Class 6 ncert science notes in hindi

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पौधों को जानिए

सामान्यत: पौधो का वर्गीकरण उनकी ऊंचाई, तने एवं शाखाओं के आधार पर शाक, झाड़ी एवं वृक्ष में किया जाता है।

हरे एवं कोमल तने वाले पौधे शाक कहलाते है। ये सामान्यत : छोटे होते है और अक्सर इनमे कई शाखाएँ नहीं होती।

कुछ पौधो में शाखाएँ तने के आधार के समीप से निकलती है| तना कठोर होता है परन्तु अधिक मोटा नहीं होता। इन्हे झाड़ी कहते है।

कुछ पौधे बहुत ऊंचे होते है तथा इनके तने सुदृढ़ एवं गहरे होते हैं। इनमें शाखाएं भूमि से अधिक ऊंचाई पर तने के ऊपरी भाग से निकलती है। इन्हें वृक्ष कहते हैं। class 6 ncert science notes in hindi

कुछ कमजोर तने वाले पौधे सीधे खड़े नहीं हो सकते और ये भूमि पर फैल जाते है। इन्हे विसर्पी लता कहते है।

जबकि कुछ पौधे सहायता से ऊपर चढ़ जाते है। ऐसे पौधे आरोही कहलाते है।

ये शाक , झाड़ी और पेड़ो से भिन्न होते है। class 6 ncert science notes in hindi

तने में पत्तियाँ, शाखाएँ , कली, फल व फूल होते है।

तने द्वारा जड़ो से पत्तियों ( और दूसरे भागो ) को जल ( और जल में विलीन खनिज ) और पत्तियों से भोजन , पौधो के अन्य भागों तक पहुँचता है।

तने द्वारा जड़ों से पत्तियों ( और दूसरे भागों ) को जल और पत्तियों से भोजन , पौधो के अन्य भागों तक पहुँचता है। Class 6 ncert science notes in hindi

पत्ती का वह भाग जिसके द्वारा वह तने से जुडी होते है , पर्णवृंत कहलाता है।

पत्ती के चपटे हरे भाग को फलक कहते है।

पत्ती में उपस्थित रेखित संरचनाओं को शिरा कहते है।

पत्ती के मध्य में एक मोटी शिरा दिखाई देती है। इसे मध्य शिरा कहते है। class 6 ncert science notes in hindi

पत्तियों पर शिराओं द्वारा बनाये गए डिजाइन को शिरा – विन्यास कहते है। 

यदि यह डिजाइन मध्य शिरा के दोनों और जाल जैसा है , तो यह शिरा – विन्यास , जालिका रूपी कहलाता है।

अगर यह डिजाइन समान्तर होता है ,तो ऐसे शिरा – विन्यास को समान्तर शिरा – विन्यास कहते है।

दूसरे शब्दो में पत्ती में शिराओं का प्रतिरूप शिरा – विन्यास कहलाता है। यह जालिका रूपी अथवा समान्तर हो सकता है। class 6 ncert science notes in hindi

पत्तियाँ वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा जलवाष्प को वायु में निष्कासित करती है।

हरी पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु एवं जल से प्रकाश – संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन बनती है।

इस प्रक्रम में ऑक्सीजन निष्कासित होती है।

पत्तियों द्वारा संश्लेषित भोजन अंतत: पौधे के विभिन्न भागों में मंडल के रूप में संग्रहित हो जाता है। class 6 ncert science notes in hindi

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जड़े पौधे को मिट्टी में मजबूती से जमाए ( जकड़े ) रखती है। इन्हें मिट्टी में पौधे का स्थिरक कहा जाता है।

जड़े मिट्टी से जल एवं खनिज पदार्थो का अवशोषण करती है।

जड़े मुख्यत: दो प्रकार की होती है : मूसला जड़ एवं रेशेदार जड़।

जालिका रूपी शिरा – विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधो की जड़ें मूसला जड़ होती है जबकि समान्तर शिरा – विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधो की जड़ें रेशेदार होती है। class 6 ncert science notes in hindi

पुष्प के विभिन्न भाग है – बाह्यदल ,  पंखुड़ी ,  पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर।

विभिन्न पुष्पों में बाह्यदल , पंखुड़ी , पुंकेसर एवं स्त्रीकेसर की संख्या में अंतर हो सकता है।

कुछ पुष्पों में इनमे से कुछ भाग अनुपस्थित भी हो सकता है।

पुष्प के केंद्र में स्थित भाग को स्त्रीकेसर कहते है।

स्त्रीकेसर का सबसे निचला एवं फूला हुआ भाग अंडाशय कहलाता है।

अंडाशय में छोटी – छोटी गोल संरचनाएँ दिखाई देती है , जिन्हें बीजांड कहते है। class 6 ncert science notes in hindi

शरीर में गति

अस्थि एवं उपास्थि मानव कंकाल बनाते है यह शरीर का पिंजर बनता है और इसे एक आकृति भी देता है। कंकाल चलने में सहायक है और आंतरिक अंगो की सुरक्षा करता है।

मानव कंकाल खोपड़ी ,मेरुदंड ,पसलियों ,वक्ष की अस्थि , कंधे एवं श्रोणि मेखला तथा हाथ एवं पाँव की अस्थियो से बनता है।

पेशियों के जोड़े के एकान्तर क्रम में सिकुड़ने एवं फैलने से अस्थियाँ गति करती है। class 6 ncert science notes in hindi

अस्थियो की संधियाँ अनेक प्रकार की होती है। यह उस संधि की प्रकृति एवं गति की दिशा पर निर्भर करता है।

हम शरीर के विभिन्न भागों को उसी स्थान से मोड़ अथवा घुमा पाते है जहाँ पर दो हिस्से एक – दूसरे से जुड़े हो, इन स्थानों को संधि कहते है।

विभिन्न गतिविधियों एवं विभिन्न प्रकार की गतियों के लिए हमारे शरीर में अनेक प्रकार की संधियाँ होती है।

कंदुक – खल्लिका संधि में एक अस्थि का गेंद वाला गोल हिस्सा दूसरी अस्थि की कटोरी रूपी गुहिका में धंसा होता है।

इस प्रकार की संधि सभी दिशाओं में गति प्रदान करती है। class 6 ncert science notes in hindi

धुराग्र संधि में बेलनकार अस्थि एक छल्ले में घूमती है।

गर्दन तथा सिर को जोड़ने वाली संधि , धुराग्र संधि है।

इसके द्वारा सिर को आगे – पीछे या दाए एवं बाए घुमा सकते है।

हिंज संधि एक ही दिसा में गति होने देती है। class 6 ncert science notes in hindi

कोहनी में हिंज ( कब्जा ) संधि होते है ,जिससे केवल आगे और पीछे एक ही दिशा में गति हो सकते है।

जिन संधियों पर अस्थियां हिल नहीं सकती उन्हें अचल संधि कहते है।

ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य अचल संधि होती है।

कलाई अनेक छोटी – छोटी अस्थियो से बनी होती है जिन्हे कारपेल कहते है। class 6 ncert science notes in hindi

वक्ष की पसलियाँ विशेष रूप से मुड़ी हुई होती है। वे वक्ष की अस्थि एवं मेरुदंड से जुड़कर एक बक्से की रचना करती है। इस शंकुरुपी बक्से को पसली – पिंजर कहते है। 

वक्ष के दोनों तरफ 12 पसलियाँ होती है।

कंकाल में कुछ अतिरिक्त अंग भी है जो हड्डियों जितने कठोर नहीं होते है और जिन्हे मोड़ा जा सकता है ,उन्हें उपास्थि कहते है।

कान के ऊपरी भाग में उपास्थि होती है।

शरीर की संधियों में भी उपास्थि पाई जाती है।

किसी अस्थि को गति प्रदान करने के लिए दो पेशियों को संयुक्त रूप से कार्य करना होता है। class 6 ncert science notes in hindi

केंचुए का शरीर एक सिरे को दूसरे से सटाकर रखे गए अनेक छल्लो से बना प्रतीत होता है।

केंचुए के शरीर में अस्थियाँ नहीं होती परन्तु इसमें पेशियाँ होती है जो इसके शरीर के घटने और बढ़ने में सहायता करती है।

केंचुए में गति शरीर की पेशियों के बारी – बारी से विस्तरण एवं संकुचन से होती है। शरीर की अध: सतह पर शूक केंचुए को भूमि पर पकड़ बनाने में सहायक है।

इसके शरीर में छोटे – छोटे अनेक शूक होते है।

ये शूक पेशियों से जुड़े होते है।

ये शूक मिट्टी में उसकी पकड़ को मजबूत बनाते है। class 6 ncert science notes in hindi

केंचुए अपने रस्ते में आने वाली मिट्टी को खाते है।

उसका शरीर अनपचे पदार्थ को बहार निकल देता है।

केंचुए द्वारा किया गया यह कार्य मिट्टी को उपजाऊ बना देता है। class 6 ncert science notes in hindi

घोंघा की पीठ पर स्थित गोल संरचना को इसका कवच कहते है। 

यह घोंघे का बाह्य – कंकाल होता है।

परन्तु यह अस्थियों का बना नहीं होता।

यह कवच एकल एकक होता है और यह घोंघे को चलने में कोई सहायता नहीं करता।

यह घोंघे के साथ खिंचता जाता है।

घोंघा पेशीय पाद की सहायता से चलता है। class 6 ncert science notes in hindi

तिलचट्टे का शरीर एवं पैर कठोर आवरण से ढके होते है जो बाह्य – कंकाल बनता है।

वक्ष की पेशियाँ तीन जोड़ी पैरों एवं दो जोड़ी पंखो से जुडी होती है जो तिलचट्टे को चलने एवं उड़ने में सहायता करती है। class 6 ncert science notes in hindi

पक्षियों की अस्थियों में वायु प्रकोष्ट होता है जिनके कारण उनकी अस्थियाँ हल्की परन्तु मजबूत होती है।

पश्च पाद की अस्थियाँ चलने एवं बैठने के लिए अनुकूलित होती है। 

अग्र पाद की अस्थियाँ रूपांतरित होकर पक्षी के पंख बनाती है।

कंधे की अस्थियाँ मजबूत होती है।

वक्ष की अस्थियाँ उड़ने वाली पेशियों को जकड़े रखने के लिए विशेष रूप से रूपांतरित होती है तथा पंखो को ऊपर – नीचे करने में सहायक होती है।

पक्षियों की दृढ़ पेशियाँ तथा हल्की अस्थियाँ मिलकर उन्हें उड़ने में सहायता करती है। ये पंखों को फड़फड़ा कर उड़ते है। Class 6 ncert science notes in hindi

मछली का सिर एवं पूँछ उसके मध्य भाग की अपेक्षा पतला एवं नुकीला होता है। शरीर की ऐसी आकृति धारा रेखीय कहलाती है।

मछली शरीर के दोनों ओर एकांतर क्रम में वलय बनाकर जल में तैरती है।

पूँछ के पख इस कार्य में उसकी सहायता करते है।

मछली के शरीर पर और भी पख होते है जो तैरते समय जल में संतुलन बनाए रखने एवं दिशा निर्धारण में सहायता करते है। class 6 ncert science notes in hindi

सर्प का मेरुदंड लंबा होता है। 

शरीर की पेशियाँ क्षीण एवं असंख्य होती है।

वे परस्पर जुड़ी होती है चाहे वे दूर ही क्यों न हो।

पेशियाँ मेरुदंड ,पसलियों एवं त्वचा को भी एक – दूसरे से जोड़ती है।

सर्प अपने शरीर के दोनों ओर एकांतर क्रम में वलय बनाते हुए भूमि पर वलयाकार गति करता हुआ आगे की ओर फिसलता है।

बहुत सारी अस्थियाँ एवं उससे जुड़ी पेशियाँ शरीर को आगे की ओर धक्का देती है। Class 6 ncert science notes in hindi

MCQ

प्रश्न 1. हरे एवं कोमल तने वाले पौधे कहलाते है –

उत्तर- शाक

प्रश्न 2. कुछ पौधो में शाखाएँ तने के आधार के समीप से निकलती है। तना कठोर होता है परन्तु अधिक मोटा नहीं होता। इन्हे कहते है –

उत्तर- झाड़ी

प्रश्न 3. कुछ कमजोर तने वाले पौधे सीधे खड़े नहीं हो सकते और ये भूमि पर फैल जाते है। इन्हे कहते है –

उत्तर- विसर्पी लता

प्रश्न 4. पत्ती का वह भाग जिसके द्वारा वह तने से जुडी होती है , कहलाता है –

उत्तर- पर्णवृंत

प्रश्न 5. पत्ती के चपटे हरे भाग को कहते है –

उत्तर- फलक

प्रश्न 6. पत्ती में उपस्थित रेखित संरचनाओं को कहते है –

उत्तर- शिरा

प्रश्न 7. पत्ती के मध्य में एक मोटी शिरा दिखाई देती है। इसे कहते है –

उत्तर- मध्य शिरा

प्रश्न 8. पत्तियों पर शिराओं द्वारा बनाये गए डिजाइन को कहते है –

उत्तर- शिरा – विन्यास

प्रश्न 9. पत्ती में शिराओं का प्रतिरूप शिरा – विन्यास कहलाता है। यह हो सकता है –

उत्तर- जालिका रूपी अथवा समान्तर

प्रश्न 10. पत्तियाँ जलवाष्प को वायु में निष्कासित करती है –

उत्तर- वाष्पोत्सर्जन क्रिया द्वारा

प्रश्न 11. हरी पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु एवं जल से भोजन बनती है –

उत्तर- प्रकाश – संश्लेषण क्रिया द्वारा

प्रश्न 12. पत्तियों द्वारा संश्लेषित भोजन अंतत: पौधे के विभिन्न भागों में संग्रहित हो जाता है –

उत्तर- मंडल के रूप में

प्रश्न 13. जड़े पौधे को मिट्टी में मजबूती से जमाए ( जकड़े ) रखती है। इन्हें मिट्टी में पौधे का कहा जाता है –

उत्तर- स्थिरक

प्रश्न 14. जड़े मिट्टी से अवशोषण करती है –

उत्तर- जल एवं खनिज पदार्थो का

प्रश्न 15. जड़े मुख्यत: दो प्रकार की होती है : –

उत्तर- मूसला जड़ एवं रेशेदार जड़

प्रश्न 16. जालिका रूपी शिरा – विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधो की जड़ें होती है –

उत्तर- मूसला

प्रश्न 17. समान्तर शिरा – विन्यास युक्त पत्तियों वाले पौधो की जड़ें होती है –

उत्तर- रेशेदार

प्रश्न 18. पुष्प के केंद्र में स्थित भाग को कहते है –

उत्तर- स्त्रीकेसर

प्रश्न 19. स्त्रीकेसर का सबसे निचला एवं फूला हुआ भाग कहलाता है –

उत्तर- अंडाशय

प्रश्न 20. अंडाशय में छोटी – छोटी गोल संरचनाएँ दिखाई देती है , जिन्हें कहते है –

उत्तर- बीजांड

प्रश्न 21. एक अस्थि का गेंद वाला गोल हिस्सा दूसरी अस्थि की कटोरी रूपी गुहिका में धंसा होता है –

उत्तर- कंदुक – खल्लिका संधि में

प्रश्न 22. कंदुक – खल्लिका संधि गति प्रदान करती है –

उत्तर- सभी दिशाओं में

प्रश्न 23. बेलनकार अस्थि एक छल्ले में घूमती है –

उत्तर- धुराग्र संधि में

प्रश्न 24. गर्दन तथा सिर को जोड़ने वाली संधि है –

उत्तर- धुराग्र संधि

प्रश्न 25. एक ही दिसा में गति होने देती है –

उत्तर- हिंज संधि

प्रश्न 26. कोहनी में कौन – सी संधि होती है ?

उत्तर- हिंज ( कब्जा ) संधि

प्रश्न 27. जिन संधियों पर अस्थियां हिल नहीं सकती उन्हें कहते है –

उत्तर- अचल संधि

प्रश्न 28. ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य होती है –

उत्तर- अचल संधि

प्रश्न 29. कलाई अनेक छोटी – छोटी अस्थियो से बनी होती है जिन्हे कहते है –

उत्तर- कारपेल

प्रश्न 30. वक्ष के दोनों तरफ होती है –

उत्तर- 12 पसलियाँ

प्रश्न 31. कंकाल में कुछ अतिरिक्त अंग भी है जो हड्डियों जितने कठोर नहीं होते है और जिन्हे मोड़ा जा सकता है ,उन्हें कहते है –

उत्तर- उपास्थि

प्रश्न 32. कान के ऊपरी भाग में होती है –

उत्तर- उपास्थि

प्रश्न 33. केंचुए अपने रस्ते में आने वाली मिट्टी को –

उत्तर- खाते है

प्रश्न 34. घोंघा सहायता से चलता है –

उत्तर- पेशीय पाद की

प्रश्न 35. पक्षियों की अस्थियों में होता है जिनके कारण उनकी अस्थियाँ हल्की परन्तु मजबूत होती है –

उत्तर- वायु प्रकोष्ट

प्रश्न 36. अस्थियाँ रूपांतरित होकर पक्षी के पंख बनाती है –

उत्तर- अग्र पाद की

प्रश्न 37. मछली का सिर एवं पूँछ उसके मध्य भाग की अपेक्षा पतला एवं नुकीला होता है। शरीर की ऐसी आकृति कहलाती है –

उत्तर- धारा रेखीय

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