नए प्रश्न नए विचार

नए प्रश्न नए विचार

नए प्रश्न नए विचार : – बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ थे जिन्हें गौतम के नाम से भी जाना जाता है।

उनका जन्म लगभग 2500 वर्ष पूर्व हुआ था। 

यह वह समय था जब लोगो के जीवन में तेजी से परिवर्तन हो रहे थे और बहुत – से विचारक जीवन के सच्चे अर्थ को जानना चहते थे।

बुद्ध क्षत्रिय थे तथा ‘शाक्य ‘ नामक एक छोटे से गण से संबंधित थे।

उन्हें बोध गया ( बिहार ) में एक पीपल के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई। नए प्रश्न नए विचार

इसके बाद से वे बुद्ध के रूप में जाने गए।

यहाँ से वे वाराणसी के निकट स्थित सारनाथ गए , जहाँ उन्होंने पहली बार उपदेश दिया।

कुशीनारा में मृत्यु से पहले का शेष जीवन उन्होंने पैदल ही एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने और लोगो को शिक्षा देने में व्यतीत किया।

बुद्ध ने शिक्षा दी कि यह जीवन कष्टों और दुखों से भरा हुआ है और ऐसा हमारी इच्छा और लालसाओं ( जो हमेशा पूरी नहीं हो सकती ) के कारण होता है।

कभी – कभी हम जो चाहते हैं वह प्राप्त कर लेने के बाद भी संतुष्ट नहीं होते हैं एवं और अधिक ( अथवा अन्य ) वस्तुओं को पाने कि इच्छा करने लगते है। नए प्रश्न नए विचार

बुद्ध ने इस लिप्सा को तृष्णा कहा है।

बुद्ध ने शिक्षा दी कि आत्मसंयम अपनाकर हम ऐसी लालसा से मुक्ति पा सकते हैं।

उन्होंने लोगों को दयालु होने तथा मनुष्यों के साथ – साथ जानवरों के जीवन का भी आदर करने की शिक्षा दी।

बुद्ध मानते थे कि हमारे कर्मों के परिणाम , चाहे वे अच्छे हों या बुरे , हमारे वर्तमान जीवन के साथ – साथ बाद के जीवन को भी प्रभावित करते हैं।

बुद्ध ने अपनी शिक्षा सामान्य लोगों की प्राकृत भाषा में दी।

बुद्ध ने कहा कि लोग किसी शिक्षा को केवल इसलिए नहीं स्वीकार करें कि यह उनका उपदेश है , बल्कि वे उसे अपने विवेक से मापें। नए प्रश्न नए विचार

उपनिषद

उपनिषद उत्तर वैदिक ग्रंथों का हिस्सा थे।

उपनिषद का शाब्दिक अर्थ है ‘ गुरु के समीप बैठना ‘।

इन ग्रंथों में अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच बातचीत का संकलन किया गया हैं।

प्रायः ये विचार सामान्य वार्तालाप के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं।

उपनिषदों के कई विचारों का विकास बाद में प्रसिद्ध विचारक शंकराचार्य के द्वारा किया गया। नए प्रश्न नए विचार

भारतीय दर्शन की छह पद्धति ( षडदर्शन )

सदियों से , भारत द्वारा सत्य की बौद्धिक खोज का प्रतिनिधित्व दर्शन के छः शाखाओं ने किया।

ये वैशेषिक , न्याय , संख्या , योग , पूर्व मीमांसा और वेदांत या उत्तर मीमांसा के नाम से जाने जाते हैं।

दर्शन की इन छः पद्धतियों की स्थापना क्रमशः ऋषि कणद , गौतम , कपिल , पंतजलि , जैमिनी और व्यास द्वारा की गयी मानी जाती है , जो आज भी देश में बौद्धिक चर्चा को दिशा देते हैं।

जर्मन मूल के ब्रिटिश भारतविद फ्रेडरिक मैक्समूलर के अनुसार दर्शन की इन छः शाखाओं का विकास कई पीढ़ियों के दौरान व्यक्तिगत विचारकों के योगदान से हुआ।

यधपि ये एक दूसरे से भिन्न दीखते हैं तथापि सत्य की इनकी समझ में आधारभूत तालमेल दिखता है। नए प्रश्न नए विचार

इमारतें चित्र तथा किताबें

व्याकरणविद पाणिनि

इस समय प्रसिद्ध विद्वान पाणिनि ने संस्कृत भाषा के व्याकरण की रचना की।

उन्होंने स्वरों तथा व्यंजनों को एक विशेष क्रम में रखकर उनके आधार पर सूत्रों की रचना की।

ये सूत्र बीजगणित के सूत्रों से काफी मिलते – जुलते है।

इसका प्रयोग कर उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रयोगों के नियम लघु सूत्रों ( लगभग 3000 ) के रूप में लिखे। नए प्रश्न नए विचार

जैन धर्म

इसी युग में अर्थात लगभग 2500 वर्ष पूर्व जैन धर्म के 24वें तथा अंतिम तीर्थंकर वर्धमान महावीर ने भी अपने विचारों का प्रसार किया।

वह वज्जि संघ के लिच्छवि कुल के एक क्षत्रिय राजकुमार थे।

30 वर्ष की आयु में वे घर छोड़ वन में चले गए , जहाँ उन्होंने कठिन व एकाकी जीवन व्यतीत किया।

इसके बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। उनकी शिक्षा सरल थी। नए प्रश्न नए विचार

सत्य जानने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक स्त्री व पुरुष को अपना घर छोड़ देना चाहिए।

उन्हें अहिंसा के नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए अर्थात किसी भी जीव को न तो कष्ट देना चाहिए और न ही उसकी हत्या करनी चाहिए।

महावीर का कहना था , ” सभी जीव जीना चाहते हैं। सभी के लिए जीवन प्रिय है। “

महावीर ने अपनी शिक्षा प्राकृत में दी।

देश के अलग – अलग हिस्सों में प्राकृत के अलग – अलग रूप प्रचलित थे। नए प्रश्न नए विचार

प्रचलन क्षेत्र के आधार पर ही उनके अलग – अलग नाम थे जैसे मगध में बोली जाने वाली प्राकृत , मागधी कहलाती थी।

जैन नाम से जाने गए महावीर के अनुयायियों को भोजन के लिए भिक्षा माँगकर सादा जीवन बिताना होता है ।

जैन शब्द ‘ जिन ‘ शब्द से निकला है जिसका अर्थ है ‘ विजेता ‘।

उन्हें पूरी तरह से ईमानदार होना पड़ता था तथा चोरी न करने की उन्हें सख्त हिदायत थी।

उन्हें बह्मचर्य का पालन करना होता था। नए प्रश्न नए विचार

पुरुषों को वस्त्रों सहित सब कुछ त्याग देना पड़ता था।

मुख्यतः व्यापारियों ने जैन धर्म का समर्थन किया।

किसानों के लिए इन नियमों का पालन अत्यंत कठिन था क्योंकि फसल की रक्षा के लिए उन्हें कीड़ो – मकौड़ों को मरना पड़ता था।

महावीर तथा उनके अनुयायियों की शिक्षाएँ कई शताब्दियों तक मौखिक रूप में ही रहीं।

वर्तमान रूप में उपलब्ध जैन धर्म की शिक्षाएँ लगभग 1500 वर्ष पूर्व गुजरात में वल्लभी नामक स्थान पर लिखी गई थी। नए प्रश्न नए विचार

संघ

महावीर तथा बुद्ध दोनों का ही मानना था कि घर का त्याग करने पर ही सच्चे ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है।

ऐसे लोगों के लिए उन्होंने संघ नामक संगठन बनाया जहाँ घर का त्याग करने वाले लोग एक साथ रह सकें।

संघ में रहने वाले बौद्ध भिक्षुओं के लिए बनाए गए नियम विनयपिटक नामक ग्रंथ में मिलते है।

संघ में पुरुषों और स्त्रियों के रहने की अलग – अलग व्यवस्था थी।

सभी व्यक्ति संघ में प्रवेश ले सकते थे। नए प्रश्न नए विचार

हालाँकि संघ में प्रवेश के लिए बच्चों को अपने माता – पिता से , दासों को अपने स्वामी से , राजा के यहाँ काम करने वाले लोगों को राजा से , तथा कर्जदारों को अपने देनदारों से , स्त्री को अपने पति से अनुमति लेनी होती थी।

संघ में प्रवेश लेने वाले स्त्री – पुरुष बहुत सादा जीवन जीते थे।

वे अपना अधिकांश समय ध्यान करने में बिताते थे और दिन के एक निश्चित समय में वे शहरों तथा गाँवों में जाकर भिक्षा माँगते थे। नए प्रश्न नए विचार

यही कारण है कि उन्हें भिक्खु तथा भिक्खुणी ( साधु – भिखारी के लिए प्राकृत शब्द ) कहा गया।

वे आम लोगों को शिक्षा देते थे और साथ ही एक – दूसरे की सहायता भी करते थे।

किसी तरह की आपसी लड़ाई का निपटारा करने के लिए वे प्रायः बैठकें भी किया करते थे।

संघ में प्रवेश लेने वालों में ब्राह्मण , क्षत्रिय , व्यापारी , मजदूर , नाई, गणिकाएँ तथा दास शामिल थे। नए प्रश्न नए विचार

विहार

जैन तथा बौद्ध भिक्खु पूरे साल एक स्थान से दूसरे स्थान घूमते हुए उपदेश दिया करते थे।

केवल वर्षा ऋतु में जब यात्रा करना कठिन हो जाता था तो वे एक स्थान पर ही निवास करते थे।

वर्षा ऋतु में उनके निवास करने वाले स्थान को ही विहार कहा गया।

पहले ये अस्थायी होते थे लेकिन आगे चलकर से स्थायी हो गए। नए प्रश्न नए विचार

आरंभिक विहार लकड़ी के बनाए गए तथा बाद में इनके निर्माण में ईंटों का प्रयोग होने लगा।

पश्चिमी भारत में विशेषकर कुछ विहार पहाड़ियों को खोद कर बनाए गए।

प्रायः किसी धनी व्यापारी , राजा अथवा भू – स्वामी द्वारा दान में दी गई भूमि पर विहार का निर्माण होता था। नए प्रश्न नए विचार

आश्रम – व्यवस्था

जैन तथा बौद्ध धर्म जिस समय लोकप्रिय हो रहे थे लगभग उसी समय ब्राह्मणों ने आश्रम – व्यवस्था का विकास किया।

ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ तथा सन्यास नामक चार आश्रमों की व्यवस्था की गई।

ब्रह्मचर्य के अंतर्गत ब्राह्मण , क्षत्रिय तथा वैश्य से यह अपेक्षा की जाती थी कि इस चरण के दौरान वे सादा जीवन बिताकर वेदों का अध्ययन करेंगे।

गृहस्थ आश्रम के अंतर्गत उन्हें विवाह कर एक गृहस्थ के रूप में रहना होता था। नए प्रश्न नए विचार

वानप्रस्थ के अंतर्गत उन्हें जंगल में रहकर साधना करनी थी। अंततः उन्हें सब कुछ त्यागकर सन्यासी बन जाना था।

आश्रम व्यवस्था ने लोगों को अपने जीवन का कुछ हिस्सा ध्यान में लगाने पर बल दिया।

प्रायः स्त्रियों को वेद पढ़ने की अनुमति नहीं थी और उन्हें अपने पतियों द्वारा पालन किए जाने वाले आश्रमों का ही अनुसरण करना होता था। नए प्रश्न नए विचार

अन्यत्र

जरथुस्त्र एक ईरानी पैगंबर थे। उनकी शिक्षाओं का संकलन जेन्द – अवेस्ता नामक ग्रंथ में मिलता है।

जेन्द – अवेस्ता की भाषा तथा इनमें वर्णित रीति – रिवाज , वेदों की भाषा और रीति – रिवाजों से काफी मिलते – जुलते हैं।

जरथुस्त्र की मूल शिक्षा का सूत्र है : ‘ सद – विचार , सद – वचन तथा सद – कार्य। ‘

एक हजार से अधिक वर्षों तक जरथुस्त्रवाद ईरान का एक प्रमुख धर्म रहा।

बाद में कुछ जरथुस्त्रवादी ईरान से आकर गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय नगरों में बस गए। नए प्रश्न नए विचार

वे लोग ही आज के पारसियों के पूर्वज है।

शौनक और भिखारी की कहानी छांदोग्य उपनिषद में है।

कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ

उपनिषदों के विचारक , जैन महावीर तथा बुद्ध ( लगभग 2500 वर्ष पूर्व )

जैन ग्रंथो का लेखन ( लगभग 1500 वर्ष पूर्व )

MCQ

प्रश्न 1. बौद्ध धर्म के संस्थापक कौन थे ?

उत्तर- गौतम बुद्ध

प्रश्न 2. बुद्ध किस गण से संबंधित थे ?

उत्तर- शाक्य

प्रश्न 3. बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई ?

उत्तर- बोध गया ( बिहार ) में एक पीपल के नीचे |

प्रश्न 4. बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश कहाँ दिया ?

उत्तर- वाराणसी के निकट स्थित सारनाथ में |

प्रश्न 5. बुद्ध की मृत्यु कहाँ हुई ?

उत्तर- कुशीनारा में |

प्रश्न 6. उपनिषद का शाब्दिक अर्थ क्या है ?

उत्तर- गुरु के समीप बैठना ।

प्रश्न 7. जैन धर्म के 24वें तथा अंतिम तीर्थंकर कौन थे ?

उत्तर- वर्धमान महावीर |

प्रश्न 8. वर्धमान महावीर किस कुल से संबंधित थे ?

उत्तर- वज्जि संघ के लिच्छवि कुल से

प्रश्न 9. महावीर ने अपनी शिक्षा दी-

उत्तर- प्राकृत में

प्रश्न 10. मगध में बोली जाने वाली प्राकृत कहलाती थी –

उत्तर- मागधी

प्रश्न 11. जैन शब्द किस शब्द से निकला है ?

उत्तर- जिन

प्रश्न 12. ‘ जिन ‘ शब्द का क्या अर्थ है ?

उत्तर- विजेता

प्रश्न 13. मुख्यतः जैन धर्म का समर्थन किया –

उत्तर- व्यापारियों ने

प्रश्न 14. वर्तमान रूप में उपलब्ध जैन धर्म की शिक्षाएँ लगभग 1500 वर्ष पूर्व लिखी गई थी-

उत्तर- गुजरात में वल्लभी नामक स्थान पर

प्रश्न 15. जरथुस्त्र कौन थे ?

उत्तर- एक ईरानी पैगंबर

प्रश्न 16. जरथुस्त्र की शिक्षाओं का संकलन नामक ग्रंथ में मिलता है-

उत्तर- जेन्द – अवेस्ता

प्रश्न 17. शौनक और भिखारी की कहानी किस उपनिषद में है ?

उत्तर- छांदोग्य उपनिषद