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संक्षारण

संक्षारण – आपने देखा होगा कि लोहे की कील , पेंच , पाइप और रेलिंग यदि कुछ समय तक वायु में खुले पड़े रहे तो उन्हें जंग लग जाता है। धातु की सतह पर जंग की परत ढीली जमी होती है , अतः यह वस्तु से आसानी से अलग हो जाती है।

धातु की सतह पर उसका यौगिक बनकर धातु की एक – एक परत के रूप में उतरने से धातु का नष्ट होना संक्षारण कहलाता है। लोहे के संक्षारण को जंग लगना कहते हैं। धातुओं की संक्षारण द्वारा हानि से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत हानि पहुंचती है।

लोहा एक विस्तृत रूप से प्रयुक्त धातु है। जब यह नाम वायु में पड़ा रहता है तो इसके संक्षारण की गति तीव्र हो जाती है। अतः यह आवश्यक है कि हम संक्षारण के कारणों को समझें और उसकी रोकथाम का प्रयत्न करें।

संक्षारण से बचने के उपाय

पेंट करना – संक्षारण रोकने का सबसे प्रचलित उपाय है धातु की सतह को पेंट से ढक देना। इसलिए , हमें स्टील फर्नीचर , लोहे के पुलों , रेलगाड़ियों के डिब्बों , बसों के ढांचों और ट्रैकों की सतहों पर पेट दिखाई देता है। हमारे घरों में भी लोहे और स्टील से बनी कई वस्तुओं पर पेंट किया जाता है ताकि वे जंग से सुरक्षित रहे।

ग्रीस लगाना – तेल या ग्रीस की परत धातु का वायु और नमी से संपर्क समाप्त कर उसके संरक्षण को रोकती है। आपने देखा होगा कि नए औजारों , कैंचियों और चाकुओं पर ग्रीस लगाकर रखा जाता है ताकि उन पर जंग ना लगे। जंग से बचने के लिए साइकिल की चेन को ग्रीस लगना आम बात है।

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यशदलेपन – लोहे को जंग से बचाने की एक अन्य प्रचलित विधि यशदलेपन है। इसमें धातु ( लोहे ) की वस्तु को साफ करके उसे द्रवित जिंक में डुबाया जाता है। वस्तु को बाहर निकलने पर किसकी सतह पर जिंक की एक परत चढ़ जाती है। इस प्रक्रम को यशदलेपन कहते हैं। घरों की छतें बनाने के लिए प्रयुक्त लोहे की चादरों , बाल्टियों और ड्रमों को संक्षारण से बचने के लिए उन पर यशदलेपन किया जाता है।

विद्युतलेपन – विद्युतलेपन द्वारा लोहे और स्टील पर टिन या क्रोमियम धातुओं की परत चढ़ाकर इनको संरक्षाण से सुरक्षित किया जाता है क्योंकि यह स्वयं संक्षारित नहीं होती। लोहे के पात्रों के अंदर की सतहों पर टिन की एक पतली परत चढ़ाई जाती है ताकि उनमे रखे खाद्य पदार्थ सुरक्षित रहें। क्रोमियम के लेपन से स्टील के फर्नीचर और साइकिलों के हत्थों को संक्षारण से सुरक्षित किया जाता है। क्रोमियम की परत वस्तुओं को न केवल ज्यादा टिकाऊ बनती है बल्कि उनको चमकदार भी बनती है।

मिश्रातु बनाना – कुछ धातुओं को जब अन्य धातुओं के साथ मिलाया जाता है तो वह संक्षारण के प्रतिरोधी हो जाती है। उदाहरण के लिए , लोहे को जब क्रोमियम और निकेल के साथ मिश्रित किया जाता है तो स्टेनलेस स्टील बनता है। यह संक्षारण के प्रतिरोधी होता है और इस पर बिल्कुल जंग नहीं लगता। 

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