परमाणु की संरचना

परमाणु की संरचना

परमाणु की संरचना (  STRUCTURE OF ATOM ) :- परमाणु और अणु पदार्थ के निर्माण खंड हैं।

हमारे चारों ओर विभिन्न प्रकार के पदार्थों का अस्तित्व उन परमाणुओं और अणुओं के कारण होता है, जिनसे वे बने हैं |

परमाणुओं में छोटे-छोटे कण होते हैं जिन्हें अवपरमाणुक कण कहते हैं।

परमाणु तीन अवपरमाणुक कणों से बने होते हैं: इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन।

इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होता है, प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है, जबकि न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता, यह उदासीन होता है।

परमाणु के केंद्र में एक छोटे से नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मौजूद होते हैं। परमाणु की संरचना

परमाणु का लगभग पूरा द्रव्यमान नाभिक में होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन, जो नाभिक के बाहर होते हैं, का द्रव्यमान बहुत कम होता है।

नाभिक में प्रोटॉन की उपस्थिति के कारण, नाभिक पर धनात्मक आवेश होता है। इलेक्ट्रॉन नाभिक के बाहर होते हैं।

परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित वृत्ताकार पथों में तेजी से चक्कर लगाते हैं जिन्हें कोशों का ऊर्जा स्तर कहते हैं।

नाभिक के बाहर इलेक्ट्रॉनों की संख्या नाभिक के अंदर प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होती है। परमाणु की संरचना

सभी तत्वों के परमाणु ( हाइड्रोजन को छोड़कर ) तीन अवपरमाणुक कणों से बने होते हैं: इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन।

हाइड्रोजन परमाणु केवल एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन से बना होता है। इसमें कोई न्यूट्रॉन नहीं होता है।

विभिन्न तत्वों के परमाणु इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्या में भिन्न होते हैं।

एक परमाणु विद्युत रूप से उदासीन होता है। परमाणु की संरचना

इलेक्ट्रॉन ( ELECTRON )

इलेक्ट्रॉन की खोज जे. जे. थॉमसन ने 1897 में की |

इलेक्ट्रॉन सभी तत्वों के परमाणुओं में पाया जाने वाला एक ऋणात्मक आवेशित कण है।

परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के बाहर स्थित होते हैं।

केवल हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन होता है, अन्य सभी परमाणुओं में एक से अधिक इलेक्ट्रॉन होते हैं।

एक इलेक्ट्रॉन को आमतौर पर प्रतीक e ( इलेक्ट्रॉन के लिए e और ऋणात्मक आवेश के लिए ऋण चिह्न ) द्वारा दर्शाया जाता है।

इलेक्ट्रॉन एक छोटा कण है जिसका द्रव्यमान 9.108 × 10-28 ग्राम है।

एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान इतना छोटा होता है कि उसे नगण्य माना जाता है।

एक इलेक्ट्रॉन पर 1.6 x 10-19 कूलाम का ऋणावेश होता है।

केवल परमाणु के इलेक्ट्रॉन रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं, प्रोटॉन रासायनिक अभिक्रिया में भाग नहीं लेते हैं। परमाणु की संरचना

एक रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान, परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या बदल सकती है, लेकिन प्रोटॉन की संख्या समान रहती है।

इलेक्ट्रॉन की त्रिज्या 1.8 x 10-13 सेंटीमीटर होती है |

तत्वों की संयोजकता और रासायनिक गुण इनकी अंतिम कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करते हैं |

द्रव्यों में विद्युत का प्रवाह इलेक्ट्रॉनों द्वारा होता है | परमाणु की संरचना

प्रोटोन ( PROTON)

प्रोटॉन की खोज अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने की थी।

प्रोटॉन एक धनावेशित कण है जो सभी तत्वों के परमाणुओं में पाया जाता है।

प्रोटॉन एक परमाणु के नाभिक में स्थित होते हैं।

केवल हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक में एक प्रोटॉन होता है, अन्य सभी तत्वों के परमाणुओं में एक से अधिक प्रोटॉन होते हैं।

प्रोटॉन को आमतौर पर प्रतीक p+ ( प्रोटॉन के लिए p और धनात्मक आवेश के लिए धन चिह्न ) द्वारा दर्शाया जाता है। परमाणु की संरचना

एक प्रोटॉन का द्रव्यमान 1.6726×10-24 ग्राम या इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का लगभग 1836 गुना होता है।

प्रोटॉन का द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है |

एक प्रोटॉन पर 1.6 x 10-19 कूलाम का धनात्मक आवेश होता है।

प्रोटोन परमाणु का वह सूक्ष्मतम कण है , जिस पर इकाई विद्युत धन आवेश होता है |

प्रोटोन की त्रिज्या लगभग 10-13 सेंटीमीटर होती है | परमाणु की संरचना

न्यूट्रॉन ( NEUTRON)

न्यूट्रॉन की खोज जेम्स चैडविक ने की थी।

न्यूट्रॉन एक परमाणु के नाभिक में पाया जाने वाला एक उदासीन कण है।

साधारण हाइड्रोजन परमाणु को छोड़कर सभी तत्वों के परमाणुओं में न्यूट्रॉन होते हैं |

एक हाइड्रोजन परमाणु में केवल एक प्रोटॉन और एक इलेक्ट्रॉन होता है।

न्यूट्रॉन को प्रतीक n द्वारा दर्शाया जाता है। परमाणु की संरचना

न्यूट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के बराबर होता है।

न्यूट्रॉन की त्रिज्या लगभग 10-13 सेंटीमीटर होती है |

न्यूट्रॉन का द्रव्यमान हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है|

न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता। यह विद्युत रूप से उदासीन होता है। परमाणु की संरचना

नाभिक ( NUCLEUS)

नाभिक एक परमाणु के केंद्र में एक छोटा सा धनात्मक आवेशित भाग होता है।

नाभिक में सभी प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं।

एक परमाणु का लगभग पूरा द्रव्यमान नाभिक में केंद्रित होता है (इलेक्ट्रॉन, जो नाभिक के बाहर होते हैं, उनका द्रव्यमान नगण्य होता है)।

नाभिक पर धनावेश उसमें प्रोटॉन की उपस्थिति के कारण होता है।

किसी परमाणु के नाभिक का आयतन, परमाणु के बाह्य-नाभिकीय भाग के आयतन की तुलना में बहुत कम होता है।

परमाणु में धनावेशित नाभिक का अस्तित्व रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा दिखाया गया था। परमाणु की संरचना

थॉमसन का परमाणु मॉडल ( THOMSON’S MODEL OF THE ATOM )

जे.जे. थॉमसन पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने परमाणु की संरचना के लिए एक मॉडल प्रस्तावित किया था।

जब जे.जे. थॉमसन ने परमाणु के अपने मॉडल का प्रस्ताव रखा, तब केवल इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉन के परमाणु में मौजूद होने के बारे में पता था।

थॉमसन के परमाणु मॉडल के अनुसार :-

(i) परमाणु धन आवेशित गोले का बना होता है और इलेक्ट्रॉनिक उसमे में धंसे होते हैं |

(ii) ऋणात्मक और धनात्मक आवेश परिणाम में समान होते हैं | इसलिए परमाणु वैधुतीय रूप से उदासीन होते हैं |

यद्यपि थॉमसन के मॉडल से परमाणु के उदासीन होने की व्याख्या हो गई किंतु दूसरे वैज्ञानिकों द्वारा किए गए प्रयोगों के परिणामों को इस मॉडल के द्वारा समझाया नहीं जा सका | परमाणु की संरचना

रदरफोर्ड का परमाणु का मॉडल ( RUTHERFORD’S MODEL OF THE ATOM )

अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग के आधार पर रदरफोर्ड ने परमाणु का एक परमाणु मॉडल दिया।

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल ( या परमाणु की संरचना ) को निम्नानुसार वर्णित किया जा सकता है: –

1. एक परमाणु में धनावेशित, सघन और बहुत छोटा नाभिक होता है जिसमें सभी प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं ( प्रोटॉन पर धनात्मक आवेश होता है जबकि न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता )।

2. परमाणु का लगभग पूरा द्रव्यमान नाभिक में केंद्रित होता है। परमाणु की संरचना

3. नाभिक ऋणात्मक आवेशित इलेक्ट्रॉनों से घिरा होता है। इलेक्ट्रॉन बहुत तेज गति से वृत्ताकार पथ में नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते हैं।

4. इलेक्ट्रॉनों के वृत्ताकार पथ को कक्षाएँ कहते हैं।

5. एक परमाणु विद्युत रूप से उदासीन होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक परमाणु में प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर होती है।

6. अधिकांश परमाणु में रिक्त स्थान होता हैं।

7. नाभिक का आकार परमाणु के आकार की तुलना में बहुत कम होता हैं।

8. नाभिक की त्रिज्या 10-12 सेंटीमीटर और परमाणु की त्रिज्या 10-8 सेंटीमीटर होती हैं। परमाणु की संरचना

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के दोष ( DEFECTS OF RUTHERFORD’S ATOMIC MODEL )

रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में निम्नलिखित कमियां थी :-

मैक्सवेल के विद्युत चुंबकीय सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक आवेशित कण घूमते समय चुंबकीय विकिरण के कारण अपनी ऊर्जा का हास करता है ऊर्जा में कमी होने के कारण इलेक्ट्रॉन की नाभिक से दूरी कम होती चली जाएगी और अंत में यह नाभिक में गिर जाएगा अर्थात यह मॉडल परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं कर सका |

नाभि के चारों ओर असीमित वृत्तीय कक्षाएं संभव है | इनमें से इलेक्ट्रॉन जिन कक्षाओं में घूमते हैं, उनमें उनका वेग कितना होता है , आदि की जानकारी रदरफोर्ड के मॉडल से नहीं होती है |

परमाणु का उत्सर्जन स्पेक्ट्रम सतत नहीं होता, जबकि रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा के सतत हास के कारण स्पेक्ट्रम सतत होना चाहिए | रदरफोर्ड के मॉडल से इस तथ्य की भी व्याख्या नहीं हो पाई | परमाणु की संरचना

बोहर का परमाणु का मॉडल ( BOHR’S MODEL OF THE ATOM )

(i) इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर स्थिर या अचर कक्षाओं में घूमते हैं।

(ii) प्रत्येक कक्षा की उर्जा की मात्रा निश्चित होती है, इसलिए इसको अचर अवस्था या ऊर्जा स्तर अथवा स्थाई कक्षा कहते हैं।

(iii) स्थाई कक्षाओं को क्रमश: n= 1,2,3,4…आदि पूर्ण संख्याओं द्वारा या K,L,M,N,…आदि अक्षरों द्वारा प्रदर्शित करते हैं। नाभिक के निकटतम जो स्थाई कक्षा होती है, इस कक्षा को K कक्षा या K-कोश भी कहते हैं।

(iv) एक इलेक्ट्रॉन जो किसी निश्चित कक्षा या ऊर्जा स्तर में घूमता है, वह बिना ऊर्जा खोए उसी कक्षा में घूम सकता है, परंतु जब वह एक ऊर्जा स्तर से दूसरे पर कूदता है तो ऊर्जा उत्सर्जन केवल क्वाण्टा (quanta) में होता हैं।

बोहर के विचार का समर्थन प्लांक के क्वाण्टम सिद्धांत द्वारा किया गया | इस सिद्धांत के अनुसार ऊर्जा क्वाण्टम में चलती हैं। परमाणु की संरचना

परमाणु की संरचना image

परमाणु संख्या या परमाणु क्रमांक ( ATOMIC NUMBER)

किसी तत्व के एक परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या को उस तत्व का परमाणु क्रमांक या परमाणु संख्या कहते हैं।

या

एक परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या को परमाणु संख्या कहते हैं |

किसी तत्व का परमाणु क्रमांक = तत्व के एक परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या।

किसी तत्व का परमाणु क्रमांक Z अक्षर से प्रदर्शित होता है।

किसी भी दो तत्वों का परमाणु क्रमांक समान नहीं हो सकता। परमाणु की संरचना

प्रत्येक तत्व का अपना निश्चित परमाणु क्रमांक होता है।

यह प्रोटॉन ( या परमाणु संख्या ) की संख्या है जो एक तत्व के परमाणुओं को दूसरे तत्व के परमाणुओं से अलग करती है।

किसी तत्व की परमाणु संख्या केवल एक उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है, आयन में नहीं।

किसी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान किसी तत्व का परमाणु क्रमांक नहीं बदलता है, वह वही रहता है। परमाणु की संरचना

द्रव्यमान संख्या ( MASS NUMBER)

किसी तत्व के एक परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की कुल संख्या को उसकी द्रव्यमान संख्या कहते है।

द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या

किसी तत्व की द्रव्यमान संख्या को अक्षर A से निरूपित किया जाता है।

परमाणु की द्रव्यमान संख्या हमें परमाणु द्रव्यमान भी देती है।

द्रव्यमान संख्या = परमाणु द्रव्यमान

दरअसल, किसी परमाणु का परमाणु द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से उसकी द्रव्यमान संख्या के बराबर होता है। परमाणु की संरचना

NOTE

किसी तत्व के प्रतीक पर परमाणु क्रमांक और द्रव्यमान संख्या को दर्शाया जा सकता है।

परमाणु संख्या प्रतीक के नीचे बाईं ओर लिखी जाती है जबकि द्रव्यमान संख्या तत्व के प्रतीक के ऊपर बाईं ओर लिखी जाती है।

इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ( ELECTRONIC CONFIGURATIONS)

तत्व के एक परमाणु के विभिन्न कोशों ( या ऊर्जा स्तरों ) में इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था को तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास कहते हैं। परमाणु की संरचना

बोहर-बरी योजना ( BOHR-BURY SCHEME )

किसी विशेष ऊर्जा स्तर या कोश में रखे जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या बोहर और बरी द्वारा दी गई थी।

बोहर-बरी योजना के अनुसार :-

1. परमाणु के किसी भी ऊर्जा स्तर में समायोजित किए जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2n2 (जहाँ n उस ऊर्जा स्तर की संख्या है) द्वारा दी जाती है।

2. सबसे बाहरी कोश में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 8 हो सकती हैं।

3. किसी परमाणु के दिए गए कोश में इलेक्ट्रॉन तब तक स्थान नहीं लेते हैं जब तक कि उससे पहले वाले भीतरी कक्ष पूर्ण रूप से भर नहीं जाते | इससे स्पष्ट होता है कि कक्षाएं क्रमानुसार भरती हैं। परमाणु की संरचना

संयोजकता ( VALENCY )

किसी परमाणु के सबसे बाहरी कोश में मौजूद इलेक्ट्रॉनों को संयोजकता-इलेक्ट्रॉन के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे परमाणु की संयोजकता ( संयोजन क्षमता ) तय करते हैं।

जिन तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कक्ष पूर्ण रूप से भरे ( 8 इलेक्ट्रॉन ) होते हैं वे रासायनिक रूप से सक्रिय नहीं होते हैं | दूसरे शब्दों में उनकी संयोजन शक्ति या संयोजकता शून्य होती हैं।

सक्रिय तत्वों के परमाणुओं की संयोजन- शक्ति अर्थात अपने समान या अन्य किसी वस्तु के परमाणुओं से मिलकर अणु बनाने की प्रवृत्ति, अपने बाह्यतम कक्ष को पूर्ण रूप से भरने का प्रयास माना जाता हैं।

आठ इलेक्ट्रॉन वाले सबसे बाह्यतम कक्ष को अष्टक माना जाता हैं। परमाणु की संरचना

परमाणु अपने अंतिम कक्ष में अष्टक प्राप्त करने के लिए क्रिया करते हैं। यह आपस में इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी करने, उनको ग्रहण करने या उनका त्याग करने से होता हैं।

परमाणु के बाह्यतम कक्ष में इलेक्ट्रॉनों के अष्टक बनने के लिए जितनी संख्या में इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी, स्थानांतरण होता है, वही उस तत्व की संयोजकता शक्ति अर्थात संयोजकता होती हैं।

किसी परमाणु के केवल संयोजी इलेक्ट्रॉन ही रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं क्योंकि उनमें परमाणु के सभी आंतरिक इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक ऊर्जा होती है।

हम कह सकते हैं कि परमाणु के वे इलेक्ट्रॉन जो रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं, संयोजकता इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं। परमाणु की संरचना

समस्थानिक ( ISOTOPES )

एक ही तत्वों के वे परमाणु, जिनकी परमाणु संख्याएं समान,किन्तु द्रव्यमान संख्याएं भिन्न-भिन्न होती है ,समस्थानिक कहलाते है।

एक तत्व के समस्थानिक की परमाणु संख्या समान होती है क्योंकि उनमें प्रोटॉन (और इलेक्ट्रॉन) की संख्या समान होती है।

एक तत्व के समस्थानिकों की द्रव्यमान संख्या भिन्न होती है क्योंकि उनमें न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न होती है।

किसी परमाणु की द्रव्यमान संख्या उसके परमाणु द्रव्यमान के बराबर होती है। परमाणु की संरचना

तो, हम समस्थानिकों की परिभाषा में “द्रव्यमान संख्या” के स्थान पर “परमाणु द्रव्यमान” शब्द का भी उपयोग कर सकते हैं और कह सकते हैं कि: – समस्थानिक एक ही तत्व के परमाणु होते हैं जिनकी परमाणु संख्या समान होती है लेकिन विभिन्न परमाणु द्रव्यमान होते हैं।

हाइड्रोजन तत्व में तीन समस्थानिक होते हैं: प्रोटियम, ड्यूटेरियम और ट्रिटियम, जिनकी परमाणु संख्या समान होती है लेकिन द्रव्यमान संख्या क्रमशः 1, 2 और 3 की होती हैं।

चूँकि किसी तत्व के सभी समस्थानिकों में समान इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होते हैं जिनमें संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है, इसलिए एक तत्व के सभी समस्थानिक समान रासायनिक गुण प्रदर्शित करते हैं।

चूँकि किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान उस तत्व के सभी प्राकृतिक समस्थानिकों का औसत सापेक्ष द्रव्यमान होता है, इसलिए अधिकांश तत्वों के भिन्नात्मक परमाणु द्रव्यमान होते हैं।

समस्थानिकों के भौतिक गुण अलग-अलग होते है। किसी तत्व का प्रत्येक समस्थानिक शुद्ध पदार्थ होता है। परमाणु की संरचना

समस्थानिकों के अनुप्रयोग

कुछ समस्थानिकों के विशेष गुण होते हैं, जिनका उपयोग हम विभिन्न क्षेत्रों में करते हैं | उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:-

(i) यूरेनियम के एक समस्थानिक का उपयोग परमाणु भट्टी में ईंधन के रूप में होता है।

(ii) कैंसर के उपचार में कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग होता है।

(iii) घेंघा रोग के इलाज में आयोडीन के समस्थानिक का उपयोग होता है। परमाणु की संरचना

समभारिक ( ISOBARS )

अलग-अलग परमाणु संख्या वाले तत्वों को जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है , समभारिक कहा जाता है।

समभारिक के नाभिक में प्रोटॉन की संख्या अलग-अलग होती है लेकिन उनमें न्यूक्लियॉन ( प्रोटॉन + न्यूट्रॉन ) की कुल संख्या समान होती है।

उदाहरण के लिए: आर्गन और कैल्शियम समभारिक हैं।

समभारिको के परमाणु क्रमांक भिन्न-भिन्न होने के कारण उनके रासायनिक गुण भिन्न-भिन्न होते है।

समभारिको के मूल कणों की संख्या भिन्न-भिन्न होने के कारण उनके भौतिक गुण भी भिन्न-भिन्न होते है।

समन्यूट्रॉनिक  ( ISOTONES )

विभिन्न तत्वों के वे परमाणु जिनमें न्यूट्रॉन की संख्या समान होती है, किंतु द्रव्यमान संख्या तथा परमाणु संख्या दोनों भिन्न होते हैं, समन्यूट्रॉनिक कहलाते है। परमाणु की संरचना

MCQ

प्रश्न 1. परमाणु और अणु पदार्थ के हैं –

उत्तर- निर्माण खंड

प्रश्न 2. परमाणुओं में छोटे-छोटे कण होते हैं जिन्हें कहते हैं –

उत्तर- अवपरमाणुक कण

प्रश्न 3. परमाणु तीन अवपरमाणुक कणों से बने होते हैं :-

उत्तर- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन

प्रश्न 4. इलेक्ट्रॉन पर आवेश होता है –

उत्तर- ऋणात्मक

प्रश्न 5. प्रोटॉन पर आवेश होता है –

उत्तर- धनात्मक

प्रश्न 6. कोई आवेश नहीं होता –

उत्तर- न्यूट्रॉन पर

प्रश्न 7. परमाणु के केंद्र में एक छोटे से नाभिक में मौजूद होते हैं –

उत्तर- प्रोटॉन और न्यूट्रॉन

प्रश्न 8. परमाणु का लगभग पूरा द्रव्यमान होता है –

उत्तर- नाभिक में

प्रश्न 9. नाभिक में प्रोटॉन की उपस्थिति के कारण, नाभिक पर आवेश होता है –

उत्तर- धनात्मक

प्रश्न 10. परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित वृत्ताकार पथों में तेजी से चक्कर लगाते हैं जिन्हें कहते हैं –

उत्तर- कोशों का ऊर्जा स्तर

प्रश्न 11. नाभिक के बाहर इलेक्ट्रॉनों की संख्या नाभिक के अंदर प्रोटॉनों की संख्या के होती है –

उत्तर- बराबर

प्रश्न 12. एक परमाणु विद्युत रूप से होता है –

उत्तर- उदासीन

प्रश्न 13. इलेक्ट्रॉन की खोज 1897 में की –

उत्तर- जे. जे. थॉमसन ने

प्रश्न 14. इलेक्ट्रॉन सभी तत्वों के परमाणुओं में पाया जाने वाला एक कण है –

उत्तर- ऋणात्मक आवेशित

प्रश्न 15. एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान इतना छोटा होता है कि उसे माना जाता है –

उत्तर- नगण्य

प्रश्न 16. एक रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान, परमाणुओं में बदल सकती है –

उत्तर- इलेक्ट्रॉनों की संख्या

प्रश्न 17. तत्वों की संयोजकता और रासायनिक गुण निर्भर करते हैं –

उत्तर- इनकी अंतिम कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर

प्रश्न 18. द्रव्यों में विद्युत का प्रवाह होता है –

उत्तर- इलेक्ट्रॉनों द्वारा

प्रश्न 19. प्रोटॉन की खोज की थी –

उत्तर- अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने

प्रश्न 20. प्रोटॉन का द्रव्यमान लगभग बराबर होता है –

उत्तर- हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के

प्रश्न 21. न्यूट्रॉन की खोज की थी –

उत्तर- जेम्स चैडविक ने

प्रश्न 22. न्यूट्रॉन एक परमाणु के नाभिक में पाया जाने वाला एक कण है –

उत्तर- उदासीन

प्रश्न 23. न्यूट्रॉन का द्रव्यमान बराबर होता है –

उत्तर- प्रोटॉन के द्रव्यमान के

प्रश्न 24. नाभिक एक परमाणु के केंद्र में एक छोटा सा होता है –

उत्तर- धनात्मक आवेशित भाग

प्रश्न 25. किसी परमाणु के नाभिक का आयतन, परमाणु के बाह्य-नाभिकीय भाग के आयतन की तुलना में होता है –

उत्तर- बहुत कम

प्रश्न 26. परमाणु में धनावेशित नाभिक का अस्तित्व दिखाया गया था –

उत्तर- रदरफोर्ड के अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा

प्रश्न 27. पहले वैज्ञानिक जिन्होंने परमाणु की संरचना के लिए एक मॉडल प्रस्तावित किया था –

उत्तर- जे.जे. थॉमसन

प्रश्न 28. बोहर के विचार का समर्थन किया गया –

उत्तर- प्लांक के क्वाण्टम सिद्धांत द्वारा

प्रश्न 29. किसी तत्व के एक परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या को उस तत्व का कहते हैं –

उत्तर- परमाणु क्रमांक या परमाणु संख्या

प्रश्न 30. किसी तत्व का परमाणु क्रमांक प्रदर्शित होता है –

उत्तर- Z अक्षर से

प्रश्न 31. किसी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान किसी तत्व का परमाणु क्रमांक –

उत्तर- नहीं बदलता है

प्रश्न 32. किसी तत्व के एक परमाणु में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की कुल संख्या को कहते है –

उत्तर- उसकी द्रव्यमान संख्या

प्रश्न 33. किसी परमाणु का परमाणु द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से बराबर होता है –

उत्तर- उसकी द्रव्यमान संख्या के

प्रश्न 34. किसी तत्व के प्रतीक पर दर्शाया जा सकता है –

उत्तर- परमाणु क्रमांक और द्रव्यमान संख्या को

प्रश्न 35. तत्व के एक परमाणु के विभिन्न कोशों ( या ऊर्जा स्तरों ) में इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था को तत्व का कहते हैं –

उत्तर- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

प्रश्न 36. किसी विशेष ऊर्जा स्तर या कोश में रखे जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या दी गई थी –

उत्तर- बोहर और बरी द्वारा

प्रश्न 37. किसी परमाणु के सबसे बाहरी कोश में मौजूद इलेक्ट्रॉनों को जाना जाता है –

उत्तर- संयोजकता – इलेक्ट्रॉन के रूप में

प्रश्न 38. जिन तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कक्ष पूर्ण रूप से भरे ( 8 इलेक्ट्रॉन ) होते हैं , उनकी संयोजन शक्ति या संयोजकता होती हैं –

उत्तर- शून्य

प्रश्न 39. आठ इलेक्ट्रॉन वाले सबसे बाह्यतम कक्ष को माना जाता हैं –

उत्तर- अष्टक

प्रश्न 40. किसी परमाणु के केवल इलेक्ट्रॉन ही रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं –

उत्तर- संयोजी

प्रश्न 41. परमाणु के वे इलेक्ट्रॉन जो रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं, कहलाते हैं –

उत्तर- संयोजकता इलेक्ट्रॉन

प्रश्न 42. एक ही तत्वों के वे परमाणु, जिनकी परमाणु संख्याएं समान,किन्तु द्रव्यमान संख्याएं भिन्न-भिन्न होती है ,कहलाते है –

उत्तर- समस्थानिक

प्रश्न 43. समस्थानिकों के भौतिक गुण होते है –

उत्तर- अलग-अलग

प्रश्न 44. किसी तत्व का प्रत्येक समस्थानिक होता है –

उत्तर- शुद्ध पदार्थ

प्रश्न 45. अलग-अलग परमाणु संख्या वाले तत्वों को जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है , कहा जाता है –

उत्तर- समभारिक

प्रश्न 46. विभिन्न तत्वों के वे परमाणु जिनमें न्यूट्रॉन की संख्या समान होती है, किंतु द्रव्यमान संख्या तथा परमाणु संख्या दोनों भिन्न होते हैं, कहलाते है –

उत्तर- समन्यूट्रॉनिक