खनिज हमारे शरीर में पाए जाने वाले खनिज मुख्यतया कैल्शियम , फास्फोरस , सोडियम , पोटेशियम , क्लोरीन , सल्फर , आयरन , आयोडीन तथा कॉपर के यौगिकों के रूप में होते हैं। हमें प्रतिदिन के आहार में खनिजों की बहुत थोड़ी सी मात्रा की आवश्यकता होती है। उचित शारीरिक वृद्धि तथा स्वस्थ बने रहने […]
हैजा हैजा एक अत्यधिक संक्रमण से बीमारी है। यह जठरांत्र नाली को प्रभावित करती है जिसके अंतर्गत पेट तथा आंत्र आते हैं। यह हजारों वर्ष पुरानी बीमारी है। यह अत्यधिक भीड़ – भाड़ वाले इलाके में अधिक फैलती है। यह सभी उम्र के लोगों में हो सकती है। हैजा विब्रियो कोलेरी नामक जीवाणुाओं से फैलता […]
रेबीज रेबीज या जलांतक एक भयावह बीमारी है , जो मनुष्य में पशुओं के काटने खासकर रेबीज वायरस से संक्रमित कुत्तों के काटने से होती है। कुछ अन्य पशुओं के काटने से भी रेबीज का संक्रमण हो सकता है जैसे बिल्ली , बंदर , लोमड़ी , जैकल , भेड़िया तथा नेवला। शहरी क्षेत्रों में ज्यादातर […]
क्षयरोग ( टी . बी. ) क्षयरोग को ‘ टी. बी. ‘ ( ट्यूबरक्लोसिस ) शब्द से भी जाना जाता है। यह एक संक्रमण से होने वाली बीमारी है। यह मुखयतः रोगी से हवा , उसके बलगम या थूक से फैलती है। टी. बी. ( क्षयरोग ) माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु से फैलती है। यह जीवाणु […]
जीवाणु एंटोनी वान ल्यूवेनहॉक ( 1675 ई ) अपने ही द्वारा विकसित सूक्ष्मदर्शी की सहायता से जीवाणु ( bacteria) को सर्वप्रथम देखा। जीवाणु ( bacteria) सभी जगहों पर पाए जाते हैं तथा उनका आमाप सूक्ष्म होता है। जीवाणु ( bacteria) का औसत आमाप 1.25 माइक्रो मीटर व्यास का होता है। सबसे छोटे जीवाणु ( bacteria) […]
ग्रीनहाउस प्रभाव ग्रीनहाउस प्रभाव अथवा पौधा घर प्रभाव को वायुमंडलीय उष्णता का एक कारक भी कहा जाता है। यह वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड जैसी कुछ गैसों की मात्रा में वृद्धि के फलस्वरूप होता है। आप जानते हैं कि जब ईंधनों का दहन किया जाता है तो कार्बन डाइऑक्साइड बनती है। पौधे इस कार्बन डाइऑक्साइड का […]
वायरस ( विषाणु ) वायरस (virus) , बैक्टीरिया से भी सूक्ष्म होते हैं। इनकी उपस्थिति का पता या तो उनके परपोषी पर हो रहे प्रभाव के द्वारा लगाया जा सकता है या उन्हें इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में देखकर। वे केवल जीवित कोशिकाओं के अंदर गुणन करते हैं। किसी विशिष्ट परपोषी कोशिका के अलावा virus का संवर्धन […]
वायुमंडल (Atmosphere) वायु से आप परिचित हैं। वायु कई गैसों का मिश्रण है। यह पृथ्वी पर सर्वत्र व्याप्त है। हम वायु से चारों ओर से घिरे घने क्षेत्र में रहते हैं जिसे वायुमंडल (atmosphere) कहते हैं। सभी सजीवो को किसी ने किसी रूप में वायु की आवश्यकता होती है। वायु , जो हमारी पृथ्वी के […]
मृदा ( Soil ) पृथ्वी की ऊपरी सतह को मृदा (soil) कहते हैं। पृथ्वी की इस सतह की मोटाई कुछ मिलीमीटर से लेकर 3 – 4 मीटर तक हो सकती है। साधारणत : मृदा (soil) चट्टानों के सूक्ष्म कणों , ह्यूमस , वायु तथा जल से मिलकर बनती है। पौधों की वृद्धि एवं विकास के […]
शुष्क सेल यहां पर हम आपको शुष्क सेल (dry cell) के बारे में बताने जा रहे हैं शुष्क सेलों से आप भलीभांति परिचित हैं, जिनका प्रयोग टॉर्च, ट्रांजिस्टर – रेडियो, खिलौनो, घड़ियों तथा बहुत से अन्य कार्यों के लिए किया जाता है। शुष्क सेल (dry cell) में प्राय: जिंक का बना एक बेलनाकार बर्तन होता […]