फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स :- अपनी बढ़ती हुई जनसंख्या को भोजन करने के लिए हमें विशिष्ट कृषि पद्धतियों को अपनाना होता है।

जब एक ही किस्म के पौधे किसी स्थान पर बड़े पैमाने पर उगाए जाते है , तो इसे फसल कहते है।

उदहारण के लिए , गेहूँ की फसल का अर्थ है की खेत में उगाए जाने वाले सभी पौधे गेहूँ के है।

भारत में फसलों को ऋतु के आधार पर हम दो वर्गों में बाँट सकते हैं – रबी और खरीफ फसल। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

खरीफ फसल :- वह फसल जिन्हे वर्षा ऋतु में बोया जाता है। , खरीफ फसल कहलाती है । भारत में वर्षा ऋतु सामान्यता : जून सा सितम्बर तक होती है। धान , मक्का , सोयाबीन , मूंगफली , कपास इत्यादि खरीफ फसल है।

रबी फसल :- शीत ऋतु ( अक्टूबर से मार्च तक ) में उगाई जाने वाली फसलें रबी फसलें कहलाती है। गेहूँ , चना , मटर , सरसो तथा असली रबी फसल के उदहारण है।

इसके आलावा , कई स्थानों पर और सब्जिया ग्रीष्म में उगाई जाती है। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

फसल उगने के किसान को अनेक क्रियाकलाप सामयिक अवधि में करने पड़ते हैं , जिन्हें हम कृषि पद्धतियाँ कहते हैं। जो निम्नलिखित हैं –

1. मिटटी तैयार करना

2. बुआई

3. खाद एवं उवर्रक देना

4. सिंचाई

5. खरपतवार से सुरक्षा

6. कटाई

7. भंडारण

मिटटी तैयार करना

फसल उगाने से पहले मिटटी तैयार करना प्रथम चरण हैं।

इसके अंतर्गत मिटटी को समतल और पलटा तथा पोला बनाया जाता हैं। इससे जड़े भूमि में गहराई तक जा सकती हैं।

पोली मिटटी में गहराई में धँसी जड़ें भी सरलता से श्वसन कर सकती हैं।

पोली मिटटी , मिटटी में रहने वाले केंचुओं और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि करने में सहायता करती हैं। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

ऊपरी परत के कुछ सेंटीमीटर की मिटटी ही पौधों की वृद्धि में सहायक हैं , इसे उलटने – पलटने और पोला करने से पोषक पदार्थ ऊपर आ जाते हैं और पौधे इन पोषक पदार्थों का उपयोग कर सकते हैं।

मिटटी को उलटने – पलटने एवं पोला करने की प्रक्रिया जुताई कहलाती हैं।

यदि मिटटी अत्यंत सुखी हैं तो जुताई से पहले इसकी पानी द्वारा सिचाई की जाती हैं।

खेत को समतल करने के लिए पाटल का प्रयोग किया जाता हैं।

कभी – कभी जुताई से पहले खाद दी जाती हैं। इससे जुताई के समय खाद मिटटी में भली भांति मिल जाती हैं। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

कृषि – औजार

कृषि के कार्यो में प्रयुक्त होने वाले औजारों को कृषि औजार कहते हैं।

अच्छी उपज के लिए बुआई से पहले मिट्टी को भुरभुरा करना आवश्यक हैं। यह कार्य अनेक औजारों से किया जाता हैं।

हल , कुदाली एवं कल्टीवेटर इस कार्य में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख औजार हैं। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

बुआई

बुआई फसल उत्पादन का सबसे महत्वपूर्ण चरण हैं।

बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाले साफ एवं स्वस्थ बीजों का चयन किया जाता हैं।

किसान अधिक उपज देने वाले बीजों को प्राथमिकता देता हैं।

बीजों को उचित गहराई पर बोना तथा उनके बीच उचित दूरी रखना अच्छी उपज के लिए आवश्यक हैं।

सीड – ड्रिल की सहायता से बुआई की जाती हैं। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

खाद एवं उर्वरक देना

वे पदार्थ जिन्हें मिटटी में पोषक स्तर बनाए रखने के लिए मिलाया जाता हैं , उन्हें खाद एवं उर्वरक कहते हैं।

मिट्टी में पोषकों की समृद्धि और पुनः पूर्ति की आवश्यकता होती हैं, जिसे कार्बनिक खाद तथा उर्वरक के उपयोग से किया जाता है।

फसलों की नयी किस्मों के आने से रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में बहुत वृद्धि हुई है ।

खाद के उपयोग से मिटटी के गठन एवं जल अवशोषण क्षमता में भी वृद्धि होती है। इससे मिटटी में सभी पोषकों की प्रतिपूर्ति हो जाती है।

मिटटी में पोषकों के प्रतिपूर्ति का अन्य तरीका है फसल चक्रण। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

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उवर्रक खाद
उवर्रक एक मानव निर्मित लवण है।
खाद एक प्राकर्तिक पदार्थ है जो गोबर एवं पौधों के अवशेष के विघटन से प्राप्तः होता है।
उवर्रक का उत्पादन फैक्ट्रियो में होता है।
खाद खेतों में बनाई जा सकती है।
उवर्रक से मिटटी को ह्यूमस प्राप्तः नहीं होती।
खाद से मिटटी को हयूमस प्रचुर मात्रा में प्राप्तः होती है।
उवर्रक में पादप पोषक , जैसे कि नाइट्रोजन , फॉस्फोरस तथा पेट्रोलियम प्रचुरता में होता है।
खाद में पादप पोषक तुलनात्मक रूप से काम होती है।

खाद के लाभ

1. इससे मिटटी की जलधारण क्षमता में वृद्धि होती है।

2. इससे मिटटी भुरभुरी हो जाती है जिसके कारण गैस विनिमय सरलता से होता है।

3. इससे मित्र जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है।

4. इस जैविक खाद से मिटटी का गठन सुधर जाता है। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

सिंचाई

उचित समय एवं अंतराल पर फसल को जल देना ‘ सिंचाई ‘ कहलाता हैं।

पौधे के वृद्धि एवं परिवर्धन के लिए जल का वशेष महत्व हैं

पौधे की जड़ों द्वारा जल का अवशोषण होता हैं जिसके साथ खनिजों और उर्वरकों का भी अवशोषण होता हैं।

पौधों में लगभग 90 % जल होता हैं।

जल आवश्यक हैं क्योंकि बीजों का अंकुरण शुष्क स्थिति में नहीं हो सकता।

जल में घुले हुए पोषक का स्थानांतरण पौधों के प्रत्येक भाग में होता हैं। यह फसल की पाले एवं गर्म हवा से रक्षा करता हैं। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

सिंचाई के पारम्परिक तरीके

1. मोट ( घिरनी )

2. चेन पम्प

3. ढेकली

4. रहट ( उत्तोलक तंत्र )

सिचाई की आधुनिक विधियाँ

1. छिड़काव तंत्र -इस विधि में पाइपों के ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोजल लगे होते हैं। इससे पौधों पर पानी की छिड़काव वर्षा की तरह होता हैं।

2. ड्रिप तंत्र – इस विधि में जल बूँद -बूँद करके सीधे पौधों की जड़ो में गिरता है। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

खरपतवार से सुरक्षा

खेत में कई अन्य अवांछित पौधे प्राकृतिक रूप से फसल के साथ उग जाते है। इन अवांछित पौधों को खरपतवार कहते है।

खरपतवार हटाने को निराई कहते है।

निराई आवश्यक हैं क्योंकि खरपतवार जल , पोषक , जगह और प्रकाश की स्पर्धा कर फसल की वृद्धि पर प्रभाव डालते हैं।

रसायनो के उपयोग से भी खरपतवार नियंत्रण किया जाता है , जिन्हे खरपतवारनाशी कहते है , जैसे , 2 ,4 -D।

खेतों में इनका छिड़काव किया जाता है जिससे खरपतवार पौधे मर जाते है परन्तु फसल को कोई हानि नहीं होती।

खरपतवारनाशी को जल में आवश्यक्तानुसार मिलकर स्प्रेयर (फुएरा) की सहायता से खेत में छिड़काव करते है | फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

कटाई

कटाई का अर्थ हैं पकी हुई फसल को हाथों या मशीन से काटना।

दानों को भूसे से अलग करना थ्रेशिंग कहलाता हैं। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

भंडारण

उत्पाद का भंडारण एक महत्वपूर्ण कार्य हैं।

भंडारण से पहले दानों ( बीजों ) को धूप में सुखना आवश्यक है क्योंकि ताजा फसल में नमी की मात्रा अधिक होती हैं।

यदि फसल के दानो को सुखाए बीना भंडारित किया गया तो वे खराब हो जाते हैं।

किसान अपनी फसल उत्पाद का भंडारण जूट के बोरों, धातु के बड़े पात्र में करते हैं।

बीजों का बड़े पैमाने पर भण्डारण साईलो और भण्डार ग्रहो में किया जाता है |

नीम की सूखी पत्तियाँ घरों में अनाज के भंडारण में उपयोग की जाती हैं।

बड़े भंडार गृहों में अनाज को पीड़कों एवं सूक्षमजीवों से सुरक्षित रखने के लिए रसायनिक उपचार भी किया जाता है। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

जन्तुओ से भोजन

पशुओं को पालकर भी खाद्य पदार्थ प्राप्त किया जाता हैं। इसे पशुपालन कहते हैं।

मछली स्वास्थ्य के लिए अच्छा आहार हैं।

हमें मछली से कॉड लीवर तेल मिलता हैं जिसमे विटामिन – D अधिक मात्रा में पाया जाता हैं। फसल उत्पादन एवं प्रबंध कक्षा 8 नोट्स

MCQ

प्रश्न 1. जब एक ही किस्म के पौधे किसी स्थान पर बड़े पैमाने पर उगाए जाते है , तो इसे कहते है –

उत्तर- फसल

प्रश्न 2. भारत में फसलों को ऋतु के आधार पर हम दो वर्गों में बाँट सकते हैं , वे हैं –

उत्तर- रबी और खरीफ फसल

प्रश्न 3. वह फसल जिन्हे वर्षा ऋतु में बोया जाता है , कहलाती है –

उत्तर- खरीफ फसल

प्रश्न 4. धान , मक्का , सोयाबीन , मूंगफली , कपास फसल है –

उत्तर- खरीफ की

प्रश्न 5. शीत ऋतु ( अक्टूबर से मार्च तक ) में उगाई जाने वाली फसलें कहलाती है –

उत्तर- रबी फसलें

प्रश्न 6. गेहूँ , चना , मटर , सरसो तथा असली उदहारण है –

उत्तर- रबी फसल के

प्रश्न 7. फसल उगने के किसान को अनेक क्रियाकलाप सामयिक अवधि में करने पड़ते हैं , जिन्हें हम कहते हैं –

उत्तर- कृषि पद्धतियाँ

प्रश्न 8. फसल उगाने से पहले प्रथम चरण हैं –

उत्तर- मिटटी तैयार करना

प्रश्न 9. मिटटी को उलटने – पलटने एवं पोला करने की प्रक्रिया कहलाती हैं –

उत्तर- जुताई

प्रश्न 10. पोली मिटटी , मिटटी में रहने वाले केंचुओं और सूक्ष्मजीवों की सहायता करती हैं –

उत्तर- वृद्धि करने में

प्रश्न 11. कृषि के कार्यो में प्रयुक्त होने वाले औजारों को कहते हैं –

उत्तर- कृषि औजार

प्रश्न 12. बीजों को उचित गहराई पर बोना तथा उनके बीच उचित दूरी रखना आवश्यक हैं –

उत्तर- अच्छी उपज के लिए

प्रश्न 13. सीड – ड्रिल की सहायता से की जाती हैं –

उत्तर- बुआई

प्रश्न 14. वे पदार्थ जिन्हें मिटटी में पोषक स्तर बनाए रखने के लिए मिलाया जाता हैं , उन्हें कहते हैं –

उत्तर- खाद एवं उर्वरक

प्रश्न 15. मिटटी में पोषकों के प्रतिपूर्ति का अन्य तरीका है –

उत्तर- फसल चक्रण

प्रश्न 16. उचित समय एवं अंतराल पर फसल को जल देना कहलाता हैं –

उत्तर- सिंचाई

प्रश्न 17. पौधों में जल होता हैं –

उत्तर- लगभग 90 %

प्रश्न 18. बीजों के अंकुरण के जल आवश्यक हैं क्योंकि बीजों का अंकुरण नहीं हो सकता –

उत्तर- शुष्क स्थिति में

प्रश्न 19. खेत में कई अन्य अवांछित पौधे प्राकृतिक रूप से फसल के साथ उग जाते है। इन अवांछित पौधों को कहते है –

उत्तर- खरपतवार

प्रश्न 20. खरपतवार हटाने को कहते है –

उत्तर- निराई

प्रश्न 21. पकी हुई फसल को हाथों या मशीन से काटना कहलाता हैं –

उत्तर- कटाई

प्रश्न 22. दानों को भूसे से अलग करना कहलाता हैं –

उत्तर- थ्रेशिंग

प्रश्न 23. बीजों का बड़े पैमाने पर भण्डारण किया जाता है –

उत्तर- साईलो और भण्डार ग्रहो में

प्रश्न 24. पशुओं को पालकर भी खाद्य पदार्थ प्राप्त किया जाता हैं। इसे कहते हैं –

उत्तर- पशुपालन

प्रश्न 25. हमें मछली से कॉड लीवर तेल मिलता हैं जिसमे अधिक मात्रा में पाया जाता हैं –

उत्तर- विटामिन – D