Environment notes for upsc in hindi
Environment notes for upsc in hindi :- किसी स्थान का परिवेश जिसमे पौधे , जंतु एवं अन्य जीव रहते है ,उनका आवास कहलाता है।
समुन्द्र में जंतु तथा पौधे लवणीय जल में रहते है तथा स्वसन के लिए जल में विलेय वायु ( ऑक्सीजन ) का उपयोग करते है।
मरुस्थल दिन में बहुत गरम एवं रात में ठंडा होता है।
ऊंट के पैर लंबे होते है जिससे उसका शरीर रेत की गर्मी से दूर रहता है। उनमे मूत्रोत्सर्जन की मात्रा बहुत कम होती है तथा मल शुष्क होता है।
उन्हें पसीना भी नहीं आता इसलिए शरीर से जल का हास बहुत कम होता है। इसलिए जल के बिना भी वे अनेक दिनों तक रह सकते है। environment notes for upsc in hindi
मछलियों का शरीर धारा – रेखीय होता है। उनकी यह आकृति उन्हें जल के अंदर विचरण करने में सहायता करती है।
मछलियों का शरीर चिकने शल्को से ढका होता है। ये शल्क मछली को सुरक्षा तो प्रदान करते है साथ ही उन्हें जल में सुगम गति करने में भी सहायक है।
मछली के पंख एवं पूँछ चपटी होती है ,जो उन्हें जल के अंदर दिशा परिवर्तन एवं संतुलन बनाए रखने में सहायता करते है।
मछली के गिल ( क्लोम ) होते है जो उसे जल में श्वास लेने में सहायता करते है।
पौधों और जीवों के विशिष्ट लक्षण एवं स्वभाव जो उन्हें एक आवास विशेष में रहने के अनुकूल बनाते है ,अनुकूलन कहलाता है। environment notes for upsc in hindi
विभिन्न प्रकार के पौधे एवं जंतु एक ही आवास में एक साथ रह सकते है।
अपने भोजन , वायु , शरण स्थल एवं अन्य आवश्यकताओ के लिए जीव अपने आवास पर निर्भर रहता है।
आवास अनेक प्रकार के होते है , परन्तु , सामान्यत: इन्हे स्थलीय ( जमीन पर ) एवं जलीय आवास ( जल में ) में वर्गीकृत किया जाता है।
स्थल ( जमीन ) पर पाए जाने वाले पौधों एवं जन्तुओ के आवास को स्थलीय आवास कहते है।
वन , घास के मैदान , मरुस्थल , तटीय एवं पर्वतीय क्षेत्र स्थलीय आवास के कुछ उदाहरण है। environment notes for upsc in hindi
जलाशय , दलदल , झील नदियाँ एवं समुन्द्र , जहाँ पौधे एवं जंतु जल में रहते है , जलीय आवास है।
विभिन्न आवास में सजीवों की विविध प्रजातियाँ पाई जाती है।
किसी आवास में पाए जाने वाले सभी जीव जैसे कि पौधे एवं जंतु उसके जैव घटक है।
चट्टान , मिट्टी, वायु एवं जल जैसी अनेक निर्जीव वस्तुऍं आवास के अजैव घटक है। सूर्य का प्रकाश एवं ऊष्मा भी परिवेश के अजैव घटक है।
अपने परिवेश में होने वाले परिवर्तनों के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए कुछ जीवों में थोड़े समय के लिए परिवर्तन हो सकते है। environment notes for upsc in hindi
अल्प अवधि में किसी एक जीव के शरीर में होने वाले ये छोटे – छोटे परिवर्तन पर्यनुकूलन कहलाते है। यह परिवर्तन हजारो वर्षों में हुए अनुकूलन से भिन्न है।
मरुस्थलीय पौधे वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल की बहुत कम मात्रा निष्कासित करते है। मरुस्थलीय पौधों में पत्तियाँ या तो अनुपस्थित होती है अथवा बहुत छोटी होती है।
कुछ पौधों में पत्तियाँ काँटों ( शूल ) का रूप ले लेती है। इससे पत्तियों में होने वाले वाष्पोत्सर्जन में होने वाले जल हास में कमी आती है।
नागफनी में पत्ती जैसी संरचना को आप देखते है , वह वास्तव में इसका तना है। इन पौधों में प्रकाश – संश्लेषण सामान्यत: तने में होता है। environment notes for upsc in hindi
तना एक मोटी मोमी परत से ढका होता है ,जिससे पौधे को जल – संरक्षण में सहायता मिलती है।
अधिकतर मरुस्थलीय पौधों की जड़ें जल अवशोषण के लिए मिट्टी में बहुत गहराई तक चली जाती है।
पर्वतीय क्षेत्र में पाए जाने वाले वृक्ष सामान्यत: शंकवाकार होते है तथा इनकी शाखाएँ तिरछी होती है। इनमे से कुछ वृक्षों की पत्तियाँ सुई के आकार की होती है।
इससे वर्षा का जल एवं हिम सरलता से निचे की ओर खिसक जाता है। पर्वतों पर इन वृक्षों से भी भिन्न आकृति एवं आकार वाले वृक्ष भी मिल सकते है। environment notes for upsc in hindi
स्क्विड एवं ऑक्टोपस जैसे कुछ समुंद्री जंतुओं का शरीर आमतौर पर धारा – रेखीय नहीं होता।
वे समुद्र की गहराई में , तलहटी में रहते है तथा अपनी ओर आने वाले शिकार को पकड़ते है।
जब वे जल में चलते है तो अपने शरीर को धारा – रेखीय बना लेते है। जल में स्वास लेने के लिए इनमे गिल (क्लोम ) होते है।
डॉलफिन एवं व्हेल जैसे कुछ जन्तुओ में गिल नहीं होते। ये सिर पर स्थित नासाद्वार अथवा वात – छिद्रों द्वारा स्वास लेते है। ये जल में लम्बे समय तक बिना स्वास लिए रह सकते है। environment notes for upsc in hindi
वे समय – समय पर समुद्री सतह ( जल से बाहर ) पर आकर श्वसन – छिद्रों से जल बहार निकलते है एवं स्वास द्वारा स्वच्छ वायु अंदर भरते है।
स्थलीय पौधों में जड़ मिट्टी से जल एवं खनिज पोषकों के अवशोषण का महत्वपूर्ण कार्य करती है।
परन्तु जलीय पौधों में जड़े आकर में बहुत छोटी होती है एवं इनका मुख्य कार्य पौधे को तलहटी में जमाए रखना होता है।
इन पौधों का तना लम्बा ,खोखला एवं हल्का होता है। तना जल की सतह तक वृद्धि करता है , जबकि पत्तियाँ एवं फूल जल की सतह पर प्लवन करते रहते है। environment notes for upsc in hindi
कुछ जलीय पौधे जल में पूर्णरूपेण डूबे रहते है। ऐसे पौधों के सभी भाग जल में वृध्दि करते है।
इनमे से कुछ पौधों की पत्तियाँ संकरी एवं पतले रिबन की तरह होती है। यह बहते जल में सरलता से मुड़ जाती है।
कुछ अन्य जलमग्न पौधों में पत्तियाँ बहुत अधिक विभाजित होती है जिससे जल इनके बीच से बहता रहता है और पत्ती को कोई क्षति भी नहीं होती।
मेंढ़क आमतौर पर तालाब में पाया जाने वाला एक जंतु है। यह तालाब के जल एवं स्थल दोनों पर रह सकता है। environment notes for upsc in hindi
इसके पश्चपाद लम्बे एवं मजबूत होते है जो उन्हें छलांग लगाने एवं शिकार पकड़ने में सहायता करते है।
इनके पश्चपाद में जालयुक्त पादांगुलियां होती है जो उन्हें तैरने में सहायता करती है।
सभी जीवों को भोजन की आवश्यकता होती है। वृध्दि सभी जीवों में होती है।
श्वास लेना श्वसन क्रिया का एक हिस्सा है। श्वसन सभी सजीवों के लिए आवश्यक है। ग्रहण किए गए भोजन से श्वसन के द्वारा ही हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। environment notes for upsc in hindi
केंचुआ त्वचा द्वारा साँस लेता है। मछली के गिल होते है जिनकी सहायता से वह जल में विलेय वायु से ऑक्सीजन अवशोषित कर लेती है।
पत्तियाँ सूक्ष्म रंध्रों द्वारा वायु को अंदर लेती है तथा ऑक्सीजन का उपयोग करती है। वह कार्बन डाईऑक्साइड वायु में निष्काषित कर देती है।
प्रकाश की उपस्थिति में पौधे वायु की कार्बन डाईऑक्साइड का उपयोग भोजन बनाने के लिए करते है तथा ऑक्सीजन छोड़ते है।
श्वसन क्रिया दिन और रात, दोनों में ही निरंतर चलती रहती है। environment notes for upsc in hindi
भोजन बनाने की प्रक्रिया में निष्कासित ऑक्सीजन की मात्रा पौधों द्वारा श्वसन में उपयोग की गई ऑक्सीजन की अपेक्षा बहुत अधिक होती है।
सभी सजीव वस्तुएँ अपने परिवेश में होने वाले परिवर्तनों के प्रति अनुक्रिया दर्शाती है।
विभिन्न जैव – प्रक्रमों के फलस्वरूप हमारे शरीर में कुछ अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न होते है , सजीवों द्वारा इन अपशिष्ट पदार्थ के निष्कासन के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते है।
उत्सर्जन सजीवों का एक दूसरा सामान्य लक्षण है। environment notes for upsc in hindi
जंतु प्रजनन द्वारा अपने समान संतान उत्पन्न करते है।विभिन्न जीवों में प्रजनन की विधियाँ भी भिन्न प्रकार की होती है।
गेहूँ की बोरी में कुछ गर्मी उत्पन्न होती है। यह गर्मी बीजों के श्वसन के कारण उत्पन्न हुई है।
बीजों में श्वसन की क्रिया उस समय भी चलती है जबकि अन्य जैव प्रक्रम उतने सक्रिय नहीं होते। environment notes for upsc in hindi
MCQ
प्रश्न 1. किसी स्थान का परिवेश जिसमे पौधे , जंतु एवं अन्य जीव रहते है ,उनका कहलाता है –
उत्तर- आवास
प्रश्न 2. समुन्द्र में जंतु तथा पौधे लवणीय जल में रहते है तथा स्वसन के लिए उपयोग करते है –
उत्तर- जल में विलेय ऑक्सीजन का
प्रश्न 3. ऊंट के पैर लंबे होते है जिससे उसका शरीर दूर रहता है –
उत्तर- रेत की गर्मी से
प्रश्न 4. ऊंट को नहीं आता –
उत्तर- पसीना
प्रश्न 5. मछलियों का शरीर होता है –
उत्तर- धारा – रेखीय
प्रश्न 6. मछलियों का शरीर धारा – रेखीय आकृति उन्हें जल के अंदर सहायता करती है –
उत्तर- विचरण करने में
प्रश्न 7. मछलियों का शरीर ढका होता है –
उत्तर- चिकने शल्को से
प्रश्न 8. मछली के पंख एवं पूँछ चपटी होती है ,जो उन्हें जल के अंदर सहायता करते है –
उत्तर- दिशा परिवर्तन एवं संतुलन बनाए रखने में
प्रश्न 9. मछली के गिल ( क्लोम ) होते है जो उसे जल में सहायता करते है –
उत्तर- श्वास लेने में
प्रश्न 10. पौधों और जीवों के विशिष्ट लक्षण एवं स्वभाव जो उन्हें एक आवास विशेष में रहने के अनुकूल बनाते है ,कहलाता है –
उत्तर- अनुकूलन
प्रश्न 11. स्थल ( जमीन ) पर पाए जाने वाले पौधों एवं जन्तुओ के आवास को कहते है –
उत्तर- स्थलीय आवास
प्रश्न 12. किसी आवास में पाए जाने वाले सभी जीव जैसे कि पौधे एवं जंतु उसके है –
उत्तर- जैव घटक
प्रश्न 13. चट्टान , मिट्टी, वायु एवं जल जैसी अनेक निर्जीव वस्तुऍं आवास के है –
उत्तर- अजैव घटक
प्रश्न 14. अल्प अवधि में किसी एक जीव के शरीर में होने वाले ये छोटे – छोटे परिवर्तन कहलाते है –
उत्तर- पर्यनुकूलन
प्रश्न 15. मरुस्थलीय पौधे वाष्पोत्सर्जन द्वारा निष्कासित करते है –
उत्तर- जल की बहुत कम मात्रा
प्रश्न 16. नागफनी में पत्ती जैसी संरचना को आप देखते है , वह वास्तव में है –
उत्तर- इसका तना
प्रश्न 17. नागफनी में प्रकाश – संश्लेषण सामान्यत: होता है –
उत्तर- तने में
प्रश्न 18. अधिकतर मरुस्थलीय पौधों की जड़ें जल अवशोषण के लिए मिट्टी में चली जाती है –
उत्तर- बहुत गहराई तक
प्रश्न 19. डॉलफिन एवं व्हेल जैसे कुछ जन्तुओ में गिल नहीं होते। ये स्वास लेते है –
उत्तर- सिर पर स्थित नासाद्वार अथवा वात – छिद्रों द्वारा
प्रश्न 20. जलीय पौधों में जड़े आकर में बहुत छोटी होती है एवं इनका मुख्य कार्य होता है –
उत्तर- पौधे को तलहटी में जमाए रखना
प्रश्न 21. मेंढ़क के पश्चपाद लम्बे एवं मजबूत होते है जो उन्हें सहायता करते है –
उत्तर- छलांग लगाने एवं शिकार पकड़ने में
प्रश्न 22. मेंढ़क के पश्चपाद में जालयुक्त पादांगुलियां होती है जो उन्हें सहायता करती है –
उत्तर- तैरने में
प्रश्न 23. श्वास लेना श्वसन क्रिया का है –
उत्तर- एक हिस्सा
प्रश्न 24. ग्रहण किए गए भोजन से श्वसन के द्वारा ही हमारे शरीर को मिलती है –
उत्तर- ऊर्जा
प्रश्न 25. केंचुआ साँस लेता है –
उत्तर- त्वचा द्वारा
प्रश्न 26. भोजन बनाने की प्रक्रिया में निष्कासित ऑक्सीजन की मात्रा पौधों द्वारा श्वसन में उपयोग की गई ऑक्सीजन की अपेक्षा होती है –
उत्तर- बहुत अधिक
प्रश्न 27. सजीवों द्वारा अपशिष्ट पदार्थ के निष्कासन के प्रक्रम को कहते है –
उत्तर- उत्सर्जन
प्रश्न 28. गेहूँ की बोरी में गर्मी उत्पन्न होती है –
उत्तर- बीजों के श्वसन के कारण