ITR kya hota hai
ITR kya hota hai – हर साल जब जुलाई का महीना आता है, तो एक शब्द हर तरफ सुनाई देता है – “ITR भरना है”, “Return file कर दी?”
लेकिन बहुत से लोग आज भी कन्फ्यूज़ हैं कि आखिर ये ITR kya hota hai?
Aaiye, इस ब्लॉग में हम ITR se जुड़े हर ek सवाल का जवाब देंगे – वो भी आसान हिंदी में।
ITR kya hota hai ?
ITR यानी Income Tax Return एक ऐसा फॉर्म होता है, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति या संस्था भारत सरकार के इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) को अपनी सालाना आय (income) और उस पर देय टैक्स (tax liability) की जानकारी देता है।
यह फॉर्म एक वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के दौरान हुई कमाई, कटे हुए टैक्स (जैसे TDS), और निवेश आदि का पूरा ब्यौरा देता है। यह जानकारी टैक्स विभाग को इसीलिए दी जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपने अपनी इनकम पर सही टैक्स चुकाया है या नहीं।
आईटीआर फाइल करना हर टैक्सपेयर की एक कानूनी ज़िम्मेदारी होती है, और इसके लिए सरकार द्वारा हर साल एक निर्धारित अंतिम तिथि (due date) तय की जाती है। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में सरकार इस तिथि को आगे बढ़ा सकती है।
वर्तमान में IT Department ने 7 प्रकार के ITR फॉर्म जारी किए हैं – ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6 और ITR-7।
इनमें से कौन-सा फॉर्म आपको भरना है, यह आपकी आय के स्रोत (source of income), आय की मात्रा, और टैक्सपेयर की श्रेणी (जैसे व्यक्ति, कंपनी, HUF आदि) पर निर्भर करता है। ITR kya hota hai
ITR Forms के प्रकार
भारत सरकार का इनकम टैक्स विभाग हर टैक्सपेयर की कमाई और प्रोफाइल के हिसाब से अलग-अलग ITR फॉर्म्स जारी करता है। अभी कुल 7 प्रकार के ITR Forms हैं — ITR-1 से ITR-7 तक।
ITR-1 Form
यह फॉर्म केवल निवासी व्यक्तियों (Resident Individuals) के लिए लागू है। NRI (अनिवासी भारतीय), HUF (हिंदू अविभाजित परिवार), या कोई अन्य संस्था इस फॉर्म के अंतर्गत नहीं आते।
इस फॉर्म को वही व्यक्ति भर सकते हैं :-
जिनकी आय केवल सैलरी, पेंशन,
एक घर की प्रॉपर्टी से किराया या स्व-स्वामित्व,
और ब्याज (Interest Income) से हो।
और,
जिनकी कुल सालाना आय 50 लाख तक हो। ITR kya hota hai
ITR-2 Form
ITR-2 उन व्यक्तियों और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए होता है, जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से नहीं है, लेकिन उन्हें पूंजीगत लाभ हुआ हो उनकी विदेशी आय या विदेश में संपत्ति हो, उनकी कुल आय 50 लाख से अधिक हो, वे किसी गैर-सूचीबद्ध कंपनी के शेयरधारक हों या किसी कंपनी में निदेशक हों।
ITR-3 Form
उन व्यक्तियों (Individuals) और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के लिए है , जिन्हें उनकी आय व्यवसाय (Business) या पेशे (Profession) से होती है।
इस फॉर्म को वे लोग भर सकते हैं :-
जो किसी व्यवसाय (Business) के मालिक हैं ।
या किसी पेशेवर सेवा (Profession) से जुड़े हैं जैसे: डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, CA, कंसल्टेंट आदि ।
पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर हों (लेकिन फर्म के लिए ITR-5 भरना होता है ) ।
जिनकी आय के साथ-साथ पूंजीगत लाभ, सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, ब्याज या डिविडेंड आदि भी हो सकते हैं। ITR kya hota hai
ITR-4 Form
ITR-4 एक ऐसा इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म है जो उन निवासी व्यक्तियों (Resident Individuals), HUFs (हिंदू अविभाजित परिवार) और साझेदारी फर्मों (Partnership Firms) (सिवाय LLP के) के लिए होता है, जिन्हें अपनी आय अनुमानित आय योजना (Presumptive Income Scheme) के तहत दिखानी होती है।
ITR-4 कौन भर सकता है?
यह फॉर्म उन लोगों के लिए है:
जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है
और उन्हें आय प्राप्त हुई है:
बिज़नेस से (धारा 44AD या 44AE के अंतर्गत Presumptive Scheme के तहत)
पेशे से (जैसे डॉक्टर, वकील, फ्रीलांसर आदि – धारा 44ADA के तहत)
सैलरी या पेंशन से
एक घर की संपत्ति से
ब्याज, डिविडेंड या अन्य स्रोतों से आय
व्यक्तिगत फ्रीलांसरों के लिए
अगर आप एक फ्रीलांसर हैं और आपकी प्रोफेशनल इनकम ₹50 लाख से कम है,
तो आप भी धारा 44ADA के तहत Presumptive Scheme चुनकर ITR-4 फाइल कर सकते हैं।
Presumptive Scheme क्या होती है?
सरकार ने छोटे व्यापारियों और पेशेवरों को राहत देने के लिए Presumptive Income Scheme शुरू की है,
जिसमें टैक्स कैलकुलेशन आसान होता है और Books of Accounts में छूट मिलती है। ITR kya hota hai
ITR-5 Form
ITR-5 इनकम टैक्स रिटर्न का वह फॉर्म है जो कुछ विशेष प्रकार की संस्थाओं (Entities) के लिए होता है।
यह फॉर्म व्यक्तिगत लोगों (Individuals), HUF और कंपनियों के लिए नहीं है।
ITR-5 किसके लिए है?
यह फॉर्म निम्नलिखित के लिए होता है:
Partnership Firms (including LLPs)
Association of Persons (AOP)
Body of Individuals (BOI)
Artificial Juridical Person (AJP)
Estate of Deceased या Estate of Insolvent
Business Trusts
Investment Funds
Local Authority
और अन्य juridical entities जिन्हें कंपनियों के रूप में क्लासिफाई नहीं किया गया है
आय के स्रोत क्या हो सकते हैं?
ITR-5 में ये सभी प्रकार की आय दिखाई जा सकती है:
व्यवसाय या पेशे से आय
पूंजीगत लाभ (Capital Gains)
किराया
ब्याज, डिविडेंड, अन्य स्रोत
निवेश से आय
फाइलिंग मोड
ITR-5 केवल ऑनलाइन भरा जा सकता है,
और उसे डिजिटल सिग्नेचर (DSC) या ई-Verification के ज़रिए वैलिडेट करना होता है। ITR kya hota hai
ITR-6 Form
ITR-6 फॉर्म केवल कंपनियों (Companies) के लिए होता है
जो भारत में पंजीकृत हैं और जिनपर धारा 11 के तहत टैक्स छूट (exemption) लागू नहीं होती।
ITR-6 कौन भर सकता है?
भारत में रजिस्टर्ड कंपनियाँ
जिन्हें धारा 11 के तहत धर्मार्थ या धार्मिक उद्देश्य से आय पर छूट नहीं मिलती
उदाहरण:
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
पब्लिक लिमिटेड कंपनी
विदेशी कंपनियों की ब्रांच जो भारत में ऑपरेट कर रही हैं
ITR-6 किनके लिए नहीं है?
वे कंपनियाँ जो धारा 11 के तहत धार्मिक या चैरिटेबल उद्देश्य से काम करती हैं
(जैसे कुछ NGO या चैरिटेबल ट्रस्ट जो कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड हों)
फाइलिंग मोड:
ITR-6 केवल ऑनलाइन ही फाइल किया जा सकता है, और उसे डिजिटल सिग्नेचर (DSC) से साइन करना होता है। ITR kya hota hai
ITR-7 Form
ITR-7 फॉर्म उन संस्थाओं के लिए होता है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139(4A), 139(4B), 139(4C), 139(4D), 139(4E), या 139(4F) के अंतर्गत इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है।
ITR-7 कौन भर सकता है?
यह फॉर्म निम्नलिखित के लिए होता है:
धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट
राजनीतिक दल
वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान
विश्वविद्यालय और कॉलेज
फंड्स और संस्थाएँ जो सरकार से मान्यता प्राप्त हैं और टैक्स छूट का लाभ लेती हैं
कंपनियाँ, अगर वे ऊपर दी गई धाराओं के अंतर्गत आती हैं (जैसे चैरिटेबल कंपनी)
ITR-7 किनके लिए नहीं है?
वे कंपनियाँ या संस्थाएं जो केवल व्यापार/प्रॉफिट के उद्देश्य से चल रही हों
आम व्यक्ति (Individual), HUF, फर्म आदि
संक्षेप में :- अगर आपकी संस्था को सरकार ने धार्मिक, शैक्षणिक, सामाजिक, वैज्ञानिक या राजनीतिक उद्देश्य के लिए मान्यता दी है और आप धारा 139(4A) से 139(4F) के तहत आते हैं — तो आपको ITR-7 भरना होगा। ITR kya hota hai
ITR फाइल करना किसे जरूरी है?
भारत में आयकर रिटर्न दाखिल करना उस व्यक्ति के लिए अनिवार्य है जो निम्नलिखित में से किसी भी शर्त को पूरा करता हो :-
कुल आय कर-मुक्त सीमा से अधिक हो :- यदि आपकी सालाना आय (Gross Total Income) कर-मुक्त सीमा से अधिक है – तो आपको ITR फाइल करना होगा
रिफंड का दावा करना चाहते हैं :- अगर आपने कहीं टैक्स (TDS/TCS) कटवाया है और वह आपकी वास्तविक देनदारी से ज्यादा है, तो रिफंड पाने के लिए ITR फाइल करना जरूरी है।
विदेशी आय या संपत्ति है :- यदि आपके पास विदेश में कोई बैंक खाता, संपत्ति, शेयर, या आय का स्रोत है — तो आपको ITR फाइल करना होगा।
आप एक कंपनी या फर्म हैं :- चाहे लाभ हो या नहीं, सभी कंपनियों और फर्मों के लिए ITR फाइल करना अनिवार्य है।
घाटा (loss) दिखाना चाहते हैं :- अगर आप घाटा दिखाना चाहते हैं (जैसे व्यवसाय में, शेयर बाजार में), और उसे आगे ले जाना चाहते हैं (carry forward), तो ITR फाइल करना जरूरी है।
बड़े वित्तीय लेन-देन किए हैं : –
नीचे दिए गए में से कोई एक भी ट्रांजैक्शन किया हो, तो ITR अनिवार्य हो जाता है :-
किसी करंट अकाउंट में 1 करोड़ या उससे अधिक जमा
किसी बचत खाते में 50 लाख या उससे अधिक जमा
विदेश यात्रा पर 2 लाख या उससे ज्यादा खर्च
बिजली बिल 1 लाख या उससे अधिक सालाना
TDS या TCS कटा है :- अगर आपके PAN पर किसी भी स्रोत से टैक्स कटा है, तो उसे दिखाने और रिफंड पाने के लिए ITR फाइल करें।
आपका पेशा या व्यवसाय है :- अगर आप फ्रीलांसर, दुकानदार, प्रोफेशनल, या कोई भी बिजनेस करते हैं, और आपकी आय टैक्स लिमिट को पार करती है — तो ITR भरना अनिवार्य है। ITR kya hota hai
आपको ITR क्यों दाखिल करना चाहिए ?
चाहे आपकी आय पर टैक्स बनता हो या नहीं — इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना कई मामलों में फायदेमंद और जरूरी होता है।
नीचे दिए गए कारण बताते हैं कि हर टैक्सपेयर को ITR क्यों भरना चाहिए:
1. कानूनी ज़िम्मेदारी :- यदि आपकी कुल सालाना आय छूट सीमा से अधिक है , तो ITR दाखिल करना आपकी लीगल ड्यूटी बन जाती है। इसे न भरना कानूनन गलत हो सकता है।
2. Tax Refund पाने के लिए :- अक्सर नौकरी या बैंक में TDS कट जाता है, भले ही आपकी इनकम टैक्स योग्य न हो। ITR भरने से आप उस ज़रूरत से ज़्यादा कटे हुए टैक्स का रिफंड वापस पा सकते हैं।
3. Loan लेने में सहूलियत :- चाहे आप Home Loan लें, Car Loan या Personal Loan — बैंक ITR को आपकी इनकम का भरोसेमंद प्रूफ मानते हैं। आम तौर पर 2–3 साल का ITR मांगा जाता है।
4. Visa Application के लिए ज़रूरी :- यदि आप विदेश यात्रा, पढ़ाई या काम के लिए वीज़ा अप्लाई कर रहे हैं, तो Embassy अक्सर पिछले 3 साल के ITR की मांग करती है, ताकि आपकी फाइनेंशियल स्थिति को जाँचा जा सके।
5. Income Proof का मजबूत आधार :- फ्रीलांसर, व्यापारी, और खुद का काम करने वाले लोगों के पास Salary Slip नहीं होती। ITR उनके लिए एक मान्य और सशक्त आय प्रमाण (income proof) होता है, जो किसी भी सरकारी या वित्तीय काम में काम आता है।
6. Loss को Carry Forward करने के लिए :- अगर आपके व्यापार में घाटा हुआ है या आपने शेयरों/मकान की बिक्री में नुकसान झेला है, तो आप ITR भरकर इस घाटे को आगे आने वाले वर्षों में एडजस्ट कर सकते हैं। इससे भविष्य के टैक्स को घटाया जा सकता है।
7. स्वच्छ फाइनेंशियल रिकॉर्ड के लिए :- ITR आपकी फाइनेंशियल ईमानदारी और रिकॉर्ड को मजबूत बनाता है। यह भविष्य में सरकारी योजनाओं, निवेश, या कानूनी मामलों में मदद करता है। ITR kya hota hai
ITR ऑनलाइन कैसे फाइल करें? ( How to File ITR Online )
अगर आप अपना आयकर रिटर्न (ITR) ऑनलाइन दाखिल करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
1. आयकर पोर्टल पर जाएँ
https://www.incometax.gov.in पर जाएं।
अगर पहले से अकाउंट है तो: पैन नंबर, पासवर्ड और कैप्चा डालकर लॉगिन करें।
अगर नए यूज़र हैं तो: पैन, मोबाइल नंबर, ईमेल ID जैसी बेसिक जानकारी देकर रजिस्टर करें।
2. सही ITR फॉर्म चुनें
अपनी आय के स्रोत ( जैसे सैलरी, बिज़नेस, कैपिटल गेन आदि ) और केटेगरी ( व्यक्तिगत, फर्म आदि ) के अनुसार ITR फॉर्म चुनें।
पोर्टल पर “Help Me Choose ITR Form” सुविधा भी मिलती है।
3. आवश्यक विवरण भरें
फॉर्म में निम्नलिखित जानकारी ध्यान से भरें:
व्यक्तिगत जानकारी: नाम, पैन, पता, बैंक डिटेल्स
आय विवरण: सैलरी, फ्रीलांसिंग, बिजनेस, किराया आदि
कटौतियाँ: धारा 80C, 80D, आदि के तहत
टैक्स डिटेल: TDS, Advance Tax आदि
4. फॉर्म को सत्यापित करें और सबमिट करें
सबमिट करने से पहले सभी जानकारी को ध्यान से चेक करें।
पोर्टल आपको गलती या अधूरी जानकारी के बारे में अलर्ट करेगा।
सबकुछ सही हो, तो फॉर्म को Submit कर दें।
5. ई-वेरिफिकेशन करें
ITR फाइल करने के बाद आपको उसे Verify (सत्यापित) करना जरूरी है। इसके विकल्प हैं:
Aadhaar OTP के ज़रिए
Net Banking के ज़रिए
EVC कोड (ई-मेल/मोबाइल से)
या फिर आप ITR-V acknowledgment फॉर्म को डाउनलोड करके, साइन करके बेंगलुरु स्थित CPC ऑफिस भेज सकते हैं (30 दिन के अंदर)। यह तभी करें जब ई-वेरिफिकेशन न कर पाएं।
ई-वेरिफिकेशन नहीं करेंगे तो रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा। ITR kya hota hai
ITR भरने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़

- PAN कार्ड
- Aadhaar कार्ड
- Form 16 (सैलरी वालों के लिए)
- बैंक स्टेटमेंट
- निवेश के प्रमाण (LIC, PPF, ELSS)
- Rent receipt (अगर किराए पर रहते हैं)
- TDS प्रमाण पत्र
ITR भरने की आख़िरी तारीख
हर साल 31 जुलाई तक ITR भरना होता है ( अगर ऑडिट नहीं लगता )। अगर आप लेट करते हैं, तो आपको पेनल्टी लग सकती है। ITR kya hota hai
निष्कर्ष (Conclusion)
अब जब आपने ITR से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी समझ ली है — चाहे वो ITR क्या होता है, किसे फाइल करना चाहिए, कौन सा फॉर्म आपके लिए सही है, या फिर ऑनलाइन फाइल कैसे करें — तो देर किस बात की?
ITR फाइल करना न सिर्फ़ आपकी कानूनी ज़िम्मेदारी है, बल्कि ये आपकी फाइनेंशियल हेल्थ और भविष्य की ज़रूरतों के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
अगर आपने अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो आज ही कदम उठाइए। यह एक छोटा सा प्रयास है, लेकिन इसका प्रभाव बड़ा होता है — चाहे वो टैक्स रिफंड हो, लोन की ज़रूरत हो, या विदेश यात्रा की तैयारी।
सही समय पर ITR भरकर एक जिम्मेदार नागरिक बनें — और अपने आर्थिक भविष्य को मज़बूत बनाएं। ITR kya hota hai
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1: जिनकी इनकम नहीं है, क्या उन्हें ITR भरना चाहिए?
उत्तर – हां, अगर आप future में loan या visa लेने का सोच रहे हैं तो nil return भरना फायदेमंद हो सकता है।
Q2: क्या मैं खुद ITR भर सकता हूं?
उत्तर – हाँ, आप ऑनलाइन पोर्टल – https://www.incometax.gov.in/iec/foportal पर जाकर, उपयुक्त आईटीआर फ़ॉर्म फाइल करके और आगे की प्रक्रिया के लिए इसकी पुष्टि करके अपना खुद का आईटीआर सबमिट कर सकते हैं.
Q3: अगर आईटीआर फाइल नहीं किया जाता है, तो क्या कोई जुर्माना लगाया जाता है?
उत्तर – हाँ, अगर आईटीआर फाइल नहीं किया जाता है, तो इनकम टैक्स रिटर्न की देय तारीख से पहले आपको जुर्माना देना होगा.
Q4:क्या वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए आईटीआर फ़ाइल करना आवश्यक है?
उत्तर – हाँ, वेतनभोगी कर्मचारियों को इनकम टैक्स रिटर्न फ़ॉर्म अनिवार्य रूप से फाइल करना होगा
Q5:क्या समय सीमा के बाद टैक्स रिटर्न फाइल करना संभव है?
उत्तर – हाँ
Q6:इनकम टैक्स रिटर्न नोटिस क्या होता है?
उत्तर – अगर आपने आईटीआर फाइल नहीं किया है, आईटीआर में घोषित राशि में कोई अंतर है, या विभाग किसी खास दस्तावेज़ को वेरिफ़ाई करना चाहता है, तो आपको आईटी विभाग से इनकम टैक्स रिटर्न नोटिस मिलेगा
Q7: Income Tax Return क्या होता है?
उत्तर – Income Tax Return एक दस्तावेज़ है जो बताता है कि आपने एक फाइनेंशियल ईयर (जैसे 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक) में कितनी कमाई की, कहां-कहां से की, और कितना टैक्स दिया या देना बाकी है।
Q8:ITR File क्या होता है?
उत्तर – जब आप अपनी आय और टैक्स से जुड़ी जानकारी सरकार को ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से भेजते हैं, तो इसे “ITR File करना” कहते हैं।
Q9:IT Return File क्या होता है?
उत्तर – IT Return यानी Income Tax Return। इसे file करना मतलब – आप सरकार को अपनी कमाई और टैक्स की डिटेल दे रहे हैं, ताकि वो जांच सके कि आपने सही टैक्स दिया है या नहीं।
Q10: ITR Filing क्या होता है?
उत्तर – ITR filing एक पूरा प्रोसेस होता है जिसमें:
आप अपनी आमदनी और निवेश की जानकारी इकट्ठा करते हैं
सही ITR फॉर्म चुनते हैं
उस फॉर्म को income tax की वेबसाइट पर भरकर सबमिट करते हैं
फिर उसे verify करते हैं
Q11: ITR File का Password क्या होता है?
उत्तर – जब आप ITR फाइल करके उसका PDF डाउनलोड करते हैं, तो वो फाइल password-protected होती है।
Password = PAN नंबर के पहले चार अक्षर + Date of Birth (DDMMYYYY)
👉 Example: PAN – ABCPD1234E, DOB – 15-08-1990
Password होगा: ABCP15081990