धातु रोग
धातु रोग (Spermatorrhoea) – धातु रोग से पीड़ित रोगी के जोर लगाकर पाखाना करने पर अथवा मूत्र त्याग से पूर्व या बाद में वीर्य निकल जाता है।
यदि हम दूसरे शब्दों में कहे तो – बिना लैंगिक उत्तेजना के ही बार – बार वीर्य की अनियंत्रित निकासी होना ‘ धातु रोग / प्रमेह रोग ‘ (Spermatorrhoea) के नाम से जाना जाता है।
किशोरों व नवयुवकों में यह रोग बहुतायत में मिलता है। इस रोग में मूत्र के साथ वीर्य जैसा एक स्त्राव निकलता है।
इस स्त्राव में मुख्यतः प्रोस्टेट ग्रंथि से निकलने वाला चावल के मांड के जैसा गंदले रंग का स्राव होता है। इसमें प्रायः शुक्राणु नहीं होते है। किंतु कभी-कभी होते भी है।
धातु रोग के प्रकार
प्रमेह रोग दो प्रकार के होते हैं –
1. शारीरिक क्रियात्मक धातु रोग / प्रमेह रोग।
2. विकृति जन्य धातु रूप / प्रमेह रोग।
शारीरिक क्रियात्मक प्रमेह रोग – इस रोग का मुख्य कारण ‘ कब्ज ‘ होता है। इसका मूल कारण भोजन का हजम न होना अथवा पाचन शक्ति की दुर्बलता है। तदुपरांत हस्तमैथुन इसका मुख्य कारण है।
विकृति जन्य प्रमेह रोग – यह आंतरिक कामांगों के क्षोभ के कारण उत्पन्न होता है। इसके पीछे हस्तमैथुन करना अथवा अति संभोग का इतिहास मिलता है।
धातु रोग के मुख्य कारण
1. हस्तमैथुन इस रोग का मुख्य कारण है।
2. अधिक नशा करना।
3. अधिक गर्म प्रकृति का व तीखा भोजन करना।
4. भोजन का ठीक / व्यवस्थित न होना।
5. पाचन शक्ति की कमी।
6. पर्याप्त शारीरिक श्रम न करना।
7. कफ कारक पदार्थों को खाना आदि।
धातु रोग के प्रमुख लक्षण
1. वीर्य का पतला होना।
2. शरीर में सुस्ती रहना।
3. जोड़ों में दर्द रहना।
4. किसी भी कार्य में मन नहीं लगना।
5. सिर में दर्द रहना।
6. चिंता रहना।
7. नींद का न आना।
8. भोजन की इच्छा न होना आदि ।
धातु रोग में उपयोगी कुछ सरल घरेलू आयुर्वेदिक प्रयोग
1. हरड़ के पिसे – छने चूर्ण में शहद मिलाकर सेवन करने से प्रमेह रोग ठीक हो जाते हैं।
2. दूध में तालमखाना मिलाकर सेवन करने से प्रमेह रोग नष्ट हो जाता है।
3. 20 ग्राम गिलोय के रस में 20 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से प्रमेह रोग नष्ट हो जाता है।
4. बड़ी इलायची का चूर्ण 3 माशा को शहद में मिलाकर सेवन करने से प्रमेह रोग ठीक हो जाता है।
5. 20 ग्राम आवाले का रस 20 ग्राम शहद में मिलाकर सुबह – शाम सेवन करने से प्रमेह रोग ठीक हो जाता है।
6. 2 माशा शुद्ध शिलाजीत को 1 तोला शहद में मिलाकर 3 सप्ताह सेवन करने से प्रमेह रोग नष्ट हो जाता है।