प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स – पृथ्वी पर उपलब्ध सभी प्रकार के जीवों की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सूर्य से ऊर्जा तथा पृथ्वी पर उपलब्ध संपदा की आवश्यकता होती है।
पृथ्वी पर उपलब्ध ये संपदा स्थल , जल एवं वायु है। पृथ्वी की सबसे बाहरी परत को स्थलमंडल कहते है।
पृथ्वी के 75 प्रतिशत भाग पर जल है। यह भूमिगत जल के रूप में भी पाया जाता है। इन सभी को जलमंडल कहते है।
वायु जो पूरी पृथ्वी को कंबल के समान ढके रहती है , उसे वायुमंडल कहते है।
जीवित पदार्थ वहीं पाए जाते है जहाँ ये तीनों अवयव स्थित होते है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
जीवन को आश्रय देने वाला पृथ्वी का वह घेरा जहाँ वायुमंडल , स्थलमंडल तथा जलमंडल एक – दूसरे से मिलकर जीवन को संभव बनाते है , जीवमंडल कहलाता है।
सजीव , जीवमंडल के जैविक घटक तथा वायु , जल और मृदा निर्जीव घटक को बनाते है।
यूकैरियोटी कोशिकाओं और बहुत – सी प्रोकैरियोटी कोशिकाओं को ग्लूकोस अणुओं को तोड़ने तथा उससे ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसके परिणामस्वरूप कार्बन डाइऑक्साइड की उत्पत्ति होती है।
हमारे वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 1 प्रतिशत का एक छोटा – सा भाग है क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड दो विधियों से स्थिर होती है :-
1. हरे पेड़ पौधे सूर्य की किरणों की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड को ग्लूकोस में बदल देते है तथा
2. बहुत – से समुद्री जंतु समुद्री जल में घुले कार्बोनेट से अपने कवच बनाते है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
वायुमंडल पृथ्वी के औसत तापमान को दिन के समय और यहाँ तक कि पूरे वर्षभर लगभग नियत रखता है।
वायुमंडल दिन में तापमान को अचानक बढ़ने से रोकता है और रात के समय ऊष्मा को बाहरी अंतरिक्ष में जाने की दर को कम करता है।
स्थल और जलाशयों के ऊपर विषम रूप से वायु के गर्म होने के कारण पवनें उत्पन्न होती है।
जलाशयों से होने वाले जल का वाष्पीकरण तथा संघनन हमें वर्षा प्रदान करता है।
वर्षा का पैटर्न , पवनों के पैटर्न पर निर्भर करता है।
भारत के बहुत बड़े भू – भाग में अधिकतर वर्षा दक्षिण पश्चिम या उत्तर पूर्वी मानसून के कारण होती है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला और पेट्रोलियम पदार्थों में नाइट्रोजन और सल्फर की बहुत कम मात्रा होती है।
जब ये ईंधन जलते है तब नाइट्रोजन और सल्फर भी इसके साथ जलते है तथा यह नाइट्रोजन और सल्फर के विभिन्न ऑक्साइड उत्पन्न करते है।
ये गैसें वर्षा के जल में मिलकर अम्लीय वर्षा का निर्माण करती है।
जीवाश्म ईंधनों का दहन वायु में निलंबित कणों की मात्रा को भी बढ़ा देते है।
ये निलंबित कण बिना जले कार्बन कण या पदार्थ हो सकते है जिन्हे हाइड्रोकार्बन कहा जाता है।
इन सभी प्रदूषकों की अधिक मात्रा में उपस्थिति दृश्यता को कम करती है विशेषकर सर्दी के मौसम में जब जल भी वायु के साथ संघनित होता है।
इसे धूम कोहरा कहते है तथा ये वायु प्रदूषण की ओर संकेत करते है।
वायु में स्थित इन हानिकारक पदार्थों की वृद्धि को वायु प्रदूषण कहते है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
जल पृथ्वी की सतह के सबसे बड़े भाग पर उपस्थित है और यह भूमिगत भी होता है।
जल की कुछ मात्रा जलवाष्प के रूप में वायुमंडल में भी पाई जाती है।
पृथ्वी की सतह पर पाया जाने वाला अधिकतर जल समुद्र और महासागरों में है तथा खारा है।
शुद्ध जल बर्फ के रूप में दोनों ध्रवों पर और बर्फ से ढके पहाड़ों पर पाया जाता है।
भूमिगत जल और नदियों , झीलों और तालाबों का जल भी शुद्ध होता है।
सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में होती हैं। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
सभी प्रतिक्रियाएँ जो हमारे शरीर में या कोशिकाओं के अंदर होती हैं , वह जल में घुले हुए पदार्थों में होती है।
शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में पदार्थों का संवहन घुली हुई अवस्था में होता है।
स्थलीय जीवों को जीवित रहने के लिए शुद्ध जल की आवश्यकता होती है क्योंकि खारे जल में नमक की अधिक मात्रा होने के कारण जीवों का शरीर उसे सहन नहीं कर पाता है।
जल में किसी बाहरी पदार्थ की मौजूदगी जो जल के स्वाभाविक गुणों को इस प्रकार बदल दे कि जल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाए पीने या इस्तेमाल करने लायक ना रहे जल प्रदूषण कहलाता है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
मृदा एक मिश्रण है। इसमें विभिन्न आकार के छोटे – छोटे टुकड़े मिले होते हैं।
इसमें सड़े – गले जीवों के टुकड़े भी मिले होते हैं , जिसे ह्यूमस कहा जाता है।
इसके अतिरिक्त , मिट्टी में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीव भी मिले होते हैं।
मृदा के प्रकार का निर्णय उसमें पाए जाने वाले कणों के औसत आकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।
मृदा के गुण को उसमे उपस्थित ह्यूमस की मात्रा और पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों के आधार पर किया जाता है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
मृदा की संरचना का मुख्य कारक ह्यूमस है क्योंकि यह मृदा को सरंध्र बनाता है और वायु तथा जल को भूमि के अंदर जाने में सहायता करता है।
खनिज पोषक तत्व जो उस मृदा में पाए जाते हैं वह उन पत्थरों पर निर्भर करते हैं जिससे मृदा बनी है।
किसी मृदा पर कौन – सा पौधा होगा यह इस पर निर्भर करता है कि उस मृदा में पोषक तत्व कितने हैं , ह्यूमस की मात्रा कितनी है और उसकी गहराई क्या है।
मृदा की ऊपरी सतह में जिसमें मृदा के कणों के अतिरिक्त ह्यूमस और सजीव स्थित होते हैं , उसे ऊपरिमृदा कहा जाता है।
ऊपरिमृदा की गुणवत्ता जो उस क्षेत्र की जैविक विविधता को निर्धारित करती है , में एक महत्वपूर्ण कारक है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
उपयोगी घटकों का मृदा से हटना और दूसरे हानिकारक पदार्थों का मृदा में मिलना जो कि मृदा की उर्वरता को प्रभावित करते हैं और उसमें स्थित जैविक विविधता को नष्ट कर देते हैं। इसे भूमि – प्रदूषण कहते हैं।
मृदा की ऊपरी परत ( ऊपरिमृदा ) का हटना , मृदा अपरदन कहलाता है।
पौधों की जड़े मृदा के अपरदन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बड़े स्तर पर जंगलों को काटना न केवल जैविक विविधता को नष्ट कर रहा है बल्कि मृदा के अपरदन के लिए भी उत्तरदायी है।
जीवमंडल के जैविक और अजैविक घटकों के बीच का सामंजस्य के द्वारा जीवमंडल को गतिशील और स्थिर बनता है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
इस सामंजस्य के द्वारा जीवमंडल के विभिन्न घटकों के बीच पदार्थ और ऊर्जा का स्थानांतरण होता है।
उस पूरी प्रक्रिया को , जिसके द्वारा जल , जलवाष्प बनता है और वर्षा के रूप में सतह पर गिरता है और फिर नदियों के द्वारा समुद्र में पहुँच जाता है , जलीय चक्र कहते हैं।
कुछ गैसें पृथ्वी से उष्मा को पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर जाने से रुकती है।
वायुमंडल में विद्यमान इस प्रकार की गैसों में वृद्धि संसार के औसत तापमान को बढ़ा सकती हैं। इस प्रकार के प्रभाव को ग्रीनहाउस प्रभाव कहते हैं।
कार्बन डाइऑक्साइड भी इसी प्रकार की ग्रीनहाउस गैस है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
ऑक्सीजन – चक्र
ऑक्सीजन पृथ्वी पर बहुत अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है।
इसकी मात्रा मूल रूप से वायुमंडल में लगभग 21% है।
यह बड़े पैमाने पर पृथ्वी के पटल में यौगिक के रूप में तथा वायु में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में भी पाई जाती है।
पृथ्वी के पटल में यह धातुाओं तथा सिलिकन के ऑक्साइडों के रूप में पाई जाती है।
यह कार्बोनेट , सल्फेट , नाइट्रेट तथा अन्य खनिजों के रूप में भी पाई जाती है।
यह जैविक अणुओं ; जैसे – कार्बोहाइड्रेटस , प्रोटीन , न्यूक्लिक अम्ल और वसा का भी एक आवश्यक घटक है।
वायुमंडल से ऑक्सीजन का उपयोग तीन प्रक्रियाओं में होता है , जिनके नाम है : श्वसन , दहन तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड के निर्माण में।
वायुमंडल में ऑक्सीजन केवल एक ही मुख्य प्रक्रिया , जिसे प्रकाश संश्लेषण कहते हैं , के द्वारा लौटती है।
यधपि हम जीवन में श्वसन की क्रिया में ऑक्सीजन को महत्वपूर्ण मानते हैं , परंतु कुछ जीव मुख्यतः बैक्टीरिया , तत्वीय ऑक्सीजन द्वारा जहरीले हो जाते हैं।
वास्तव में , बैक्टीरिया के द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में नहीं होती। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
ओजोन परत
तत्वीय ऑक्सीजन मूल रूप में सामान्यतः द्विपरमाणविक अणु के रूप में पाई जाती है।
यद्यपि , वायुमंडल के ऊपरी भाग में ऑक्सीजन के तीन परमाणु वाले अणु भी पाए जाते हैं।
इसका सूत्र होता है तथा इसे ओजोन कहते हैं।
ऑक्सीजन में सामान्य द्विपरमाणविक अणु के विपरीत ओजोन विषैला होता है।
ओजोन सूर्य से आने वाले हानिकारक विकरणों को अवशोषित करती है और उन्हें पृथ्वी की सतह पर पहुंचने से रोकती है जो कि कई जीवरूपों को हानि पहुंचा सकते हैं।
मनुष्य के द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के यौगिक जैसे क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन वायुमंडल में स्थिर अवस्था में उपस्थित हो जाते हैं।
क्लोरीन तथा फ्लोरीन युक्त कार्बन यौगिक है। ये बहुत स्थायी होते हैं तथा किसी जैव – प्रक्रिया द्वारा भी विघटित नहीं होते हैं।
एक बार जब वे ओजोन परत के समीप पहुंचते हैं , वे ओजोन परमाणु के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। जो ओजोन की परत के हास का कारण बन जाता है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
कार्बन – चक्र
कार्बन पृथ्वी पर बहुत सारी अवस्थाओं में पाया जाता है। यह अपने मूल रूप में हीरा और ग्रेफाइट में पाया जाता है।
यौगिक के रूप में यह वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में , विभिन्न प्रकार के खनिजों में कार्बोनेट और हाइड्रोजन कार्बोनेट के रूप में पाया जाता है।
जबकि सभी जीवरूप कार्बन आधारित अणुओं ; जैसे – प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , वसा , न्यूक्लिक अम्ल और विटामिन पर आधारित होते है।
बहुत सारे जंतुओं के बाहरी और भीतरी कंकाल भी कार्बोनेट लवणों से बने होते हैं।
प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया द्वारा कार्बन जीवन के विभिन्न प्रकारों में समाविष्ट होता है।
यह प्रक्रिया वायुमंडल में या जल में घुल कार्बन डाइऑक्साइड को ग्लूकोस अणुओं में बदल देती है।
ये ग्लूकोस अणु या तो दूसरे पदार्थों में बदल दिए जाते हैं या ये दूसरे जैविक रूप से महत्वपूर्ण अणुओं के संश्लेषण के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
जीवित प्राणियों को ऊर्जा प्रदान करने के प्रक्रिया में ग्लूकोज का उपयोग होता है।
श्वसन की क्रिया द्वारा ग्लूकोस को कार्बन डाइऑक्साइड में बदलने के लिए ऑक्सीजन का उपयोग हो भी सकता है और नहीं भी।
यह कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में वापस चली जाती है।
जल की तरह कार्बन का भी विभिन्न भौतिक एवं जैविक प्रक्रिया के द्वारा पुनर्चक्रण होता है। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
नाइट्रोजन – चक्र
हमारे वायुमंडल का 78% भाग नाइट्रोजन गैस है।
यह गैस जो जीवन के लिए आवश्यक बहुत सारे अणुओं का भाग है; जैसे – प्रोटीन , न्यूक्लिक अम्ल , डी.एन.ए और आर.एन.ए तथा कुछ विटामिन।
नाइट्रोजन दूसरे जैविक यौगिकों में भी पाया जाता है ; जैसे एल्केलाइड् तथा यूरिया। इसलिए नाइट्रोजन सभी प्रकार के जीवों के लिए एक आवश्यक पोषक है।
सभी जीवरूपों द्वारा वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन गैस के प्रत्यक्ष उपयोग से जीवन सरल हो जाएगा।
यद्यपि कुछ प्रकार के बैक्टीरिया को छोड़कर दूसरे जीवरूप निष्क्रिय नाइट्रोजन परमाणुओं को नाइट्रेट्स तथा नाइट्राइट्स जैसे दूसरे आवश्यक अणुओं में बदलने में सक्षम नहीं है।
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले ये बैक्टीरिया या तो स्वतंत्र रूप से रहते हैं यह द्विबीजपत्री पौधों की कुछ स्पीशीज के साथ पाए जाते हैं।
साधारणत: ये नाइट्रोजन को स्थिर करने वाले बैक्टीरिया फलीदार पौधों की जड़ों में एक विशेष प्रकार की संरचना ( मूल ग्रंथिका ) में पाए जाते हैं।
इन बैक्टीरिया के अलावा नाइट्रोजन परमाणु नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स में भौतिक प्रक्रिया के द्वारा बदलते हैं।
बिजली चमकने के समय वायु में पैदा हुआ उच्च ताप तथा दाब नाइट्रोजन को नाइट्रोजन के ऑक्साइड में बदल देता है।
ये ऑक्साइड जल में घुलकर नाइट्रिक तथा नाइट्रस अम्ल बनाते हैं और वर्षा के साथ भूमि की सतह पर गिरते हैं। तब इसका उपयोग विभिन्न जीवरूपों द्वारा किया जाता है।
सामन्यतः पौधे नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स को ग्रहण करते हैं तथा उन्हें अमीनो अम्ल में बदल देते हैं जिनका उपयोग प्रोटीन बनाने में होता है।
कुछ दूसरे जैव – रासायनिक विकल्प है जिनका प्रयोग नाइट्रोजन वाले दूसरे जटिल यौगिकों को बनाने में होता है।
इन प्रोटीनों और दूसरे जटिल यौगिकों का प्रयोग जंतुओं द्वारा किया जाता है।
जब जंतु या पौधे की मृत्यु हो जाती है तो मिट्टी में मौजूद अन्य बैक्टीरिया विभिन्न यौगिकों में स्थित नाइट्रोजन और नाइट्रेट्स और नाइट्राइट्स में बदल देते हैं तथा अन्य तरह के बैक्टीरिया इन नाइट्रेट्स एवं नाइट्राइट्स को नाइट्रोजन तत्व में बदल देते हैं।
इसी प्रकार , प्रकृति में एक नाइट्रोजन – चक्र होता है जिसमें नाइट्रोजन वायुमंडल में अपने मूल रूप से गुजतरा हुआ मृदा और जल में साधारण परमाणु के रूप में बदलता है तथा जीवित प्राणियों में और अधिक जटिल यौगिकों के रूप में बदल जाता है।
फिर ये साधारण परमाणु के रूप में वायुमंडल में वापस आ जाता हैं। प्राकृतिक संपदा क्लास 9 नोट्स
MCQ
प्रश्न 1. पृथ्वी की सबसे बाहरी परत को कहते है –
उत्तर- स्थलमंडल
प्रश्न 2. पृथ्वी के 75 प्रतिशत भाग पर जल है। यह भूमिगत जल के रूप में भी पाया जाता है। इन सभी को कहते है –
उत्तर- जलमंडल
प्रश्न 3. वायु जो पूरी पृथ्वी को कंबल के समान ढके रहती है , उसे कहते है –
उत्तर- वायुमंडल
प्रश्न 4. जीवन को आश्रय देने वाला पृथ्वी का वह घेरा जहाँ वायुमंडल , स्थलमंडल तथा जलमंडल एक – दूसरे से मिलकर जीवन को संभव बनाते है , कहलाता है –
उत्तर- जीवमंडल
प्रश्न 5. सजीव , जीवमंडल के है –
उत्तर- जैविक घटक
प्रश्न 6. वायुमंडल पृथ्वी के औसत तापमान को दिन के समय और यहाँ तक कि पूरे वर्षभर रखता है –
उत्तर- लगभग नियत
प्रश्न 7. दिन में तापमान को अचानक बढ़ने से रोकता है –
उत्तर- वायुमंडल
प्रश्न 8. स्थल और जलाशयों के ऊपर विषम रूप से वायु के गर्म होने के कारण उत्पन्न होती है –
उत्तर- पवनें
प्रश्न 9. जलाशयों से होने वाले जल का वाष्पीकरण तथा संघनन हमें प्रदान करता है –
उत्तर- वर्षा
प्रश्न 10. भारत के बहुत बड़े भू – भाग में अधिकतर वर्षा मानसून के कारण होती है –
उत्तर- दक्षिण पश्चिम या उत्तर पूर्वी
प्रश्न 11. जल की कुछ मात्रा जलवाष्प के रूप में भी पाई जाती है –
उत्तर- वायुमंडल में
प्रश्न 12. सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ होती हैं –
उत्तर- जलीय माध्यम में
प्रश्न 13. शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में पदार्थों का संवहन होता है –
उत्तर- घुली हुई अवस्था में
प्रश्न 14. मृदा के प्रकार का निर्णय निर्धारित किया जाता है –
उत्तर- उसमें पाए जाने वाले कणों के औसत आकार द्वारा
प्रश्न 15. मृदा की संरचना का मुख्य कारक है –
उत्तर- ह्यूमस
प्रश्न 16. मृदा की ऊपरी सतह में जिसमें मृदा के कणों के अतिरिक्त ह्यूमस और सजीव स्थित होते हैं , उसे कहा जाता है –
उत्तर- ऊपरिमृदा
प्रश्न 17. उपयोगी घटकों का मृदा से हटना और दूसरे हानिकारक पदार्थों का मृदा में मिलना जो कि मृदा की उर्वरता को प्रभावित करते हैं और उसमें स्थित जैविक विविधता को नष्ट कर देते हैं। इसे कहते हैं –
उत्तर- भूमि – प्रदूषण
प्रश्न 18. मृदा की ऊपरी परत ( ऊपरिमृदा ) का हटना कहलाता है –
उत्तर- मृदा अपरदन
प्रश्न 19. उस पूरी प्रक्रिया को , जिसके द्वारा जल , जलवाष्प बनता है और वर्षा के रूप में सतह पर गिरता है और फिर नदियों के द्वारा समुद्र में पहुँच जाता है , उसे कहते हैं –
उत्तर- जलीय चक्र
प्रश्न 20. हमारे वायुमंडल का 21% भाग है –
उत्तर- ऑक्सीजन का
प्रश्न 21. वायुमंडल से ऑक्सीजन का उपयोग तीन प्रक्रियाओं में होता है , जिनके नाम है :
उत्तर- श्वसन , दहन तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड के निर्माण में
प्रश्न 22. वायुमंडल में ऑक्सीजन केवल एक ही मुख्य प्रक्रिया , जिसे कहते हैं , के द्वारा लौटती है –
उत्तर- प्रकाश संश्लेषण
प्रश्न 23. बैक्टीरिया के द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया नहीं होती –
उत्तर- ऑक्सीजन की उपस्थिति में
प्रश्न 24. तत्वीय ऑक्सीजन मूल रूप में सामान्यतः पाई जाती है –
उत्तर- द्विपरमाणविक अणु के रूप में
प्रश्न 25. वायुमंडल के ऊपरी भाग में ऑक्सीजन के तीन परमाणु वाले अणु भी पाए जाते हैं , इन्हे कहते है –
उत्तर- ओजोन
प्रश्न 26. ऑक्सीजन में सामान्य द्विपरमाणविक अणु के विपरीत ओजोन होता है –
उत्तर- विषैला
प्रश्न 27. कार्बन अपने मूल रूप में पाया जाता है –
उत्तर- हीरा और ग्रेफाइट में
प्रश्न 28. कार्बन जीवन के विभिन्न प्रकारों में समाविष्ट होता है –
उत्तर- प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया द्वारा
प्रश्न 29. प्रकाशसंश्लेषण की प्रक्रिया वायुमंडल में या जल में घुल कार्बन डाइऑक्साइड को बदल देती है –
उत्तर- ग्लूकोस अणुओं में
प्रश्न 30. जीवित प्राणियों को ऊर्जा प्रदान करने के प्रक्रिया में उपयोग होता है –
उत्तर- ग्लूकोज का
प्रश्न 31. हमारे वायुमंडल का 78% भाग है –
उत्तर- नाइट्रोजन गैस
प्रश्न 32. नाइट्रोजन को स्थिर करने वाले बैक्टीरिया फलीदार पौधों की जड़ों में एक विशेष प्रकार की संरचना में पाए जाते हैं –
उत्तर- मूल ग्रंथिका
प्रश्न 33. बिजली चमकने के समय वायु में पैदा हुआ उच्च ताप तथा दाब नाइट्रोजन को बदल देता है –
उत्तर- नाइट्रोजन के ऑक्साइड में