जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स :- हृदय और रक्त वाहिनियाँ संयुक्त रूप से हमारे शरीर का परिसंचरण तंत्र बनाती हैं।
रक्त वह तरल पदार्थ या द्रव हैं , जो वाहिनियों में प्रवाहित होता हैं।
रक्त पाचित भोजन को क्षुद्रांत ( छोटी आँत ) से शरीर के अन्य भागों तक ले जाता हैं।
फेफड़ों से ऑक्सीजन को भी रक्त ही शरीर की कोशिकाओं तक ले जाता हैं।
रक्त शरीर में से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उनका परिवहन भी करता हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
अधिकांश जंतुओं में शरीर में प्रवाहित होने वाला रक्त शरीर की विभिन्न कोशिकाओं को भोजन और ऑक्सीजन का वितरण करता हैं। यह शरीर के विभिन्न भागों से उत्सर्जन के लिए अपशिष्ट पदार्थों को भी लाता हैं।
मानव शरीर में रक्त , धमनियों और शिराओं में प्रवाहित होता हैं तथा हृदय पंप की तरह कार्य करता हैं।
रक्त एक तरल से बना हैं जिसे प्लैज्मा कहते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ निलंबित रहती हैं।
रक्त में एक प्रकार की कोशिकाएँ – लाल रक्त कोशिकाएँ होती हैं , जिनमें एक लाल वर्णक होता हैं , जिसे हीमोग्लोबिन कहते हैं।
हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को अपने साथ संयुक्त करके शरीर के सभी अंगो में और अंततः सभी कोशिकाओं तक परिवहन करता हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
हीमोग्लोबिन की कमी होने पर शरीर की सभी कोशिकाओं को कुशलतापूर्वक ऑक्सीजन प्रदान करना कठिन हो जाता हैं।
हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण ही रक्त का रंग लाल होता हैं।
रक्त में अन्य प्रकार की कोशिकाएँ भी होती हैं , जिन्हें श्वेत रक्त कोशिकाएँ कहते हैं।
ये कोशिकाएँ उन रोगाणुओं को नष्ट करती हैं , जो हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
रक्त का थक्का बन जाना उसमे एक अन्य प्रकार की कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण होता हैं , जिन्हें पट्टिकाणु ( प्लैटलेट्स ) कहते हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
शरीर में दो प्रकार की रक्त वाहिनियाँ पाई जाती हैं – धमनी और शिरा।
धमनियाँ हृदय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती हैं।
चूंकि रक्त प्रवाह तेजी से और अधिक दाब पर होता हैं , अतः धमनियों की भित्तियाँ ( दीवार ) मोटी और प्रत्यास्थ होती हैं।
नाड़ी स्पंद ( नब्ज ) धमनियों में प्रवाहित हो रहे रक्त के कारण होता हैं।
प्रति मिनट स्पन्दों की संख्या स्पंदर दर कहलाती हैं। विश्राम की अवस्था में किसी स्वस्थ वयस्क व्यक्ति की स्पंदर दर सामान्यतः 72 से 80 स्पंदर प्रति मिनट होती हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
वे रक्त वाहिनियाँ , जो कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों से वापस हृदय में ले जाती हैं , शिराएँ कहलाती हैं।
शिराओं की भित्तियाँ अपेक्षाकृत पतली होती हैं। शिराओं में ऐसे वाल्व होते हैं , जो रक्त को केवल हृदय की ओर ही प्रवाहित होने देते हैं।
हृदय वह अंग हैं , जो रक्त द्वारा पदार्थों के परिवहन के लिए पंप के रूप में कार्य करता हैं।
हृदय वक्ष – गुहा में स्थित होता हैं , जिसका निचला सिरा थोड़ी बाईं ओर झुका रहता हैं।
हृदय चार कक्षों में बँटा होता हैं। ऊपरी दो कक्ष अलिन्द कहलाते हैं और निचले दो कक्ष निलय कहलाते हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
कक्षों के बीच का विभाजन दीवार ऑक्सीजन समृद्ध रक्त और कार्बन डाइऑक्साइड से समृद्ध रक्त को परस्पर मिलने नहीं देती हैं।
हृदय के कक्ष की भित्तियाँ पेशियों की बनी होती हैं। ये पेशियाँ लयबद्ध रूप से संकुचन और विश्रांति करती हैं।
यह लयबद्ध संकुचन और उसके बाद होने वाली लयबद्ध विश्रांति दोनों मिलकर हृदय स्पंद ( हार्ट बीट ) कहलाता हैं।
चिकित्सक आपके हृदय स्पंद को मापने के लिए स्टेथॉस्कोप नामक यंत्र का उपयोग करते हैं।
रक्त परिसंचरण की खोज विलियम हार्वे नामक एक चिकित्सक ने की थी , जो अँग्रेज थे। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
स्पंजों और हाइड्रा जैसे जंतुओं में कोई परिसंचरण तंत्र नहीं पाया जाता हैं।
जिस जल में वे रहते हैं , वही उनके शरीर में प्रवेश करके उनके भोजन और ऑक्सीजन की आपूर्ति कर देता हैं।
जब जल बाहर निकलता हैं , तो वह अपने साथ कार्बन डाइऑक्साइड और अपशिष्ट पदार्थों को ले जाता हैं।
अतः उन्हें परिसंचरण हेतु रक्त के समान तरल की आवश्यकता नहीं होती हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
सजीवों द्वारा कोशिकाओं में निर्मित होने वाले अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते हैं और उत्सर्जन में भाग लेने वाले सभी अंग मिलकर उत्सर्जन तंत्र बनाते हैं।
मानव उत्सर्जन तंत्र में दो वृक्क ( गुर्दे ), दो मूत्र वाहिनियाँ , एक मूत्राशय और एक मूत्रमार्ग होता हैं।
रक्त में उपस्थित अपशिष्ट पदार्थों को छानने की व्यवस्था वृक्क में उपस्थित रक्त कोशिकाओं द्वारा उपलब्ध की जाती हैं।
जब रक्त दोनों वृक्कों में पहुँचता हैं , तो इसमें उपयोगी और हानिकारक दोनों ही प्रकार के पदार्थ होते हैं।
उपयोगी पदार्थों को रक्त में पुनः अवशोषित कर लिया जाता हैं। जल में घुले हुए अपशिष्ट पदार्थ मूत्र के रूप में पृथक कर लिए जाते हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
वृक्कों से , मूत्र वाहिनियों से होता हुआ मूत्र मूत्राशय में जाता हैं। मूत्र वाहिनियाँ नली के आकार की होती हैं।
मूत्राशय में मूत्र संचित होता रहता हैं। मूत्राशय से एक पेशीय नली जुड़ी होती हैं , जिसे मूत्रमार्ग कहते हैं।
मूत्रमार्ग का दूसरा सिरा खुला होता हैं , जिसे मूत्ररंध्र कहते हैं और जिससे मूत्र शरीर से बाहर निकाल दिया जाता हैं।
कोई वयस्क व्यक्ति सामान्यतः 24 घंटे में 1 से 1.8 लीटर मूत्र करता हैं। मूत्र में 95% जल , 2.5% यूरिया और 2.5% अन्य अपशिष्ट उत्पाद होते हैं।
लवण और यूरिया जल के साथ स्वेद ( पसीने ) के रूप में शरीर से बाहर निकाल दिए जाते हैं।
कृत्रिम वृक्क द्वारा रक्त के छन्न की विधि को अपोहन ( डायलाइसिस ) कहते हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
जंतुओं के शरीर से अपशिष्ट रसायनों के निष्कासन की विधि जल की उपलब्धता पर निर्भर करती हैं।
मछली जैसे जलीय जंतु कोशिका के अपशिष्ट उत्पादों को अमोनिया के रूप में उत्सर्जित करते हैं , जो सीधे जल में घुल जाती हैं।
पक्षी , छिपकली , सर्प जैसे कुछ जंतु अपने शरीर से अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन अर्ध घन ( सेमी सॉलिड ) पदार्थ के रूप में करते हैं , जो मुख्यतः श्वेत ( सफेद ) रंग का यौगिक ( यूरिक अम्ल ) होता हैं।
मानव द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट पदार्थों में यूरिया प्रमुख हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
पादप मूलों ( जड़ों ) द्वारा जल और खनिजों को अवशोषित करते हैं। मूलों में मूलरोम होते हैं।
मूलरोम जल में घुले हुए खनिज पोषक पदार्थों और जल के अन्तग्रहण के लिए मूल के सतह क्षेत्रफल को बढ़ा देते हैं।
मूलरोम मृदा कणों के बीच उपस्थित जल के संपर्क में रहते हैं।
पादपों में मृदा से जल और पोषक तत्त्वों के परिवहन के लिए पाइप जैसी वाहिकाएँ होती हैं।
वाहिकाएँ विशेष कोशिकाओं की बनी होती हैं , जो संवहन ऊतक बनाती हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
ऊतक कोशिकाओं का वह समूह होता हैं , जो किसी जीव में किसी कार्य विशेष को संपादित करता हैं।
जल और पोषक तत्त्वों के परिवहन के लिए पादपों में जो संवहन ऊतक होता हैं ,उसे जाइलम ( दारू ) कहते हैं।
जाइलम चैनलों ( नलियों ) का सतत जाल बनता हैं , जो मूलों को तने और शाखाओं के माध्यम से पत्तियों से जोड़ता हैं और इस प्रकार बना तंत्र पूरे पादप में जल का परिवहन करता हैं।
पादप के विभिन्न भागों में भोजन का परिवहन फ्लोएम नामक संवहन ऊतक के द्वारा होता हैं।
जाइलम और फ्लोएम पादपों में पदार्थों का परिवहन करते हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
पादप द्वारा अवशोषित किया गया सारा जल पादप द्वारा उपयोग नहीं किया जाता हैं।
पत्तियों की सतह पर उपस्थित रंध्रों से वाष्पोत्सर्जन के प्रक्रम द्वारा जल वाष्पित हो जाता हैं।
वाष्पोत्सर्जन के दौरान रंध्रों से वाष्प के रूप में बड़ी मात्रा में जल का ह्नास ( क्षति ) होती हैं।
वाष्पोत्सर्जन के कारण एक चूषण बल निर्मित होता हैं , जिसके कारण मूलों द्वारा मृदा में से अवशोषित जल अभिकर्षित ( खिंचकर ) होकर तने और पत्तियों तक पहुँचता हैं।
विशाल वृक्षो में बहुत अधिक ऊँचाई तक जल का अभिकर्षण ( खिंचाव ) इसी प्रकार होता हैं। वाष्पोत्सर्जन पादप को ठंडा रखने में भी सहायक होता हैं। जंतुओं और पादप में परिवहन कक्षा 7 नोट्स
MCQ
प्रश्न 1. हृदय और रक्त वाहिनियाँ संयुक्त रूप से हमारे शरीर का बनाती हैं –
उत्तर- परिसंचरण तंत्र
प्रश्न 2. पाचित भोजन को क्षुद्रांत ( छोटी आँत ) से शरीर के अन्य भागों तक ले जाता हैं –
उत्तर- रक्त
प्रश्न 3. फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर की कोशिकाओं तक ले जाता हैं –
उत्तर- रक्त
प्रश्न 4. रक्त एक तरल से बना हैं जिसे कहते हैं –
उत्तर- प्लैज्मा
प्रश्न 5. रक्त में एक प्रकार की कोशिकाएँ – लाल रक्त कोशिकाएँ होती हैं , जिनमें एक लाल वर्णक होता हैं , जिसे कहते हैं –
उत्तर- हीमोग्लोबिन
प्रश्न 6. किस की उपस्थिति के कारण रक्त का रंग लाल होता हैं –
उत्तर- हीमोग्लोबिन
प्रश्न 7. शरीर की रोगाणुओं से लड़ने में सहायता करती है –
उत्तर- श्वेत रक्त कोशिकाएँ
प्रश्न 8. रक्त का थक्का बन जाना उसमे एक अन्य प्रकार की कोशिकाओं की उपस्थिति के कारण होता हैं , जिन्हें कहते हैं –
उत्तर- पट्टिकाणु ( प्लैटलेट्स )
प्रश्न 9. शरीर में दो प्रकार की रक्त वाहिनियाँ पाई जाती हैं –
उत्तर- धमनी और शिरा
प्रश्न 10. हृदय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों में ले जाती हैं –
उत्तर- धमनियाँ
प्रश्न 11. धमनियों की भित्तियाँ ( दीवार ) होती हैं –
उत्तर- मोटी और प्रत्यास्थ
प्रश्न 12. नाड़ी स्पंद ( नब्ज ) किस कारण होता हैं ?
उत्तर- धमनियों में प्रवाहित हो रहे रक्त के
प्रश्न 13. प्रति मिनट स्पन्दों की संख्या कहलाती हैं –
उत्तर- स्पंदर दर
प्रश्न 14. विश्राम की अवस्था में किसी स्वस्थ वयस्क व्यक्ति की स्पंदर दर सामान्यतः होती हैं –
उत्तर- 72 से 80 स्पंदर प्रति मिनट
प्रश्न 15. वे रक्त वाहिनियाँ , जो कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को शरीर के सभी भागों से वापस हृदय में ले जाती हैं , कहलाती हैं –
उत्तर- शिराएँ
प्रश्न 16. शिराओं की भित्तियाँ अपेक्षाकृत होती हैं –
उत्तर- पतली
प्रश्न 17. हृदय वक्ष – गुहा में स्थित होता हैं , जिसका निचला सिरा झुका रहता हैं –
उत्तर- थोड़ी बाईं ओर
प्रश्न 18. हृदय बँटा होता हैं –
उत्तर- चार कक्षों में
प्रश्न 19. हृदय पेशियों का लयबद्ध संकुचन और उसके बाद होने वाली लयबद्ध विश्रांति दोनों मिलकर कहलाता हैं –
उत्तर- हृदय स्पंद ( हार्ट बीट )
प्रश्न 20. चिकित्सक आपके हृदय स्पंद को मापने के लिए यंत्र का उपयोग करते हैं –
उत्तर- स्टेथॉस्कोप
प्रश्न 21. रक्त परिसंचरण की खोज नामक एक चिकित्सक ने की थी , जो अँग्रेज थे –
उत्तर- विलियम हार्वे
प्रश्न 22. स्पंजों और हाइड्रा जैसे जंतुओं में कोई नहीं पाया जाता हैं –
उत्तर- परिसंचरण तंत्र
प्रश्न 23. सजीवों द्वारा कोशिकाओं में निर्मित होने वाले अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के प्रक्रम को कहते हैं –
उत्तर- उत्सर्जन
प्रश्न 24. उत्सर्जन में भाग लेने वाले सभी अंग मिलकर बनाते हैं –
उत्तर- उत्सर्जन तंत्र
प्रश्न 25. मानव उत्सर्जन तंत्र में होता हैं –
उत्तर- दो वृक्क ( गुर्दे ), दो मूत्र वाहिनियाँ , एक मूत्राशय और एक मूत्रमार्ग
प्रश्न 26. मूत्राशय से एक पेशीय नली जुड़ी होती हैं , जिसे कहते हैं –
उत्तर- मूत्रमार्ग
प्रश्न 27. कृत्रिम वृक्क द्वारा रक्त के छन्न की विधि को कहते हैं –
उत्तर- अपोहन ( डायलाइसिस )
प्रश्न 28. मछली जैसे जलीय जंतु कोशिका के अपशिष्ट उत्पादों को उत्सर्जित करते हैं –
उत्तर- अमोनिया के रूप में
प्रश्न 29. मानव द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट पदार्थों में प्रमुख हैं –
उत्तर- यूरिया
प्रश्न 30. मूलरोम जल में घुले हुए खनिज पोषक पदार्थों और जल के अन्तग्रहण के लिए मूल के बढ़ा देते हैं –
उत्तर- सतह क्षेत्रफल को
प्रश्न 31. जल और पोषक तत्त्वों के परिवहन के लिए पादपों में जो संवहन ऊतक होता हैं ,उसे कहते हैं –
उत्तर- जाइलम ( दारू )
प्रश्न 32. पादप के विभिन्न भागों में भोजन का परिवहन होता हैं –
उत्तर- फ्लोएम नामक संवहन ऊतक के द्वारा
प्रश्न 33. पत्तियों की सतह पर उपस्थित रंध्रों से जल वाष्पित हो जाता हैं –
उत्तर- वाष्पोत्सर्जन के प्रक्रम द्वारा
प्रश्न 34. वाष्पोत्सर्जन के कारण निर्मित होता हैं –
उत्तर- एक चूषण बल
प्रश्न 35. वाष्पोत्सर्जन पादप को रखने में भी सहायक होता हैं –
उत्तर- ठंडा