था प्राप्त कर लेते हैं )। परमाणु एवं अणु
अणु
अणु ऐसे दो या दो से अधिक परमाणु का समूह होता है जो आपस में रासायनिक बंधन द्वारा जुड़े होते हैं अथवा वे परस्पर आकर्षण बल के द्वारा कसकर जुड़े होते हैं |
वह बल जो परमाणुओं को अणुओं में बांधे रखता है, सहसंयोजी बंध कहलाते हैं।
अणु मुक्त अवस्था में रह सकते हैं क्योंकि वे बहुत स्थिर होते हैं।
दूसरे शब्दों में, अणु किसी पदार्थ (तत्व या यौगिक) का सबसे छोटा कण है जो स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में रह सकता है तथा उस पदार्थ के सभी गुण धर्मों को प्रदर्शित करता है |
एक ही तत्वों के परमाणु अथवा भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर संयोग करके अणु निर्मित करते हैं | इसके आधार पर अणु दो प्रकार के होते हैं:-
1. तत्वों के अणु, और
2. यौगिकों के अणु। परमाणु एवं अणु
तत्वों के अणु
किसी तत्व के अणु एक ही प्रकार के परमाणु द्वारा संरचित होते हैं |
आर्गन (Ar), हीलियम (He)इत्यादि जैसे अनेक तत्वों के अणु उसी तत्व के केवल एक परमाणु द्वारा निर्मित होते हैं |
लेकिन अधिकांश अधातु में ऐसा नहीं होता है उदाहरण :- ऑक्सीजन अणु दो ऑक्सीजन परमाणु से बनता है,इसलिए इसे द्विपरमाणुक कहते हैं |
धातु एवं कुछ अन्य तत्व जैसे कि कार्बन की सरल संरचना नहीं होती है किंतु उनके अणुओं में असीमित परमाणु परस्पर बंधे होते हैं | परमाणु एवं अणु
परमाणुता
किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की परमाणुता कहते हैं |
एकपरमाणुक अणु इनमें केवल एक परमाणु होता है | उदाहरण :- आर्गन, हीलियम इत्यादि |
द्विपरमाणुक अणु इनमें दो परमाणु होते हैं | उदाहरण :- नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, क्लोरीन, ऑक्सीजन इत्यादि |
त्रिपरमाणुक अणु इनमें तीन परमाणु होते हैं | उदाहरण :- ओजोन
चतु:परमाणुक अणु इनमें चार परमाणु होते हैं | उदाहरण :- फास्फोरस
बहुपरमाणुक अणु इनमें चार से अधिक परमाणु होते हैं | उदाहरण :- सल्फर परमाणु एवं अणु
यौगिकों के अणु
भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में परस्पर जुड़कर यौगिकों के अणु निर्मित करते हैं |
उदाहरण के लिए:- हाइड्रोजन क्लोराइड एक यौगिक है।
HCLके अणु में दो अलग-अलग प्रकार के परमाणु होते हैं: हाइड्रोजन परमाणु (H)और क्लोरीन परमाणु (Cl)।
तत्वों के सूत्र
किसी तत्व का रासायनिक सूत्र उसके अणु की संरचना का एक विवरण होता है जिसमें प्रतीक हमें तत्व के बारे में बताते है और सबस्क्रिप्ट ( निचली आकृति ) हमें बताती है कि एक अणु में कितने परमाणु मौजूद हैं
उदाहरण के लिए :- तत्व – हाइड्रोजन , सूत्र – H2 ।
यौगिकों के सूत्र
किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसकी संरचना का एक विवरण होता है जिसमें प्रतीक हमें बताते हैं कि कौन से तत्व मौजूद हैं और सबस्क्रिप्ट (निचली आकृति) हमें बताती है कि यौगिक के एक अणु में प्रत्येक तत्व के कितने परमाणु मौजूद हैं।
उदाहरण के लिए :- जल , सूत्र – H2O , उपस्थित तत्व – H और O । परमाणु एवं अणु
आणविक द्रव्यमान
किसी पदार्थ का आणविक द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानो का योग होता है |
आणविक द्रव्यमान को परमाणु द्रव्यमान इकाइयों (u) में व्यक्त किया जाता है।
किसी पदार्थ का आणविक द्रव्यमान इंगित करता है कि पदार्थ का एक अणु कार्बन -12 परमाणु के 1/12 से अधिक भारी है। परमाणु एवं अणु
आयन
एक आयन एक परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉनों के त्यागने अथवा ग्रहण करने से बनता है, इसलिए इसमें असमान संख्या में इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन होते हैं।
आयन एक धनात्मक या ऋणात्मक आवेशित परमाणु ( या परमाणुओं का समूह ) है।
उदाहरण के लिए:- सोडियम आयन, Na+, मैग्नीशियम आयन, Mg2+
आयन दो प्रकार के होते हैं: धनायन और ऋणायन। परमाणु एवं अणु
धनायन
एक परमाणु द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों के त्यागने से एक धनायन बनता है।
उदाहरण के लिए: सोडियम परमाणु द्वारा 1 इलेक्ट्रॉन त्याग देने से सोडियम आयन Na+बनता है |
एक धनायन में सामान्य परमाणु की तुलना में कम इलेक्ट्रॉन होते हैं।
एक धनायन में प्रोटॉन की तुलना में कम इलेक्ट्रॉन होते हैं।
केवल हाइड्रोजन आयन और अमोनियम आयन, अधातुओं से बने धनायन हैं।
इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक प्रोटॉन होने के कारण, एक धनायन पर धनात्मक आवेश होता है।
सामान्यतः धातु ,धनायन बनाते हैं | परमाणु एवं अणु
धनायन का आकार सदैव अपने मूल परमाणु के आकार से छोटा होता है |
यदि एक परमाणु 1 इलेक्ट्रॉन त्याग देता है, तो इससे बने धनायन ( धनात्मक आयन ) पर 1 इकाई धनात्मक आवेश होता है।
यदि एक परमाणु 2 इलेक्ट्रॉनों को त्याग देता है, तो इससे बने धनायन ( धनात्मक आयन ) पर 2 इकाई धनात्मक आवेश होता है।
यदि एक परमाणु 3 इलेक्ट्रॉनों को त्याग देता है, तो इससे बने धनायन ( धनात्मक आयन ) पर 3 इकाई धनात्मक आवेश होता है।
एक परमाणु से 3 से अधिक इलेक्ट्रॉन निकालना संभव नहीं है क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता पड़ेगी | परमाणु एवं अणु
ऋणायन
एक परमाणु द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों के ग्रहण करने से एक ऋणायन बनता है।
उदाहरण के लिए: – एक क्लोरीन परमाणु क्लोराइड आयन बनाने के लिए 1 इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है ।
एक ऋणायन में, एक सामान्य परमाणु की तुलना में अधिक इलेक्ट्रॉन होते हैं।
एक ऋणायन में, प्रोटॉन की तुलना में अधिक इलेक्ट्रॉन होते हैं।
अधात्विक परमाणुओं में ऋणायन बनाने की प्रवृत्ति होती है |
ऋणायन का आकार सदैव अपने मूल परमाणु के आकार से बड़ा होता है | परमाणु एवं अणु
यदि एक परमाणु 1 इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है, तो इससे बने ऋणायन ( ऋणात्मक आयन ) पर 1 इकाई ऋणात्मक आवेश होता है।
यदि एक परमाणु 2 इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करता है, तो इससे बने ऋणायन ( ऋणात्मक आयन ) पर 2 इकाई ऋणात्मक आवेश होता है।
यदि एक परमाणु 3 इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करता है, तो इससे बने ऋणायन ( ऋणात्मक आयन ) पर 3 इकाई ऋणात्मक आवेश होता है।
तीन से अधिक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करना संभव नहीं है | परमाणु एवं अणु
सरल आयन
वे आयन जो एकल परमाणुओं से बनते हैं, सरल आयन कहलाते हैं। उदाहरण के लिए:- सोडियम आयन, Na+
सरल आयनों को एकपरमाणुक आयन भी कहा जाता है।
यौगिक आयन
वे आयन जो परमाणुओं के समूह से बनते हैं, यौगिक आयन कहलाते हैं। उदाहरण के लिए:- अमोनियम आयन, NH4+
यौगिक आयनों को बहुपरमाणुक आयन भी कहते हैं। परमाणु एवं अणु
आयनिक यौगिक
आयनिक यौगिक धनायन तथा ऋणायन द्वारा बनते हैं |
एक आयनिक यौगिक में आयनों को एक साथ रखने वाले बलों को आयनिक बंधन या इलेक्ट्रोवैलेंट बॉन्ड के रूप में जाना जाता है।
चूँकि एक आयनिक यौगिक में समान संख्या में धनात्मक आयन और ऋणात्मक आयन होते हैं, इसलिए एक आयनिक यौगिक पर कुल आवेश शून्य होता है।
उदाहरण के लिए:- सोडियम क्लोराइड एक आयनिक यौगिक है। परमाणु एवं अणु
सूत्र इकाई
आयनों का सबसे सरल संयोजन जो विद्युत रूप से उदासीन होता है, आयनिक यौगिक की ‘ सूत्र इकाई ‘ कहलाता है।
एक आयनिक यौगिक की ‘ सूत्र इकाई ‘ को उस यौगिक की सबसे छोटी इकाई माना जा सकता है, यह यौगिक के ‘ अणु ‘ के बराबर होता है।
सोडियम क्लोराइड यौगिक की सूत्र इकाई NaCl है। परमाणु एवं अणु
सूत्र इकाई द्रव्यमान
किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के परमाणु द्रव्यमानो का योग होता है |
सूत्र द्रव्यमान का परिकलन उसी प्रकार से करते हैं जिस प्रकार से आणविक द्रव्यमान का परिकलन करते हैं |
अंतर केवल इतना होता है कि यहां पर हम उस पदार्थ के लिए सूत्र इकाई का प्रयोग करते हैं, जिसके संघटक आयन होते हैं |
उदाहरण के लिए:- सोडियम क्लोराइड ( इकाई सूत्र NaCl) |
इसके इकाई सूत्र द्रव्यमान का परिकलन निम्न प्रकार से करते हैं : 1×23u+1×35.5u = 58.5u परमाणु एवं अणु
रासायनिक सूत्र
किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है |
एक रासायनिक सूत्र को आणविक सूत्र के रूप में भी जाना जाता है।
एक यौगिक का सूत्र हमें यौगिक के एक अणु में मौजूद विभिन्न तत्वों के ‘ परमाणुओं के प्रकार ‘ के साथ-साथ ‘ परमाणुओं की संख्या ‘ बताता है।
किसी यौगिक के रासायनिक सूत्र में उपस्थित तत्वों को उनके प्रतीकों द्वारा निरूपित किया जाता है और प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या अंक 2, 3, 4, आदि को प्रतीक के दायीं ओर नीचे की ओर सबस्क्रिप्ट के रूप में लिखा जाता है |
उदाहरण के लिए :- जल
H2O – हाइड्रोजन के 2 परमाणु और ऑक्सीजन के 1 परमाणु ।
आणविक यौगिकों के मामले में, रासायनिक सूत्र अणु की संरचना का प्रतिनिधित्व करता है जो यौगिक बनाता है।
आयनिक यौगिकों के मामले में, रासायनिक सूत्र यौगिक में मौजूद आयनों के सबसे सरल अनुपात का प्रतिनिधित्व करता है। परमाणु एवं अणु
सरल आयनिक यौगिकों का नामकरण
आयनिक यौगिक धातुओं और अधातुओं के संयोग से बनते हैं।
आयनिक यौगिक सूत्र में धातु तत्व को बायीं ओर तथा अधातु तत्व को दायीं ओर लिखा जाता है।
आयनिक यौगिक के नामकरण में धातु तत्व का नाम बिना बदलाव किए रखा जाता है लेकिन अधातु तत्व का नाम बदलकर ‘ide’ रखा जाता है।
उदाहरण के लिए :- MgO को मैग्नीशियम ऑक्साइड नाम दिया गया है ( यहाँ ऑक्सीजन को ऑक्साइड में बदला गया है )। परमाणु एवं अणु
आणविक यौगिकों के सूत्रों का लेखन
1. हम पहले उन तत्वों के चिन्ह लिखते हैं जो यौगिक बनाते हैं।
2. प्रत्येक तत्व के प्रतीक के नीचे हम उसकी संयोजकता लिखते हैं।
3. अंत में, हम संयोजन करने वाले परमाणुओं की संयोजकता को क्रॉस करते हैं। यानी पहले परमाणु के साथ हम दूसरे परमाणु की संयोजकता ( एक सबस्क्रिप्ट के रूप में ) लिखते हैं; और दूसरे परमाणु के साथ हम पहले परमाणु की संयोजकता ( सबस्क्रिप्ट के रूप में ) लिखते हैं। परमाणु एवं अणु
ग्राम परमाणु द्रव्यमान
जब तत्व के परमाणु द्रव्यमान को ग्राम में व्यक्त किया जाता है तो वह ग्राम-परमाणु द्रव्यमान कहलाता है।
किसी पदार्थ का ग्राम परमाणु द्रव्यमान लिखने के लिए, हम उसका परमाणु द्रव्यमान लिखते हैं और फिर परमाणु द्रव्यमान इकाई ‘u’ को शब्द ‘ग्राम’ या उसके प्रतीक ‘g’ से प्रतिस्थापित करते हैं।
उदाहरण के लिए:- ऑक्सीजन का परमाणु द्रव्यमान, O = 16 u
तो, ऑक्सीजन का ग्राम परमाणु द्रव्यमान, O = 16 ग्राम
किसी पदार्थ का ग्राम परमाणु द्रव्यमान उस पदार्थ के 1 मोल परमाणुओं (6.022 × 1023 परमाणु) के द्रव्यमान का प्रतिनिधित्व करता है।
अतः किसी भी पदार्थ के 1 ग्राम परमाणु भार में परमाणुओं की संख्या 6.022 × 1023 परमाणु होती है। परमाणु एवं अणु
मोलर द्रव्यमान
किसी पदार्थ का मोलर द्रव्यमान उस पदार्थ के 1 मोल का द्रव्यमान होता है।
या
किसी पदार्थ के एक मोल का ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को उसका मोलर द्रव्यमान कहते हैं |
मोलर द्रव्यमान की इकाई ग्राम प्रति मोल (g/mol) है।
मोलर द्रव्यमान किसी तत्व या आणविक यौगिक का हो सकता है। परमाणु एवं अणु
तत्व का मोलर द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से g/mol में व्यक्त परमाणु द्रव्यमान के बराबर होता है।
एक आणविक पदार्थ ( या यौगिक ) का मोलर द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से उसके आणविक द्रव्यमान के बराबर होता है जिसे g/mol में व्यक्त किया गया हो |
किसी तत्व के मोलर द्रव्यमान में उस तत्व के 6.022 × 1023 परमाणु होते हैं। परमाणु एवं अणु
ग्राम आणविक द्रव्यमान
किसी पदार्थ की मात्रा जिसका ग्राम में द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से उसके आणविक द्रव्यमान के बराबर होता है, उस पदार्थ का ग्राम आणविक द्रव्यमान कहलाता है।
या
जब किसी पदार्थ के आणविक द्रव्यमान को ग्राम में व्यक्त किया जाता है, तो उसे ग्राम आणविक द्रव्यमान कहा जाता है।
किसी पदार्थ का ग्राम आणविक द्रव्यमान लिखने के लिए, हम उसका आणविक द्रव्यमान लिखते हैं और फिर इकाई ‘u’ को ‘ग्राम’ शब्द या उसके प्रतीक ‘g’ से प्रतिस्थापित करते हैं।
उदाहरण के लिए: ऑक्सीजन का आणविक द्रव्यमान, O2 = 32 u
ऑक्सीजन का ग्राम आणविक द्रव्यमान, O2 = 32 ग्राम
किसी पदार्थ का ग्राम आणविक द्रव्यमान उस पदार्थ के अणु के 1 मोल (6.022 × 1023 अणु ) के द्रव्यमान का प्रतिनिधित्व करता है।
अतः किसी भी पदार्थ के एक ग्राम आणविक द्रव्यमान में उपस्थित अणुओं की संख्या 6.022 × 1023 अणु होती है। परमाणु एवं अणु
मोल अवधारणा
यदि हम किसी तत्व को उसके परमाणु द्रव्यमान के बराबर ग्राम में तौलें, तो उसमें उस तत्व के 6.022 × 1023 परमाणु होते हैं।
तत्व का ग्राम परमाणु द्रव्यमान और साथ ही तत्व के 6.022 × 1023 परमाणु, दोनों तत्व के 1 मोल का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यदि हम किसी यौगिक को उसके आणविक द्रव्यमान के बराबर ग्राम में तौलें, तो उसमें यौगिक के 6.022 × 1023 अणु होते हैं।
ग्राम आणविक द्रव्यमान के साथ-साथ 6.022 × 1023 अणु 1 मोल यौगिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। परमाणु एवं अणु
मोल, परमाणुओं ( या अणुओं ) के द्रव्यमान और परमाणुओं ( या अणुओं ) की संख्या के बीच की एक कड़ी है।
किसी पदार्थ के 6.022 × 1023 कणों (परमाणु, अणु या आयन) के समूह को उस पदार्थ का एक मोल कहते हैं।
1 मोल परमाणु = 6.022 × 1023 परमाणु |
1 मोल अणु = 6.022 × 1023 अणु |
6.022 × 1023 की यह संख्या, जो एक मोल का प्रतिनिधित्व करती है, अवोगाद्रो संख्या (L) के रूप में जानी जाती है।
एक मोल एक पदार्थ के कणों की अवोगाद्रो संख्या का प्रतिनिधित्व करता है। परमाणु एवं अणु
MCQ
प्रश्न 1. परमाणु शब्द का अर्थ है –
उत्तर- अविभाज्य
प्रश्न 2. सभी पदार्थ छोटे-छोटे कणों से बने होते हैं जिन्हें कहते हैं –
उत्तर- परमाणु और अणु
प्रश्न 3. वे नियम जिनके आधार पर विभिन्न तत्व अथवा यौगिक परस्पर संयोग करके नए यौगिको का निर्माण करते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- रासायनिक संयोजन के नियम
प्रश्न 4. द्रव्यमान के संरक्षण का नियम 1774 में दिया गया था –
उत्तर- लैवोजियर द्वारा
प्रश्न 5. वे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में आपस में संयोग ( या अभिक्रिया ) करते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- अभिकारक
प्रश्न 6. रासायनिक प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप बनने वाले ( या उत्पादित ) नए पदार्थ कहलाते हैं –
उत्तर- उत्पाद
प्रश्न 7. द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का अर्थ है कि रासायनिक अभिक्रिया मैं पदार्थों का कुल द्रव्यमान रहता है –
उत्तर- अपरिवर्तित
प्रश्न 8. स्थिर अनुपात के नियम का प्रतिपादन किया –
उत्तर- फ्रांसीसी वैज्ञानिक प्राउस्ट ने
प्रश्न 9. स्थिर अनुपात के नियम के अनुसार प्रत्येक रासायनिक यौगिक में चाहे वह किसी भी विधि से बनाया या प्राप्त किया गया हो तत्वों के द्रव्यमान संयुक्त रहते हैं –
उत्तर- एक निश्चित अनुपात में
प्रश्न 10. स्थिर अनुपात के नियम को नियम भी कहा जाता है –
उत्तर- निश्चित अनुपात का नियम या स्थिर संयोजन का
प्रश्न 11. गुणित अनुपात के नियम का प्रतिपादन सन 1803 ई0 में किया था –
उत्तर- जॉन डाल्टन ने
प्रश्न 12. डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार सभी द्रव्य चाहे तत्व, यौगिक या मिश्रण हो, सूक्ष्म कणों से बने होते हैं जिन्हें कहते हैं –
उत्तर- परमाणु
प्रश्न 13. सभी द्रव्य निर्मित होते हैं –
उत्तर- परमाणुओं से
प्रश्न 14. डाल्टन का परमाणु सिद्धांत आधारित था –
उत्तर- रासायनिक संयोजन के नियमों पर
प्रश्न 15. डाल्टन का परमाणु सिद्धांत परमाणुओं के संदर्भ में पदार्थ के व्यवहार ( या पदार्थ के गुणों ) का वर्णन करने वाला था –
उत्तर- पहला आधुनिक प्रयास
प्रश्न 16. डाल्टन के परमाणु सिद्धांत ने युक्तिसंगत व्याख्या की –
उत्तर- द्रव्यमान के संरक्षण के नियम एवं निश्चित अनुपात के नियम की
प्रश्न 17. परमाणु किसी तत्व का वह सूक्ष्मतम कण है जो भाग ले सकता है –
उत्तर- किसी रासायनिक अभिक्रिया में
प्रश्न 18. किसी परमाणु का आकार उसकी त्रिज्या से प्रदर्शित होता है जिसे कहते हैं –
उत्तर- परमाणु त्रिज्या
प्रश्न 19. परमाणु त्रिज्या को मापा जाता है –
उत्तर- नैनोमीटर में
प्रश्न 20. सबसे छोटा परमाणु है –
उत्तर- हाइड्रोजन परमाणु
प्रश्न 21. किसी तत्व के नाम के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले चिन्ह को उस तत्व का कहते हैं –
उत्तर- संकेत अथवा प्रतीक
प्रश्न 22. वह पहला वैज्ञानिक जिसने तत्वों को संक्षिप्त रूप में दर्शाने के लिए प्रतीकों का प्रयोग किया –
उत्तर- डाल्टन
प्रश्न 23. एक तत्व के लिए डाल्टन का प्रतीक उस तत्व के साथ-साथ प्रतिनिधित्व करता है –
उत्तर- उस तत्व के एक परमाणु का भी
प्रश्न 24. किसने तत्वों के ऐसे प्रतीकों का सुझाव दिया जो उन तत्वों के नामों के एक या दो अक्षरों से प्रदर्शित होता था ?
उत्तर- बर्जेलियम ने
प्रश्न 25. प्रारंभ में तत्वों के नामों की व्युत्पत्ति उन स्थानों के नामों से की गई –
उत्तर- जहां वे सर्वप्रथम पाए गए थे
प्रश्न 26. कुछ तत्वों के नामों को लिया गया –
उत्तर- विशिष्ट रंगो से
प्रश्न 27. आजकल तत्वों के नामों की स्वीकृति प्रदान करती है –
उत्तर- इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड अप्लाइड केमेस्ट्री( IUPAC)
प्रश्न 28. किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के कुल द्रव्यमान को उस परमाणु का कहा जाता है –
उत्तर- परमाणु द्रव्यमान
प्रश्न 29. किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान उसके परमाणु का होता है –
उत्तर- आपेक्षिक द्रव्यमान
प्रश्न 30. परमाणु आमतौर पर दो तरह से रह सकते हैं: –
उत्तर- अणुओं के रूप में, तथा आयनों के रूप में
प्रश्न 31. जब परमाणु अणु या आयन बनाते हैं, तो वे हो जाते हैं –
उत्तर- स्थिर
प्रश्न 32. अणु ऐसे दो या दो से अधिक परमाणु का समूह होता है जो आपस में जुड़े होते हैं –
उत्तर- रासायनिक बंधन द्वारा
प्रश्न 33. वह बल जो परमाणुओं को अणुओं में बांधे रखता है, कहलाते हैं –
उत्तर- सहसंयोजी बंध
प्रश्न 34. अणु मुक्त अवस्था में रह सकते हैं क्योंकि वे होते हैं –
उत्तर- बहुत स्थिर
प्रश्न 35. एक ही तत्वों के परमाणु अथवा भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर संयोग करके निर्मित करते हैं –
उत्तर- अणु
प्रश्न 36. किसी तत्व के अणु संरचित होते हैं –
उत्तर- एक ही प्रकार के परमाणु द्वारा
प्रश्न 37. किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को उस अणु की कहते हैं –
उत्तर- परमाणुता
प्रश्न 38. भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणु एक निश्चित अनुपात में परस्पर जुड़कर निर्मित करते हैं –
उत्तर- यौगिकों के अणु
प्रश्न 39. किसी तत्व का रासायनिक सूत्र एक विवरण होता है –
उत्तर- उसके अणु की संरचना का
प्रश्न 40. किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र एक विवरण होता है –
उत्तर- उसकी संरचना का
प्रश्न 41. किसी पदार्थ का आणविक द्रव्यमान योग होता है –
उत्तर- उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानो का
प्रश्न 42. किसी पदार्थ का आणविक द्रव्यमान इंगित करता है कि पदार्थ का एक अणु अधिक भारी है –
उत्तर- कार्बन -12 परमाणु के 1/12 से
प्रश्न 43. एक परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉनों के त्यागने अथवा ग्रहण करने से बनता है –
उत्तर- एक आयन
प्रश्न 44. आयन दो प्रकार के होते हैं –
उत्तर- धनायन और ऋणायन
प्रश्न 45. एक परमाणु द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों के त्यागने से बनता है –
उत्तर- एक धनायन
प्रश्न 46. एक धनायन में प्रोटॉन की तुलना में कम होते हैं –
उत्तर- इलेक्ट्रॉन
प्रश्न 47. इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक प्रोटॉन होने के कारण, एक धनायन पर होता है –
उत्तर- धनात्मक आवेश
प्रश्न 48. धनायन का आकार सदैव अपने मूल परमाणु के आकार से होता है –
उत्तर- छोटा
प्रश्न 49. एक परमाणु द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों के ग्रहण करने से बनता है –
उत्तर- एक ऋणायन
प्रश्न 50. एक ऋणायन में, एक सामान्य परमाणु की तुलना में अधिक होते हैं –
उत्तर- इलेक्ट्रॉन
प्रश्न 51. एक ऋणायन में, प्रोटॉन की तुलना में अधिक होते हैं –
उत्तर- इलेक्ट्रॉन
प्रश्न 52. अधात्विक परमाणुओं में बनाने की प्रवृत्ति होती है –
उत्तर- ऋणायन
प्रश्न 53. ऋणायन का आकार सदैव अपने मूल परमाणु के आकार से होता है –
उत्तर- बड़ा
प्रश्न 54. वे आयन जो एकल परमाणुओं से बनते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- सरल आयन
प्रश्न 55. सरल आयनों को आयन भी कहा जाता है –
उत्तर- एकपरमाणुक
प्रश्न 56. वे आयन जो परमाणुओं के समूह से बनते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- यौगिक आयन
प्रश्न 57. यौगिक आयनों को आयन भी कहते हैं –
उत्तर- बहुपरमाणुक
प्रश्न 58. धनायन तथा ऋणायन द्वारा बनते हैं –
उत्तर- आयनिक यौगिक
प्रश्न 59. एक आयनिक यौगिक में आयनों को एक साथ रखने वाले बलों को जाना जाता है –
उत्तर- आयनिक बंधन या इलेक्ट्रोवैलेंट बॉन्ड के रूप में
प्रश्न 60. एक आयनिक यौगिक पर कुल आवेश होता है –
उत्तर- शून्य
प्रश्न 61. आयनों का सबसे सरल संयोजन जो विद्युत रूप से उदासीन होता है, आयनिक यौगिक की कहलाता है –
उत्तर- सूत्र इकाई
प्रश्न 62. किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक योग होता है –
उत्तर- परमाणुओं के परमाणु द्रव्यमानो का
प्रश्न 63. किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र उसके संघटक का निरूपण होता है –
उत्तर- प्रतीकात्मक
प्रश्न 64. एक रासायनिक सूत्र को रूप में भी जाना जाता है –
उत्तर- आणविक सूत्र के
प्रश्न 65. एक यौगिक का सूत्र हमें यौगिक के एक अणु में मौजूद विभिन्न तत्वों के ‘ परमाणुओं के प्रकार ‘ के साथ-साथ बताता है –
उत्तर- परमाणुओं की संख्या
प्रश्न 66. आयनिक यौगिक संयोग से बनते हैं –
उत्तर- धातुओं और अधातुओं के
प्रश्न 67. जब तत्व के परमाणु द्रव्यमान को ग्राम में व्यक्त किया जाता है तो वह कहलाता है –
उत्तर- ग्राम-परमाणु द्रव्यमान
प्रश्न 68. किसी पदार्थ का ग्राम परमाणु द्रव्यमान प्रतिनिधित्व करता है –
उत्तर- उस पदार्थ के 1 मोल परमाणुओं के द्रव्यमान का
प्रश्न 69. किसी पदार्थ के एक मोल का ग्राम में व्यक्त द्रव्यमान को उसका कहते हैं –
उत्तर- मोलर द्रव्यमान
प्रश्न 70. मोलर द्रव्यमान की इकाई है –
उत्तर- ग्राम प्रति मोल (g/mol)
प्रश्न 71. जब किसी पदार्थ के आणविक द्रव्यमान को ग्राम में व्यक्त किया जाता है, तो उसे कहा जाता है –
उत्तर- ग्राम आणविक द्रव्यमान
प्रश्न 72. किसी पदार्थ का ग्राम आणविक द्रव्यमान प्रतिनिधित्व करता है –
उत्तर- उस पदार्थ के अणु के 1 मोल के द्रव्यमान का