शीघ्र पतन
शीघ्र पतन (Premature Ejaculation) – शीघ्र पतन से पीड़ित रोगी के मैथुन क्रिया आरंभ करने पर लिंग के योनि में प्रवेश करने अथवा योनि के बाहर ही वीर्य निकल जाता है।
पुरुषों के यौन संबंधी रोगों में शीघ्र पतन (Premature Ejaculation) सर्व प्रमुख रोग है।
विद्वानों के एक अनुमान के अनुसार भारत के आधे से अधिक पुरुष इस रोग से पीड़ित है।
सम्भोग कला की समय अवधि कितनी होनी चाहिए कितनी देर बाद वीर्य स्खलन होना चाहिए या कितनी जल्द वीर्य स्खलन होने से ‘ शीघ्र पतन ‘ (Premature Ejaculation) माना जाता है। इसका कोई सर्वमान्य मापदंड नहीं है। इसे समय में नहीं नापा जा सकता है।
एक स्वस्थ / सामान्य स्त्री को चरमयौनोत्कर्ष पर पहुंचाने के लिए कम से कम 60 से 100 प्रहार / घर्षण करना अत्यंत आवश्यक है।
अतः यदि कोई व्यक्ति 60 प्रहार ( धक्के ) नहीं लगता है और उससे पूर्व ही स्खलित हो जाता है तो उसे शीघ्र पतन (Premature Ejaculation) का रोगी माना जाता है।
कुछ वैज्ञानिकों के मत अनुसार एक संपूर्ण स्वस्थ / सामान्य पुरुष के लिए निरंतर संघर्षण में बने रहने की अवस्था में संभोग क्रिया में वीर्य की रुकावट का समय 2 से 5 मिनट है।
शीघ्र पतन के प्रमुख कारण
1. आत्मविश्वास की कमी।
2. अधिक दिनों के बाद संभोग करना।
3. अत्याधिक हस्त मैथुन तथा स्त्री समागम करना।
4. मानसिक तनाव अथवा अनुभव की कमी।
5. अधिक कामोत्तेजना का होना।
6. शारीरिक कमजोरी होना।
7. वीर्य का पतलापन।
8. पुष्टिकारक तथा पर्याप्त भोजन का न मिलाना।
9. संभोग के समय पुरुष में भय व घबराहट।
10. वीर्य की अधिकता।
11. प्रमेह , स्वप्न दोष की अधिकता।
शीघ्र पतन के प्रमुख लक्षण
1. संभोगकाल बहुत ही काम होता है।
2. जननेन्द्रिय को स्पर्श करते ही वीर्य का स्खलन।
3. घबराहट व परेशानी के कारण चिड़चिड़ाहट हो जाती है।
4. केवल स्त्री के आलिंगन मात्र से वीर्य का स्खलन।
5. इससे रोगी में निराशा आ जाती है।
शीघ्र पतन में उपयोगी कुछ घरेलू आयुर्वेदिक प्रयोग
1. जामुन की गुठली का चूर्ण 4 माशा की मात्रा में प्रतिदिन शाम को गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से वीर्य बढ़ता है तथा शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) रोग दूर होता है।
2. लाजबन्ती के बीज और खाण्ड समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें। इसे 6 माशा प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करने से वीर्य वृद्धि होती है तथा शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) दूर हो जाता है।
3. बहुफली का चूर्ण 5 माशा की मात्रा में 15 दिन सेवन करने से शीघ्र पतन (Premature Ejaculation) रोग दूर हो जाता है।
4. भिण्डी की जड़ को छाया में सुखाकर व पीसकर सुरक्षित रख लें। इसे 10 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करने से शीघ्र पतन (Premature Ejaculation) में लाभ होता है।
औषधि
1. विग्रो कैपसूल – 2 कैपसूल दिन में 2 बार दूध से दे।
2. एनर्जिक 31 कैपसूल – 1 कैपसूल दिन में 2 बार दूध के साथ भोजन से पूर्व 40 दिनों तक तथा 1 कैपसूल सम्भोग के 1 घंटापूर्व गर्म दूध के साथ सेवन करे।
3. ओजोमैंन कैपसूल – 2 कैपसूल गर्म दूध के साथ सोने से 2 घंटा पूर्व 60 दिन निरंतर सेवन करें।