अम्ल, क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
अम्ल, क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स : –रासायनिक गुणों के आधार पर सभी यौगिकों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है: –1. अम्ल , 2. क्षार, और 3. लवण।
सूचक (INDICATOR)
सूचक एक रंजक होता है। जो किसी अम्ल या क्षार के संपर्क में लाए जाने पर अपना रंग बदलता है।
रंग परिवर्तन के द्वारा एक सूचक हमें बताता है कि जिस पदार्थ का हम परीक्षण कर रहे हैं वह एक अम्ल है या क्षार |
श्रोत के आधार पर सूचक (Indicator) को दो भागों में बांटा जा सकता हैः-
1. प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator)
2. मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicator) अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
प्राकृतिक सूचक
(Natural Indicator)
वैसे सूचक (Indicators) जिन्हें प्राकृतिक श्रोत से प्राप्त किया जाता है , को प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) कहते हैं। जैसे: लिटमस ,हल्दी,लाल पत्ता गोभी ,प्याज ,वैनिला , इत्यादि।
मानव निर्मित सूचक
(Synthetic Indicator)
वैसे सूचक जिन्हें प्रयोगशालाओं में बनाया जाता है को मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicators) कहते हैं। जैसे: मैथिल ऑरेंज और फेनोल्फथेलिन |
अम्ल और क्षार के परीक्षण के लिए तीन सबसे आम सूचक हैं: –
लिटमस (Litmus), मैथिल ऑरेंज (Methyl Oragne)और फेनोल्फथेलिन (Phenolphthalein)। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
लिटमस
(Litmus)
लिटमस का उपयोग लिटमस के घोल के रूप में या लिटमस पेपर के रूप में किया जा सकता है।
यह दो प्रकार का होता है: – नीला लिटमस और लाल लिटमस।
एक अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देता है |
एक क्षार लाल लिटमस को नीला कर देता है।
लिटमस एक प्राकृतिक सूचक है।
लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है जो थैलोफाइटा समूह के लिचेन पौधे से निकाला जाता है।
लिटमस विलयन जब न तो अम्लीय होता है, न ही क्षारकीय तब यह बैंगनी रंग का होता है।
मैथिल ऑरेंज
(Methyl Oragne)
मैथिल ऑरेंज एक कृत्रिम सूचक हैं।
मैथिल ऑरेंज एक नारंगी (Oragne)रंग का तरल होता है।
मैथिल ऑरेंज का रंग क्षार के मिलाने से पीला हो जाता है।
मैथिल ऑरेंज का रंग अम्ल के मिलाने से लाल हो जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
फेनोल्फथेलिन
(Phenolphthalein)
फेनोल्फथेलिन एक कृत्रिम सूचक हैं।
फ़ेनॉल्फ़थैलीन एक रंगहीन घोल होता है।
फ़ेनॉल्फ़थैलीन का रंग क्षार मिलाने से गुलाबी (Pink)हो जाता है।
लकिन अम्ल मिलाने से फ़ेनॉल्फ़थैलीन रंगहीन ही रहता है।
हल्दी
(Turmeric)
हल्दी एक प्राकृतिक सूचक है।
हल्दी का रंग पीला होता है।
हल्दी के रंग पर अम्ल का कोई असर नहीं होता है अर्थात अम्ल हल्दी के रंग को नहीं बदलता है।
क्षार हल्दी के पीले रंग को लाल-भूरा रंग में बदल देता है।
लाल पत्ता गोभी
(Red Cabbage)
लाल गोभी का अर्क ( लाल गोभी के पत्तों से प्राप्त ) भी एक प्राकृतिक सूचक है।
यह लाल रंग का होता है।
लाल गोभी का अर्क अम्लीय घोल में लाल रहता है लेकिन क्षारीय घोल मिलाने पर हरा हो जाता है।
NOTE
जल में घुलनशील क्षारक, क्षार कहलाते हैं।
हाइड्रेंजेन पौधे के फूल आमतौर पर नीले होते हैं जो क्षार की उपस्थिति में गुलाबी हो जाते हैं। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
गंधीय सूचक
(OLFACTORY INDICATOR)
वे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है, गंधीय सूचक कहलाते हैं।
ये भी प्राकृतिक सूचक होते हैं।
एक गंधीय सूचक आमतौर पर इस सिद्धांत पर काम करता है कि जब इसमें कोई अम्ल या क्षार मिलाया जाता है, तो उसकी ‘विशेष गंध’ का पता नहीं लगाया जा सकता है।
प्याज और वेनिला अर्क गंधीय सूचक हैं।
प्याज
(Onion)
प्याज का उपयोग गंधीय सूचक के रूप में होता है।
एक अम्लीय घोल प्याज की गंध को नष्ट नहीं करता है।
जबकि एक क्षारीय घोल प्याज की गंध को नष्ट कर देता है।
वैनिला
(Vanilla)
वैनिला का उपयोग भी गंधीय सूचक के रूप में होता है।
एक अम्लीय घोल वेनिला अर्क की गंध को नष्ट नहीं करता है।
जबकि एक क्षारीय घोल वेनिला अर्क की गंध को नष्ट कर देता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
अम्ल
(ACID)
अम्ल वे रासायनिक पदार्थ हैं जिनका स्वाद खट्टा होता है।
अम्ल नीले लिटमस का रंग बदलकर लाल कर देते हैं।
पादप पदार्थों तथा जंतुओं में उपस्थित अम्ल कार्बनिक अम्ल (Organic Acids) कहलाते हैं।
कार्बनिक अम्ल (Organic Acids) प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले अम्ल हैं।
कुछ कार्बनिक अम्ल (Organic Acids) हैं: एसिटिक एसिड (या एथेनोइक एसिड), साइट्रिक एसिड, लैक्टिक एसिड, टार्टरिक एसिड, ऑक्सालिक एसिड और फॉर्मिक एसिड (या मेथेनोइक एसिड)।
कार्बनिक अम्ल (Organic Acids) कमजोर अम्ल होते हैं।
उनमें प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले एसिड वाले पदार्थों को खाना या पीना हानिकारक नहीं है।
पृथ्वी के खनिजों से बनने वाले अम्लों को खनिज अम्ल (Mineral Acid) कहते हैं।
खनिज अम्ल (Mineral Acid) मानव निर्मित अम्ल हैं।
तीन सबसे आम खनिज अम्ल हैं: सल्फ्यूरिक अम्ल (Sulphuric acid ), हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (Hydrochloric acid) और नाइट्रिक अम्ल (Nitric acid) |
सांद्रित खनिज अम्ल (Concentrated mineral acids) बहुत खतरनाक होते हैं।
कार्बोनिक एसिड (carbonic acid) भी एक खनिज एसिड (mineral acids) है। लेकिन यह एक कमजोर एसिड (weak acid) है।
NOTE
कार्बनिक अम्लों (organic acids) के कुछ प्राकृतिक स्रोत हैं: –
एसिटिक अम्ल (Acetic acid) – सिरका (Vinegar)
साइट्रिक एसिड (Citric acid) – नींबू, संतरा
लैक्टिक एसिड ( Lactic acid ) – खट्टा दूध ( या दही )
टार्टरिक अम्ल (Tartaric acid) – इमली , कच्चे अंगूर
ऑक्सालिक एसिड (Oxalic acid ) – टमाटर
फॉर्मिक एसिड (Formic acid) – चींटी का डंक, बिछुआ का डंक अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
प्रबल अम्ल
(STRONG ACIDS)
एक अम्ल जो जल में पूर्णतः आयनित होकर बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करता है, प्रबल अम्ल (strong acid) कहलाता है।
उदाहरण के लिए: हाइड्रोक्लोरिक एसिड पानी में पूरी तरह से आयनित होता है, इसलिए यह एक प्रबल अम्ल (strong acid) होता है:
HCL (aq) → H+(aq) + Cl–(aq)
सल्फ्यूरिक एसिड (H2SO4) और नाइट्रिक एसिड (HNO3) भी प्रबल अम्ल हैं क्योंकि ये पानी में पूरी तरह से आयनित होकर बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन आयनों का उत्पादन करते हैं।
शब्द ‘प्रबल’ यहां ‘आयनीकरण की डिग्री’ को संदर्भित करता है न कि एसिड की ‘सान्द्रता’ को।
हाइड्रोजन आयनों की बड़ी मात्रा के कारण, प्रबल अम्ल अन्य पदार्थों ( जैसे धातु, धातु कार्बोनेट और धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट, आदि ) के साथ बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करता है।
हाइड्रोजन आयनों की उच्च सांद्रता (Concentration) के कारण प्रबल अम्ल में उच्च विद्युत चालकता भी होती है।
सभी प्रबल अम्ल प्रबल विद्युत अपघट्य (electrolytes) हैं।
प्रबल अम्ल पीने के लिए बहुत खतरनाक होते हैं।
प्रबल अम्ल का तनु (Dilute)घोल भी पीने के लिए बेहद हानिकारक होता है।
दुर्बल अम्ल
(WEAK ACIDS)
वह अम्ल जो जल में आंशिक रूप से आयनित होकर अल्प मात्रा में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करता है, दुर्बल अम्ल (weak acid) कहलाता है।
उदाहरण के लिए:- एसिटिक अम्ल, कार्बोनिक अम्ल (H2CO3) और सल्फ्यूरस अम्ल (H2SO3) दुर्बल अम्ल (weak acid) हैं।
उनके विलयन में मौजूद हाइड्रोजन आयनों की कम मात्रा के कारण, दुर्बल अम्ल (weak acid) अन्य पदार्थों (जैसे धातु, धातु कार्बोनेट और धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट, आदि) के साथ काफी धीमी गति से प्रतिक्रिया करते हैं।
कमजोर अम्लों की विद्युत चालकता कम होती है क्योंकि उनमें हाइड्रोजन आयन की सांद्रता कम होती है।
सभी दुर्बल अम्ल दुर्बल विद्युत अपघट्य (weak electrolytes) हैं।
कार्बनिक अम्ल कमजोर अम्ल हैं।
दुर्बल अम्लों के तनु विलयन पीने के लिए काफी सुरक्षित होते हैं।
सांद्रित अम्ल
(CONCENTRATED ACID)
एक सांद्र अम्ल वह होता है जिसमें पानी की न्यूनतम संभव मात्रा होती है।
तनु अम्ल
(DILUTE ACID)
तनु अम्ल वह होता है जिसमें जल की मात्रा अधिक होती है।
सांद्र अम्ल को जल में मिलाने पर तनु अम्ल प्राप्त होता है।
सांद्र अम्ल को जल में मिलाने की प्रक्रिया अत्यधिक ऊष्माक्षेपी होती है।
सांद्र अम्ल का तनुकरण हमेशा सांद्र अम्ल को पानी में धीरे-धीरे हिलाते हुए मिलाना चाहिए न कि सांद्र अम्ल में पानी मिला कर। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
अम्ल के गुण
अम्ल का स्वाद खट्टा होता है।
अम्ल नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
अम्ल धातुओं के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाता है।
धातु + अम्ल → लवण + हाइड्रोजन गैस
उदाहरण के लिए :- जिंक(zinc) + सल्फ्यूरिक अम्ल (Sulphuric acid) → जिंक सल्फेट(Zinc sulphate) + हाइड्रोजन(Hydrogen)
Zn(s) + H2SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H2(g)
अम्ल, धातु कार्बोनेट और धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न करते हैं।
धातु कार्बोनेट + अम्ल → लवण + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
उदाहरण के लिए :- सोडियम कार्बोनेट(Sodium carbonate) + हाइड्रोक्लोरिक एसिड ( Hydrochloric acid) → सोडियम क्लोराइड(Sodium chloride) + कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) + जल(Water)
Na2CO3(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + CO2(g) + H2O(l)
धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट + अम्ल → लवण + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
उदाहरण के लिए :-सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट(Sodium hydrogen-carbonate) + हाइड्रोक्लोरिक एसिड ( Hydrochloric acid) → सोडियम क्लोराइड(Sodium chloride) + कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) + जल(Water)
NaHCO3(s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + CO2(g) + H2O(l)
अम्ल, क्षार के साथ क्रिया करके लवण और जल बनाते हैं।
अम्ल + क्षार → लवण + जल
उदाहरण के लिए :- सोडियम हाइड्रॉक्साइड(Sodium hydroxide) + हाइड्रोक्लोरिक एसिड ( Hydrochloric acid) → सोडियम क्लोराइड(Sodium chloride) + जल(Water)
NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H2O(l)
अम्ल, धातु के आक्साइड के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं।
धातु ऑक्साइड + अम्ल → लवण + जल
उदाहरण के लिए :- कॉपर (II) ऑक्साइड(Copper(II)oxide) + हाइड्रोक्लोरिक एसिड ( Hydrochloric acid) → कॉपर (II) क्लोराइड(Copper(II)chloride) + जल(Water)
CuO(s) + 2HCl(aq) → CuCl2(aq) + H2O(water)
अम्ल में संक्षारक प्रकृति होती है।
NOTE
दही और अन्य खट्टे खाद्य पदार्थ जैसे सिरका, नींबू का रस और संतरे का रस आदि को धातु के बर्तन ( जैसे तांबे के बर्तन या पीतल के बर्तन ) में नहीं रखना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि दही और अन्य खट्टे खाद्य पदार्थों में अम्ल ( एसिड ) होता है जो धातु के बर्तनों के साथ प्रतिक्रिया करके जहरीले धातु के यौगिक बना सकता है जो भोजन की विषाक्तता का कारण बन सकता है और आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
अगर कोई ज्यादा खाने के बाद एसिडिटी की समस्या से जूझ रहा है तो हम उपाय के तौर पर बेकिंग सोडा का घोल लेने का सुझाव दे सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि बेकिंग सोडा सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट है जो पेट में अतिरिक्त हाइड्रोक्लोरिक एसिड के साथ प्रतिक्रिया करता है और इसे बेअसर करता है।
चूना पत्थर, संगमरमर और चाक एक ही रासायनिक यौगिक ‘कैल्शियम कार्बोनेट’ के विभिन्न रूप हैं।
अंडे के छिलके कैल्शियम कार्बोनेट के बने होते हैं।
अम्ल और क्षार के बीच अभिक्रिया से लवण और जल बनाने की अभिक्रिया, उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
अम्ल और धातु के आक्साइड के बीच की प्रतिक्रिया एक प्रकार की उदासीनीकरण प्रतिक्रिया है। यह धातु आक्साइड की मूल प्रकृति को दर्शाता है।
अम्ल और धातु हाइड्रॉक्साइड के बीच अभिक्रिया भी एक प्रकार की उदासीनीकरण अभिक्रिया है।
धातु के आक्साइड की तरह ही धातु हाइड्रॉक्साइड भी प्रकृति में क्षारीय होते हैं।
अम्ल, धातु हाइड्रॉक्साइड के साथ भी क्रिया करके लवण और जल बनाता है।
जल की अनुपस्थिति में अम्ल अम्लीय व्यवहार नहीं दिखाते हैं।
एसिड को कांच और मिट्टी से बने कंटेनरों में संग्रहित किया जाता है क्योंकि उन पर एसिड का प्रभाव नहीं होता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
खनिज अम्लों के उपयोग
सल्फ्यूरिक एसिड का उपयोग उर्वरकों ( जैसे अमोनियम सल्फेट ), पेंट, डाई, रसायन, प्लास्टिक, सिंथेटिक फाइबर, डिटर्जेंट, विस्फोटक और कार बैटरी के निर्माण में किया जाता है।
नाइट्रिक एसिड का उपयोग उर्वरक ( जैसे अमोनियम नाइट्रेट ), विस्फोटक, रंग और प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को वस्त्र उद्योगों में कपड़ा रंगने के लिए तथा कलाई से पूर्व लोहे की चादरों को साफ करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है| अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
क्षारक
(BASES)
क्षारक (bases) का स्वाद कड़वा होता है।
क्षारक (bases) लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
क्षारक (base) ,अम्ल को निष्क्रिय कर सकता है।
सभी धातु ऑक्साइड और धातु हाइड्रोक्साइड क्षारक हैं।
उदाहरण के लिए:- सोडियम ऑक्साइड (Na2O) और सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH), आदि।
अधिकांश क्षारक पानी में नहीं घुलते हैं लेकिन कुछ क्षारक पानी में घुल जाते हैं।
वह क्षारक (base) जो जल में विलेय होता है क्षार (alkali) कहलाता है।
कुछ सामान्य जल में घुलनशील क्षारक (bases) हैं: सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) और कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2], आदि।
घुलनशील क्षारक, अघुलनशील क्षारको की तुलना में बहुत अधिक उपयोगी होते हैं क्योंकि अधिकांश रासायनिक प्रतिक्रिया केवल जलीय घोल में होती है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
प्रबल क्षारक
(STRONG BASES)
वे क्षारक,जो जल में पूर्णतया वियोजित या आयनित होकर हाइड्रोक्साइड आयन (OH–) देते हैं, प्रबल क्षारक कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए:- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) और पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH), आदि।
दुर्बल क्षारक
(WEAK BASES)
वे क्षारक,जो जल में पूर्णतया वियोजित या आयनित नहीं होते है, दुर्बल क्षारक कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए: – अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) और कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2], आदि। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
क्षारको के गुण
क्षारको का स्वाद कड़वा होता है।
स्पर्श करने पर क्षारक साबुन जैसा लगता है।
क्षारक लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
क्षारक विलयन में विद्युत का संचालन करते हैं ( वे इलेक्ट्रोलाइट्स हैं )।
अम्लों के समान क्षारको की भी प्रवृत्ति संक्षारक होती है । यह प्रवृत्ति प्रबल अम्लों की तुलना में कम होती है |
क्षारक कुछ धातुओं के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाते हैं।
उदाहरण के लिए :-सोडियम हाइड्रोक्साइड (Sodium hydroxide) + जिंक(zinc) → सोडियम जिंकेट(Sodium zincate) + (हाइड्रोजन)Hydrogen
2NaOH(aq) + Zn(s) (Heat) → Na2ZnO2(aq) + H2(g)
क्षारक अम्ल से क्रिया करके लवण और जल बनाते हैं।
उदाहरण के लिए :- सोडियम हाइड्रोक्साइड (Sodium hydroxide) + सल्फ्यूरिक एसिड(Sulphuric acid) → सोडियम सल्फेट(Sodium sulphate) + जल (Water)
2NaOH(aq) + H2SO4(aq) → Na2SO4(aq) + 2H2O(l)
क्षारक, अधातु के आक्साइड से अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं।
उदाहरण के लिए :- कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड(Calcium hydroxide) + कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) → कैल्शियम कार्बोनेट(Calcium carbonate) + जल (Water)
Ca(OH)2(aq) + CO2(g) → CaCO3(s) + H2O(l)
NOTE
सभी धातुएं क्षार से अभिक्रिया नहीं करती।
जब एक अम्ल और एक क्षार का संयोग होता है तो वास्तविक उदासीनीकरण प्रतिक्रिया अम्ल में उपस्थित हाइड्रोजन आयनों और क्षार में उपस्थित हाइड्रॉक्साइड आयनों के संयोजन से जल बनाने के कारण होती है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
क्षारको का उपयोग
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग साबुन, कागज और ‘रेयान’ नामक सिंथेटिक फाइबर के निर्माण में किया जाता है।
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड ( जिसे बुझा हुआ चूना कहा जाता है ) का उपयोग ब्लीचिंग पाउडर के निर्माण में किया जाता है।
मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड पेट में अतिरिक्त एसिड को बेअसर करने और अपच को ठीक करने के लिए ‘एंटासिड’ के रूप में प्रयोग किया जाता है।
सोडियम कार्बोनेट का उपयोग वाशिंग सोडा के रूप में और कठोर जल को मृदु बनाने के लिए किया जाता है।
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट का उपयोग खाना पकाने में बेकिंग सोडा के रूप में, बेकिंग पाउडर बनाने के लिए, अपच को ठीक करने के लिए एंटासिड के रूप में और सोडा-एसिड अग्निशामक में किया जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
pHपैमाना
(pH SCALE)
किसी अम्ल या क्षार की प्रबलता को pH स्केल नामक संख्याओं के पैमाने पर मापा जाता है।
pH पैमाना पर 0 से 14 तक मान होता है।
1909 में सोरेनसेन ने एक पैमाना ( जिसे pH SCALE के रूप में जाना जाता है ) तैयार किया, जिस पर एसिड के घोल के साथ-साथ क्षारक विलयनों की ताकत को उनमें उपस्थित हाइड्रोजन आयन सांद्रता का उपयोग करके दर्शाया जा सकता है।
किसी विलयन का pH उसमें हाइड्रोजन आयनों की सांद्रता के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
pH शब्द में, अक्षर ‘P’ एक जर्मन शब्द ‘पोटेंज़’ के लिए है जिसका अर्थ है ‘शक्ति’ और अक्षर H हाइड्रोजन आयन सांद्रता के लिए है।
pH एक शुद्ध संख्या है, इसका कोई मात्रक नहीं होता है।
उदासीन पदार्थों का pH ठीक 7 होता है।
शुद्ध जल का pH मान 7 होता है।
एसिड ( या अम्लीय घोल ) का pH 7 से कम होता है।
एक घोल जितना अधिक अम्लीय होगा, उसका pH उतना ही कम होगा।
क्षारक का pH 7 से अधिक है।
एक क्षारक जितना अधिक क्षारीय होगा, उसका pH उतना ही अधिक होगा। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
सर्वव्यापी सूचक
(UNIVERSAL INDICATOR)
सर्वव्यापी सूचक कई अलग-अलग संकेतकों ( या रंगों ) का मिश्रण है जो अलग-अलग pH मानों पर अलग-अलग रंग देता है |
चूँकि किसी विलयन का pH हाइड्रोजन आयन की सांद्रता पर निर्भर करता है, इसलिए हम यह भी कह सकते हैं कि सार्वत्रिक संकेतक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की विभिन्न सांद्रता पर अलग-अलग रंग दिखाता है।
सामान्य संकेतक हमें एसिड या बेस की सापेक्ष ताकत नहीं बता सकते हैं।
पदार्थ कितना अम्लीय या क्षारीय है, इसका अंदाजा लगाने के लिए सार्वभौमिक संकेतक का उपयोग किया जाता है।
जब सर्वव्यापी सूचक को अम्ल-क्षार विलयन में मिलते हैं ,तो एक नया रंग उत्पन्न होता है| सूचक के द्वारा उत्पन्न नए रंग का pH चार्ट पर उपस्थित रंग से मिलान करके अम्ल-क्षार की pH तथा प्रबलता ज्ञात कर सकते हैं।
NOTE
दांतों की सड़न तब शुरू होती है जब मुंह में बनने वाले एसिड का pH 5.5 से नीचे गिर जाता है।
अधिकांश पौधे सबसे अच्छे तब विकसित होते हैं जब मिट्टी का pH 7 के करीब होता है।
यदि मिट्टी बहुत अधिक अम्लीय ( कम pH वाली ) है, तो इसे quicklime ( कैल्शियम ऑक्साइड ) या बुझा हुआ चूना ( कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड ) या चाक ( कैल्शियम कार्बोनेट ) जैसी सामग्री से उपचारित किया जाता है।
हमारा शरीर 7.0 से 7.8 की एक संकीर्ण pH सीमा के भीतर अच्छी तरह से काम करता है।
जब वर्षा जल का pH लगभग 5.6 होता है, तो उसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।
जब मधुमक्खी किसी व्यक्ति को डंक मारती है, तो वह त्वचा में एक अम्लीय तरल को इंजेक्ट करती है, जिससे अत्यधिक दर्द और जलन होती है। अगर मधुमक्खी किसी व्यक्ति को डंक मारती है, तो त्वचा के डंक वाले हिस्से पर बेकिंग सोडा के घोल जैसे हल्के बेस को रगड़ने से आराम मिलता है। इसका कारण यह है कि, एक क्षार होने के कारण, बेकिंग सोडा मधुमक्खी के डंक द्वारा डाले गए अम्लीय तरल को बेअसर कर देता है और इसके प्रभाव को रद्द कर देता है।
जब एक ततैया डंक मारती है, तो यह त्वचा में एक क्षारीय तरल इंजेक्ट करती है। इसलिए अगर ततैया किसी व्यक्ति को डंक मारती है, तो त्वचा के डंक वाले हिस्से पर सिरके जैसा हल्का एसिड रगड़ने से आराम मिलता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एक अम्लीय पदार्थ होने के कारण, सिरका ततैया के डंक द्वारा इंजेक्ट किए गए क्षारीय तरल को बेअसर कर देता है और इसके प्रभाव को रद्द कर देता है।
एक चींटी के डंक द्वारा व्यक्ति की त्वचा में मेथेनोइक एसिड को इंजेक्ट किया जाता है, जिससे जलन होती है। अम्लीय होने के कारण, त्वचा के प्रभावित क्षेत्र पर बेकिंग सोडा जैसे हल्के आधार को रगड़ कर चींटी के डंक को बेअसर किया जा सकता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
लवण (SALTS)
लवण एक धातु द्वारा अम्ल में हाइड्रोजन के प्रतिस्थापन द्वारा अम्ल से बनने वाला यौगिक है।
या
जब अम्ल, क्षारों के साथ अभिक्रिया करते हैं तो लवण बनता है।
‘लवण’ एक सामान्य नाम है और यह केवल सोडियम क्लोराइड को संदर्भित नहीं करता है।
लवण अधिकतर ठोस होते हैं।
उनके उच्च गलनांक और क्वथनांक होते हैं।
लवण आमतौर पर पानी में घुलनशील होते हैं।
लवण इलेक्ट्रोलाइट्स हैं।
लवण आयनिक यौगिक हैं।
प्रत्येक लवण में धनावेशित आयन ( धनायन ) और एक ऋणावेशित आयन ( ऋणायन ) होता है।
NOTE
एक लवण के दो अभिभावक (parents) होते हैं: एक अम्ल और एक क्षारक।
तो, लवण के नाम में दो भाग होते हैं: लवण के नाम का पहला भाग क्षारक के नाम से लिया जाता है, और लवण के नाम का दूसरा भाग अम्ल(acid) के नाम से लिया जाता है।
उदाहरण के लिए:- ‘सोडियम क्लोराइड’ नामक लवण का नाम सोडियम हाइड्रॉक्साइड क्षारक और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से आया है।
‘हाइड्रोक्लोरिक अम्ल’ के लवण को ‘क्लोराइड’ कहते हैं।
‘सल्फ्यूरिक अम्ल’ के लवण ‘सल्फेट’ कहलाते हैं।
‘नाइट्रिक अम्ल’ के लवण ‘नाइट्रेट’ कहलाते हैं।
‘कार्बोनिक एसिड’ के नमक को ‘कार्बोनेट’ कहा जाता है।
‘एसिटिक अम्ल’ के लवण को ‘एसीटेट’ कहा जाता है, इत्यादि। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
लवणों का परिवार
(FAMILY OF SALTS)
समान धनात्मक या ऋणात्मक मूलक वाले लवण समान परिवार के होते है।
उदाहरण के लिए :- Nacl तथा Na2SO4 दोनों सोडियम लवण परिवार के हैं।
समान रूप से Nacl तथा KClदोनों क्लोराइड लवण परिवार के हैं।
लवण के कुछ महत्वपूर्ण परिवार हैं: सोडियम लवण, कैल्शियम लवण, मैग्नीशियम लवण, जिंक लवण, पोटेशियम लवण, एल्युमिनियम लवण, कॉपर लवण, अमोनियम लवण, क्लोराइड लवण, सल्फेट लवण, नाइट्रेट लवण, कार्बोनेट लवण और एसीटेट लवण। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
लवणों का pH
(pH of Salts)
यद्यपि अनेक लवणों के जलीय विलयन उदासीन होते हैं (7 का pH मान), लेकिन कुछ लवण जल में घुलने पर अम्लीय या क्षारकीय विलयन ( क्षारीय विलयन ) उत्पन्न करते हैं।
लवणों के जल-अपघटन के आधार पर कुछ लवणों के विलयनों की अम्लीय प्रकृति और क्षारीय प्रकृति की व्याख्या की जा सकती है।
प्रबल अम्लों और प्रबल क्षारों का लवण उदासीन विलयन देता है ( जिसमें pH = 7) होता है।
प्रबल अम्लों और दुर्बल क्षारों का लवण अम्लीय विलयन देता है (7 से कम pH वाला )।
दुर्बल अम्लों और प्रबल क्षारों का लवण क्षारकीय विलयन ( या क्षारीय विलयन ) (7 से अधिक pH वाले ) देता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
साधारण नमक
(COMMON SALT)
साधारण नमक सफेद पाउडर होता है जिसका उपयोग भोजन बनाने में किया जाता है, खासकर सब्जियां और दालें आदि।
साधारण नमक को सिर्फ ‘नमक’ के नाम से भी जाना जाता है।
साधारण नमक ( या सोडियम क्लोराइड ) एक प्राकृतिक नमक है।
साधारण नमक का रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड (NaCl) है।
साधारण नमक ( सोडियम क्लोराइड ) समुद्र के पानी में और सेंधा नमक के रूप में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है।
साधारण नमक समुद्र के पानी से वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
आज हम जिस सेंधा नमक को धरती से खोदते हैं, वह हजारों साल पहले प्राचीन समुद्रों के वाष्पीकरण से सूख जाने पर बना था।
सोडियम हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड के संयोजन से प्रयोगशाला में सोडियम क्लोराइड बनाया जा सकता है।
NaOH (aq) + HCl (aq) → NaCl (aq) +H2O (l)
यहां बनने वाले सोडियम क्लोराइड के घोल को हम ठोस सोडियम क्लोराइड नमक प्राप्त करने के लिए वाष्पित कर सकते हैं। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
साधारण नमक के उपयोग ( या सोडियम क्लोराइड )
साधारण नमक (या सोडियम क्लोराइड) के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग नीचे दिए गए हैं: –
सामान्य नमक (सोडियम क्लोराइड) का उपयोग उद्योगों में बड़ी संख्या में उपयोगी रसायन बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है जैसे: सोडियम हाइड्रोक्साइड (कास्टिक सोडा), सोडियम कार्बोनेट (वाशिंग सोडा), सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (बेकिंग सोडा), हाइड्रोक्लोरिक एसिड, हाइड्रोजन , क्लोरीन और सोडियम धातु।
साधारण नमक ( सोडियम क्लोराइड ) का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है।
सामान्य नमक ( सोडियम क्लोराइड ) का उपयोग बर्फ को पिघलाने के लिए किया जाता है जो ठंडे देशों में सर्दियों के दौरान सड़कों पर जमा हो जाती है।
सामान्य नमक ( सोडियम क्लोराइड ) का उपयोग साबुन के निर्माण में किया जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
सोडियम हाइड्रॉक्साइड ( कास्टिक सोडा )
(SODIUM HYDROXIDE)
सोडियम हाइड्रॉक्साइड को आमतौर पर कास्टिक सोडा के रूप में जाना जाता है।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का रासायनिक सूत्र NaOH है।
सोडियम हाइड्रोक्साइड का उत्पादन
सोडियम हाइड्रॉक्साइड के उत्पादन के लिए कच्चा माल सोडियम क्लोराइड ( या सामान्य नमक ) है।
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह वियोजित होकर सोडियम हाइड्रोक्साइड उत्पन्न करता है|
सोडियम क्लोराइड के विलयन के इलेक्ट्रोलिसिस की प्रक्रिया को क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहा जाता है क्योंकि इससे बनने वाले उत्पाद: क्लोरीन के लिए क्लोर और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के लिए क्षार।
2NaCl(aq) + 2H2O(l) → 2NaOH(aq) + Cl2(g) +H2(g)
इस प्रक्रिया के दौरान, एनोड ( पॉजिटिव इलेक्ट्रोड ) पर क्लोरीन गैस का उत्पादन होता है और कैथोड ( नकारात्मक इलेक्ट्रोड ) पर हाइड्रोजन गैस का उत्पादन होता है, कैथोड के पास ही सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण भी होता है।
सभी उत्पादों को अलग-अलग संग्रहीत कर लिया जाता है । अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग साबुन और अपमार्जक बनाने में किया जाता है।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग कृत्रिम कपड़ा फाइबर बनाने के लिए किया जाता है।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग कागज के निर्माण में किया जाता है।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग धातुओं को डी-ग्रीसिंग, तेल शोधन और डाई और ब्लीच बनाने में किया जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
क्लोरीन का प्रयोग
क्लोरीन का उपयोग पीने के पानी और स्विमिंग पूल के पानी को कीटाणुरहित करने के लिए किया जाता है।
क्लोरीन का उपयोग ब्लीचिंग पाउडर के उत्पादन में किया जाता है।
क्लोरीन का उपयोग हाइड्रोक्लोरिक एसिड के उत्पादन में किया जाता है।
ड्राईक्लीनिंग के लिए सॉल्वैंट्स बनाने के लिए क्लोरीन का उपयोग किया जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
हाइड्रोजन का उपयोग
हाइड्रोजन का उपयोग हाइड्रोक्लोरिक एसिड के उत्पादन में किया जाता है।
हाइड्रोजन का उपयोग उर्वरकों के लिए अमोनिया बनाने के लिए किया जाता है।
मेथनॉल बनाने के लिए हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है।
तरल हाइड्रोजन का उपयोग रॉकेट के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उपयोग
गैल्वनीकरण से पहले लोहे की चादरों को साफ करने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उपयोग किया जाता है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उपयोग दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उपयोग कपड़ा, रंगाई उद्योगों में किया जाता है।
पीवीसी जैसे प्लास्टिक बनाने में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उपयोग किया जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
धावन सोडा
(WASHING SODA)
वाशिंग सोडा सोडियम कार्बोनेट है, जिसमें क्रिस्टलन जल के 10 अणु होते हैं।
वाशिंग सोडा सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट है।
धोने के सोडा का सूत्र Na2CO3.10H2O है।
सोडियम कार्बोनेट जिसमें क्रिस्टलीकरण का कोई पानी नहीं होता है, निर्जल सोडियम कार्बोनेट, Na2CO3 कहलाता है।
निर्जल सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) को आमतौर पर ‘सोडा ऐश’ के रूप में जाना जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
वाशिंग सोडा का उत्पादन
(Production of Washing Soda)
निम्नलिखित तीन चरणों में सोडियम क्लोराइड (या सामान्य नमक) से वाशिंग सोडा तैयार किया जाता है:
1. सोडियम क्लोराइड के ठंडे तथा सांद्र विलयन की अमोनिया तथा कार्बन डाइऑक्साइड से क्रिया द्वारा सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट बनता है |
NaCl + NH3 +H2O + CO2 → NaHCO3 + NH4Cl
2. सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट को फिल्टर करके पृथक कर सुखा लेते हैं तथा गर्म करते हैं |
गर्म करने पर NaHCO3 अपघटित होकर कार्बोनेट बनाता है |
2NaHCO3 (Heat)→ Na2CO3 + CO2 + H2O
यहाँ प्राप्त निर्जल सोडियम कार्बोनेट सोडा ऐश कहलाता है।
3. निर्जल सोडियम कार्बोनेट को जल में विलय किया जाता है तथा क्रिस्टलन जल के 10 अणु युक्त धावन सोडा क्रिस्टलो को प्राप्त करने के लिए पुनः क्रिस्टलन किया जाता है |
Na2CO3 + 10H2O → Na2CO3.10H2O अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
वाशिंग सोडा के गुण
(Properties of washing soda)
वाशिंग सोडा एक पारदर्शी क्रिस्टलीय ठोस है।
वाशिंग सोडा उन कुछ धातु कार्बोनेटों में से एक है जो पानी में घुलनशील होते हैं।
पानी में धोने के सोडा का घोल क्षारीय होता है जो लाल लिटमस को नीला कर देता है।
वाशिंग सोडा में डिटर्जेंट के गुण होते हैं। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
सोडियम कार्बोनेट (या वाशिंग सोडा) का उपयोग
सोडियम कार्बोनेट का उपयोग जल की स्थायी कठोरता को दूर करने के लिए किया जाता है।
सोडियम कार्बोनेट का उपयोग कांच, साबुन और कागज के निर्माण में किया जाता है।
सोडियम कार्बोनेट का उपयोग बोरेक्स के रूप में सोडियम यौगिकों के निर्माण में किया जाता है।
कपड़े धोने जैसे घरेलू उद्देश्यों के लिए सोडियम कार्बोनेट का उपयोग “सफाई एजेंट” के रूप में किया जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
बेकिंग सोडा
(BAKING SODA)
बेकिंग सोडा का रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है।
बेकिंग सोडा का सूत्र NaHCO3 होता है।
इसे सोडियम बाइकार्बोनेट भी कहते हैं।
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का उत्पादन (Production of Sodium Hydrogencarbonate)
अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड के साथ सोडियम क्लोराइड के एक ठंडे और सांद्रित विलयन की प्रतिक्रिया से सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट बड़े पैमाने पर निर्मित होता है:
NaCl + NH3 +H2O + CO2 → NaHCO3 +NH4Cl अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (या बेकिंग सोडा) के उपयोग
पेट की अम्लता को दूर करने के लिए सोडियम हाइड्रोजेनकार्बोनेट दवा में एंटासिड के रूप में प्रयोग किया जाता है।
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का उपयोग बेकिंग पाउडर (केक, ब्रेड आदि बनाने में उपयोग किया जाता है) बनाने में किया जाता है।
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (या बेकिंग सोडा) का उपयोग अग्निशामक यंत्रों में किया जाता है।
NOTE
वे पदार्थ जो रंगीन पदार्थों से रंग निकाल कर उन्हें रंगहीन बना देते हैं, विरंजक (bleaching agent) कहलाते हैं।
जिस पदार्थ का प्रयोग कीटाणुओं या जीवाणु को मारने के लिए किया जाता है, उसे निस्संक्रामक (disinfectant) कहते हैं। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
ब्लीचिंग पाउडर (विरंजक चूर्ण)
(BLEACHING POWDER)
ब्लीचिंग पाउडर को कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड कहते है।
ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक सूत्र CaOCl2 है।
इसे चूने का क्लोराइड भी कहते हैं।
ब्लीचिंग पाउडर तैयार करना
सूखे बुझे हुए चूने के ऊपर क्लोरीन गैस प्रवाहित करके ब्लीचिंग पाउडर तैयार किया जाता है:
Ca(OH)2 + Cl2 → CaOCl2 + H2O अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग
ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग धुले हुए कपड़ों को लॉन्ड्री में ब्लीच करने के लिए किया जाता है।
जल के शुद्धिकरण में इसका उपयोग किया जाता है|
क्लोरोफॉर्म के निर्माण के लिए ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग किया जाता है।
ऊन को सिकुड़ने से बचाने में इसका उपयोग किया जाता है |
कई रासायनिक उद्योगों में ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग ऑक्सीकरण एजेंट के रूप में किया जाता है। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
प्लास्टर ओफ़ पेरिस
(PLASTER OF PARIS)
प्लास्टर ऑफ पेरिस को कैल्शियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट ( कैल्शियम सल्फेट हाफ-हाइड्रेट ) कहते है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस का सूत्र CaSO4.1/2H2O है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आमतौर पर P.O.P के नाम से जाना जाता है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस तैयार करना
प्लास्टर ऑफ पेरिस को, एक Kalin में जिप्सम को 100 डिग्री सेल्सियस (373 k) के तापमान पर गर्म करके तैयार किया जाता है।
जब जिप्सम को 100 °C (373 k) के तापमान पर गर्म किया जाता है, तो यह क्रिस्टलीकरण के अपने तीन-चौथाई पानी को खो देता है और प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाता है:
CaSO4.2H2O → CaSO4.1/2H2O + 1 (1/2)H2O अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
प्लास्टर ऑफ पेरिस का प्रयोग
प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग खिलौने, सजावटी सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग अग्निरोधक सामग्री के रूप में किया जाता है।
रसायन प्रयोगशालाओं में प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग उन उपकरणों में हवा के अंतराल को सील करने के लिए किया जाता है जहां वायुरोधी व्यवस्था की आवश्यकता होती है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग अस्पतालों में फ्रैक्चर वाली हड्डियों को सही स्थिति में स्थापित करने के लिए किया जाता है ताकि सही उपचार सुनिश्चित किया जा सके। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
क्रिस्टलन जल : जलयोजित लवण
(WATER OF CRYSTALLISATION : HYDRATED SALTS)
लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन का जल कहते हैं।
जिस लवण में क्रिस्टलन का जल होता है उसे जलयोजित लवण कहते हैं।
उदाहरण के लिए:- कॉपर सल्फेट क्रिस्टल में एक सूत्र इकाई में क्रिस्टलन के पानी के 5 अणु होते हैं:- CuSO4.5H2O
क्रिस्टलन का जल लवण के क्रिस्टल को उनका ‘आकार’ देता है और कुछ मामलों में, उन्हें ‘रंग’ प्रदान करता है।
जब जलयोजित लवण को अधिक गरम किया जाता है, तो उनका क्रिस्टलन जल समाप्त हो जाता है।
वे लवण जिनका क्रिस्टलन जल समाप्त हो गया हो, निर्जल लवण कहलाते हैं। अम्ल क्षार तथा लवण क्लास 10 नोट्स
MCQ
प्रश्न 1. रासायनिक गुणों के आधार पर सभी यौगिकों को वर्गीकृत किया जा सकता है –
उत्तर- तीन समूहों में ( अम्ल, क्षार और लवण )
प्रश्न 2. सूचक होता है –
उत्तर- एक रंजक
प्रश्न 3. वैसे सूचक जिन्हें प्राकृतिक श्रोत से प्राप्त किया जाता है, को कहते हैं –
उत्तर- प्राकृतिक सूचक
प्रश्न 4. वैसे सूचक जिन्हें प्रयोगशालाओं में बनाया जाता है, को कहते हैं –
उत्तर- मानव निर्मित सूचक
प्रश्न 5. एक अम्ल नीले लिटमस को कर देता है –
उत्तर- लाल
प्रश्न 6. एक क्षार लाल लिटमस को कर देता है –
उत्तर- नीला
प्रश्न 7. लिटमस एक सूचक है –
उत्तर- प्राकृतिक
प्रश्न 8. लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है जो थैलोफाइटा समूह के पौधे से निकाला जाता है –
उत्तर- लिचेन
प्रश्न 9. लिटमस विलयन जब न तो अम्लीय होता है, न ही क्षारकीय तब यह होता है –
उत्तर- बैंगनी रंग का
प्रश्न 10. मैथिल ऑरेंज एक सूचक हैं –
उत्तर- कृत्रिम
प्रश्न 11. मैथिल ऑरेंज का रंग क्षार के मिलाने से हो जाता है –
उत्तर- पीला
प्रश्न 12. मैथिल ऑरेंज का रंग अम्ल के मिलाने से हो जाता है –
उत्तर- लाल
प्रश्न 13. फेनोल्फथेलिन एक सूचक हैं –
उत्तर- कृत्रिम
प्रश्न 14. फ़ेनॉल्फ़थैलीन का रंग क्षार मिलाने से हो जाता है –
उत्तर- गुलाबी
प्रश्न 15. क्षार हल्दी के पीले रंग को बदल देता है –
उत्तर- लाल-भूरा रंग में
प्रश्न 16. जल में घुलनशील क्षारक, कहलाते हैं –
उत्तर- क्षार
प्रश्न 17. हाइड्रेंजेन पौधे के फूल आमतौर पर नीले होते हैं जो क्षार की उपस्थिति में हो जाते हैं –
उत्तर- गुलाबी
प्रश्न 18. वे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती है, कहलाते हैं –
उत्तर- गंधीय सूचक
प्रश्न 19. प्याज और वेनिला अर्क हैं –
उत्तर- गंधीय सूचक
प्रश्न 20. एक क्षारीय घोल प्याज की गंध को कर देता है –
उत्तर- नष्ट
प्रश्न 21. अम्ल वे रासायनिक पदार्थ हैं जिनका स्वाद होता है –
उत्तर- खट्टा
प्रश्न 22. पादप पदार्थों तथा जंतुओं में उपस्थित अम्ल कहलाते हैं –
उत्तर- कार्बनिक अम्ल
प्रश्न 23. पृथ्वी के खनिजों से बनने वाले अम्लों को कहते हैं –
उत्तर- खनिज अम्ल
प्रश्न 24. सिरके में कौन – सा अम्ल पाया जाता है –
उत्तर- एसिटिक अम्ल
प्रश्न 25. नींबू तथा संतरे में कौन – सा अम्ल पाया जाता है –
उत्तर- साइट्रिक एसिड
प्रश्न 26. खट्टे दूध ( या दही ) में कौन – सा अम्ल पाया जाता है –
उत्तर- लैक्टिक एसिड
प्रश्न 27. टमाटर में कौन – सा अम्ल पाया जाता है –
उत्तर- ऑक्सालिक एसिड
प्रश्न 28. चींटी के डंक में कौन – सा अम्ल पाया जाता है –
उत्तर- फॉर्मिक एसिड
प्रश्न 29. एक अम्ल जो जल में पूर्णतः आयनित होकर बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करता है, कहलाता है –
उत्तर- प्रबल अम्ल
प्रश्न 30. हाइड्रोजन आयनों की उच्च सांद्रता के कारण प्रबल अम्ल में होती है –
उत्तर- उच्च विद्युत चालकता
प्रश्न 31. सभी प्रबल अम्ल हैं –
उत्तर- प्रबल विद्युत अपघट्य (electrolytes)
प्रश्न 32. वह अम्ल जो जल में आंशिक रूप से आयनित होकर अल्प मात्रा में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करता है, कहलाता है –
उत्तर- दुर्बल अम्ल
प्रश्न 33. कमजोर अम्लों की विद्युत चालकता होती है –
उत्तर- कम
प्रश्न 34. सभी दुर्बल अम्ल हैं –
उत्तर- दुर्बल विद्युत अपघट्य (weak electrolytes)
प्रश्न 35. एक सांद्र अम्ल वह होता है जिसमें पानी की होती है –
उत्तर- न्यूनतम संभव मात्रा
प्रश्न 36. तनु अम्ल वह होता है जिसमें जल की मात्रा होती है –
उत्तर- अधिक
प्रश्न 37. सांद्र अम्ल को जल में मिलाने की प्रक्रिया अत्यधिक होती है –
उत्तर- ऊष्माक्षेपी
प्रश्न 38. अम्ल धातुओं के साथ अभिक्रिया करके बनाता है –
उत्तर- हाइड्रोजन गैस
प्रश्न 39. अम्ल, धातु कार्बोनेट और धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ क्रिया करके उत्पन्न करते हैं –
उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड
प्रश्न 40. अम्ल, क्षार के साथ क्रिया करके बनाते हैं –
उत्तर- लवण और जल
प्रश्न 41. अम्ल, धातु के आक्साइड के साथ अभिक्रिया करके बनाते हैं –
उत्तर- लवण और जल
प्रश्न 42. अंडे के छिलके बने होते हैं –
उत्तर- कैल्शियम कार्बोनेट के
प्रश्न 43. अम्ल और क्षार के बीच अभिक्रिया से लवण और जल बनाने की अभिक्रिया, कहलाती है –
उत्तर- उदासीनीकरण अभिक्रिया
प्रश्न 44. धातु के आक्साइड की तरह ही धातु हाइड्रॉक्साइड भी प्रकृति में होते हैं –
उत्तर- क्षारीय
प्रश्न 45. जल की अनुपस्थिति में अम्ल नहीं दिखाते हैं –
उत्तर- अम्लीय व्यवहार
प्रश्न 46. क्षारक (base) ,निष्क्रिय कर सकता है –
उत्तर- अम्ल को
प्रश्न 47. सभी धातु ऑक्साइड और धातु हाइड्रोक्साइड हैं –
उत्तर- क्षारक
प्रश्न 48. वे क्षारक,जो जल में पूर्णतया वियोजित या आयनित होकर हाइड्रोक्साइड आयन देते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- प्रबल क्षारक
प्रश्न 49. वे क्षारक,जो जल में पूर्णतया वियोजित या आयनित नहीं होते है, कहलाते हैं –
उत्तर- दुर्बल क्षारक
प्रश्न 50. क्षारक कुछ धातुओं के साथ अभिक्रिया करके बनाते हैं –
उत्तर- हाइड्रोजन गैस
प्रश्न 51. क्षारक अम्ल से क्रिया करके बनाते हैं –
उत्तर- लवण और जल
प्रश्न 52. क्षारक, अधातु के आक्साइड से अभिक्रिया करके बनाते हैं –
उत्तर- लवण और जल
प्रश्न 53. किसी अम्ल या क्षार की प्रबलता को मापा जाता है –
उत्तर- pH स्केल नामक संख्याओं के पैमाने पर
प्रश्न 54. किसी विलयन का pH उसमें हाइड्रोजन आयनों की सांद्रता के होता है –
उत्तर- व्युत्क्रमानुपाती
प्रश्न 55. pH एक शुद्ध संख्या है, इसका नहीं होता है –
उत्तर- कोई मात्रक
प्रश्न 56. उदासीन पदार्थों का pH होता है –
उत्तर- 7
प्रश्न 57. शुद्ध जल का pH मान होता है –
उत्तर- 7
प्रश्न 58. एसिड ( या अम्लीय घोल ) का pH होता है –
उत्तर- 7 से कम
प्रश्न 59. एक घोल जितना अधिक अम्लीय होगा, उसका pH उतना ही होगा –
उत्तर- कम
प्रश्न 60. क्षारक का pH होता है –
उत्तर- 7 से अधिक
प्रश्न 61. एक क्षारक जितना अधिक क्षारीय होगा, उसका pH उतना ही होगा –
उत्तर- अधिक
प्रश्न 62. दांतों की सड़न तब शुरू होती है जब मुंह में बनने वाले एसिड का pH –
उत्तर- 5.5 से नीचे गिर जाता है
प्रश्न 63. अधिकांश पौधे सबसे अच्छे तब विकसित होते हैं जब मिट्टी का pH होता है –
उत्तर- 7 के करीब
प्रश्न 64. जब अम्ल, क्षारों के साथ अभिक्रिया करते हैं तो बनता है –
उत्तर- लवण
प्रश्न 65. एक लवण के दो अभिभावक (parents) होते हैं: –
उत्तर- एक अम्ल और एक क्षारक
प्रश्न 66. ‘हाइड्रोक्लोरिक अम्ल’ के लवण को कहते हैं –
उत्तर- ‘क्लोराइड’
प्रश्न 67. ‘सल्फ्यूरिक अम्ल’ के लवण कहलाते हैं –
उत्तर- ‘सल्फेट’
प्रश्न 68. ‘नाइट्रिक अम्ल’ के लवण कहलाते हैं –
उत्तर- ‘नाइट्रेट’
प्रश्न 69. ‘कार्बोनिक एसिड’ के लवण को कहा जाता है –
उत्तर- ‘कार्बोनेट’
प्रश्न 70. प्रबल अम्लों और प्रबल क्षारों का लवण देता है –
उत्तर- उदासीन विलयन
प्रश्न 71. प्रबल अम्लों और दुर्बल क्षारों का लवण देता है –
उत्तर- अम्लीय विलयन
प्रश्न 72. दुर्बल अम्लों और प्रबल क्षारों का लवण देता है –
उत्तर- क्षारकीय विलयन
प्रश्न 73. साधारण नमक का रासायनिक नाम है –
उत्तर- सोडियम क्लोराइड (NaCl)
प्रश्न 74. साधारण नमक समुद्र के पानी से प्राप्त किया जाता है –
उत्तर- वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा
प्रश्न 75. सोडियम हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड के संयोजन से प्रयोगशाला में बनाया जा सकता है –
उत्तर- सोडियम क्लोराइड
प्रश्न 76. सोडियम हाइड्रॉक्साइड को आमतौर पर जाना जाता है –
उत्तर- कास्टिक सोडा के रूप में
प्रश्न 77. सोडियम हाइड्रॉक्साइड का रासायनिक सूत्र है –
उत्तर- NaOH
प्रश्न 78. सोडियम हाइड्रॉक्साइड के उत्पादन के लिए कच्चा माल है –
उत्तर- सोडियम क्लोराइड ( या सामान्य नमक )
प्रश्न 79. सोडियम क्लोराइड के विलयन के इलेक्ट्रोलिसिस की प्रक्रिया को कहा जाता है –
उत्तर- क्लोर-क्षार प्रक्रिया
प्रश्न 80. धोने के सोडा का सूत्र है –
उत्तर- Na2CO3.10H2O
प्रश्न 81. सोडियम कार्बोनेट जिसमें क्रिस्टलीकरण का कोई पानी नहीं होता है, कहलाता है –
उत्तर- निर्जल सोडियम कार्बोनेट
प्रश्न 82. निर्जल सोडियम कार्बोनेट को आमतौर पर जाना जाता है –
उत्तर- ‘सोडा ऐश’ के रूप में
प्रश्न 83. बेकिंग सोडा का रासायनिक नाम है –
उत्तर- सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
प्रश्न 84. बेकिंग सोडा का सूत्र होता है –
उत्तर- NaHCO3
प्रश्न 85. वे पदार्थ जो रंगीन पदार्थों से रंग निकाल कर उन्हें रंगहीन बना देते हैं, कहलाते हैं –
उत्तर- विरंजक
प्रश्न 86. जिस पदार्थ का प्रयोग कीटाणुओं या जीवाणु को मारने के लिए किया जाता है, उसे कहते हैं –
उत्तर- निस्संक्रामक (disinfectant)
प्रश्न 87. ब्लीचिंग पाउडर को कहते है –
उत्तर- कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड
प्रश्न 88. ब्लीचिंग पाउडर का रासायनिक सूत्र है –
उत्तर- CaOCl2
प्रश्न 89. प्लास्टर ऑफ पेरिस को कहते है –
उत्तर- कैल्शियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट
प्रश्न 90. प्लास्टर ऑफ पेरिस का सूत्र है –
उत्तर- CaSO4.1/2H2O
प्रश्न 91. प्लास्टर ऑफ पेरिस को आमतौर पर जाना जाता है –
उत्तर- P.O.P के नाम से
प्रश्न 92. लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को कहते हैं –
उत्तर- क्रिस्टलन का जल
प्रश्न 93. जिस लवण में क्रिस्टलन का जल होता है उसे कहते हैं –
उत्तर- जलयोजित लवण
प्रश्न 94. वे लवण जिनका क्रिस्टलन जल समाप्त हो गया हो, कहलाते हैं –
उत्तर- निर्जल लवण